गुलशन कश्यप/
जमुई
. जिले में एक बुजुर्ग ऐसे भी हैं जो पिछले 58 सालों से जंगल, पहाड़ और कंदराओं की खाक छान रहे हैं. 81 साल की उम्र में भी वन-वन घूमते रहते हैं. इनका कहना है कि इसी कारण आज तक उनकी आंखों पर चश्मा नहीं लगा है और उनका पूरा दिन ऊर्जा से भरा रहता है. दरअसल, यह कहानी जमुई जिला के रहने वाले 81 वर्षीय बुजुर्ग अर्जुन मंडल की है, जो पिछले 58 सालों से औषधीय पौधों का न सिर्फ संरक्षण करते आ रहे हैं बल्कि उसका अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल भी करते हैं और इसी प्रयास को देखते हुए उनका चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए किया गया है.
आगामी 12 सितंबर को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी हाथों से पुरस्कृत करेंगे. अर्जुन मंडल जमुई जिला के लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत चिनबेरिया गांव के रहने वाले हैं और पिछले 58 सालों से औषधीय पौधों का संरक्षण करते आ रहे हैं.
20 हजार से भी अधिक है इनके बगीचे में औषधीय पौधे
अर्जुन मंडल ने बताया कि एक औषधिय बगीचा बनाया गया है. जिसमें 200 से भी अधिक प्रजाति के 20 हजार से भी अधिक पौधे उपलब्ध हैं. उन्होंने बताया कि बगीचे में पड़ा कोई भी पौधा गैर जरूरी नहीं है. हर पौधे का अपना एक अलग इस्तेमाल है और इसका उपयोग कर लोग तरह-तरह की बीमारियों से बच सकते हैं. उन्होंने बताया कि बगीचे में ऐसा भी पौधा है, इसके इस्तेमाल से महिला के जीवन में होने वाली गंभीर समस्याओं से भी बचा जा सकता है.
गांव-गांव जाकर करते हैं पौधों का वितरण
पिछले 58 सालों से अर्जुन मंडल औषधीय पौधों को संरक्षित करते आए हैं. जिसमें से ज्यादातर पौधे उन्होंने जमुई जिला में मौजूद वन्य क्षेत्र से ही ढूंढ कर अपने बगीचे में लगाया है. इसके अलावा कृषि महाविद्यालय तथा अन्य कृषि वैज्ञानिकों के द्वारा भी उन्हें कई प्रकार का औषधीय पौधा उपलब्ध कराया गया है. अर्जुन मंडल बताते हैं कि उनका लक्ष्य यह है कि हर गांव में औषधीय पौधा पहुंचे तथा हर किचन में एक औषधीय किचन गार्डन हो. इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि गांव-गांव घूम कर भी लोगों के बीच औषधीय पौधों का मुफ्त में वितरण करते हैं तथा उनके पास से कोई भी व्यक्ति आसानी से औषधीय पौधा ले जा सकता है. उन्होंने बताया कि अगर चाहे तो अपने घर की रसोई में एक औषधीय किचन गार्डन बना सकते हैं तथा अपने दैनिक जीवन में भी इसका इस्तेमाल शुरू कर सकते हैं. जिससे बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं.
पूर्व में पीएम मोदी से भी पा चुके हैं सम्मान
अर्जुन मंडल इससे पहले वर्ष 2013 में गुजरात में आयोजित एक कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ किसान का पुरस्कार जीत चुके हैं. यह सम्मान उन्हें भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री तथा गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के द्वारा दिया गया था. आम की अच्छी खेती को लेकर उनके द्वारा किए गए प्रयासों को लेकर उन्हें सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें बिहार सरकार के द्वारा किसान श्री के पुरस्कार से भी नवाजा गया है तथा कई ऐसे पुरस्कार हैं जो अब तक अर्जुन मंडल को दिए गए हैं. उसके बाद अब उनका चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए किया गया है.