गजब का शख्स! साइकिल से ही नाप दिए दुनिया के 92 देश, इस राइड की है खास वजह

गजब का शख्स! साइकिल से ही नाप दिए दुनिया के 92 देश, इस राइड की है खास वजह

हिमांशु नारंग/करनाल:

दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने दुनिया की हर चुनौती बौनी साबित होती है. इसी इच्छाशक्ति के साथ साइकिल बाबा के नाम से मशहूर हरियाणा के डॉ. राज साइकिल से दुनिया घूमने निकले हैं. अब तक 92 देशों को अपनी साइकिल से नाप चुके हैं.

डॉ. राज उर्फ साइकिल बाबा करनाल पहुंचे, जहां उनसे न्यूज़18 ने खास बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि 2030 तक पूरी दुनिया घूमने का लक्ष्य रखा है. यहां महत्वपूर्ण बात ये है कि साइकिल से दुनिया नापने के पीछे उनकी बहुत की नेक सोच है. डॉ. राज यात्रा के दौरान लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं.

साइकिल से दुनिया घूमने की कहानी

साइकिल बाबा ने जिला फतेहाबाद से वर्ष 2016 में पांच सितंबर को ‘व्हील्स फॉर ग्रीन’ थीम के साथ अपनी राइड शुरू की थी और वह अब तक एक लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. फतेहाबाद निवासी डॉ. राज अब तक भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, वियतनाम, कंबोडिया, नेपाल, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, लॉआस, इंडोनेशिया, ताइवान, जापान, कोरिया, हांगकांग, चाइना, ओमान, ईरान, अजबेरिया, तुर्की, मकाउ, फिलीपींस, जॉर्जिया, यूके, नीदरलैंड जैसे देशों तक पहुंच चुके हैं. इन्होंने यूरोप की 15 कंट्री कंप्लीट की और उसके बाद स्कॉटलैंड गए.

पर्यावरण के लिए करना है काम

आगे बताया कि फिर वापिस यूरोप में एंटर किया, क्योंकि यूरोप में सिर्फ तीन महीने ही रह सकते हैं, उससे ज्यादा नहीं रह सकते. वह अब तक 92 देशों में जा चुके हैं. उन्होंने अफ्रीका के भी कई देशों में सफर किया है. उनका संदेश पर्यावरण को बचाए रखना है और इसी के चलते वह ये राइड कर रहे हैं, उनका मानना है कि पूरे विश्व में पर्यावरण की समस्या है, जिसके लिए हमें सबको मिलकर काम करने की जरूरत है. राज ने बताया कि उनकी राइड अभी चल रही है. वह पूरी दुनिया को अपनी साइकिल से नापने निकले हैं. अभी उनकी जो राइड की करंट लोकेशन है, वह स्पेन की है. लेकिन, उनको इंजरी हुई है और उसके इलाज के लिए उन्हें वापिस भारत लौटना पड़ा.

लाखों में साइकिल की कीमत

साइकिल बाबा की साइकिल की कीमत 2 लाख रुपये है. अभी दुनिया के कई और देशों का सफर बाकी है, ऐसे में डॉ. राज एक नई साइकिल लेने के बारे में विचार कर रहे हैं, जिसकी कीमत करीब 5 लाख रुपये है. डॉ. राज ने बताया कि भारतीय दूतावास उनके वीजा के लिए काफी मदद करता है, जिस भी देश में जाते हैं, वहां पर भारतीय दूतावास से संपर्क करते हैं और उनकी मदद से उन्हें वहां का वीजा भी मिल जाता है.

किसने दिया साइकिल बाबा उपनाम

डॉ.  राज ने बताया है कि वह फिलीपींस में थे और वहां पर भारतीय दूतावास में एंबेसडर ने एक लेटर लिखकर दिया था. उसी लेटर में लिखा हुआ था डॉ. राज साइकिल बाबा, जब एंबेसडर से साइकिल बाबा लिखने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आप साइकिल पर यात्रा कर रहे हैं और दूसरा आप कुछ कर तो नहीं रहे और बाबा की तरह ही घूम रहे हैं. इसलिए साइकिल बाबा लिख दिया. उसके बाद ही मैंने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट का नाम साइकिल बाबा रख दिया.

युवाओं को सीख

डॉ. राज ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अगर जिंदगी में आए हो तो ट्रैवल जरूर करो. चाहे वह साइकिल से हो या फिर ट्रेन से हो या फिर पैदल चलना पड़े. ट्रैवल अपने आप में ही बहुत कुछ चीज सिखाता है. जब ट्रैवल करेंगे तो आपको वहां का कल्चर भी पता चलेगा और भौगोलिक ज्ञान भी होगा.

वीजा की आती है दिक्कत

साइकिल बाबा ने बताया कि जब एक देश से दूसरे देश में यात्रा करते हैं तो कई तरह की दिक्कतें आती हैं. कहीं पर वीजा का ईशू आ जाता है तो कहीं पर बॉर्डर का ईशू आ जाता है. कहीं की भौगोलिक स्थिति भी आड़े आ जाती है. ऐसे में इन बाधाओं को दूर करने के लिए कभी फ्लाइट तो कभी समुद्री जहाज का सहारा लेना पड़ता है. अगर वीजा को लेकर दिक्कत आती है तो भारतीय दूतावास सहायता कर देता है.

hindi.news18.com

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