बिना हवाई जहाज पूरी दुनिया घूम आया शख्‍स, 8 साल बिना रुके चलता रहा, जान‍िए कैसे किया सबकुछ

बिना हवाई जहाज पूरी दुनिया घूम आया शख्‍स, 8 साल बिना रुके चलता रहा, जान‍िए कैसे किया सबकुछ

डेनमार्क के टोरबॉर्न पेडर्सन ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसका ज्यादातर लोग सिर्फ सपना देखते हैं. वह दुनिया के सभी 195 देशों की यात्रा करने में कामयाब रहे और बिना एक भी उड़ान लिए. टोरबॉर्न ने 2013 में अपनी यात्रा शुरू की. वह नया रिकॉर्ड बनाना चाहते थे. इसल‍िए जरूरी सामान जैसे कि शर्ट, जैकेट, जूते और प्राथमिक चिकित्सा किट लेकर घर से निकल लिए. हालांकि, भाग्‍य में उनके कुछ और ही लिखा था. बिना रुके-बिना थके चलते रहे और सफल यात्रा के बाद जब डेनमार्क में एक नाव से उतरे तो उनका जबरदस्‍त स्‍वागत किया गया .

वाशिंगटन पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेडर्सन ने 4.18 लाख किलोमीटर की कुल यात्रा की. इस दौरान कारों, बसों, टैक्‍स‍ियों, नावों , शिपिंग कंटेनरों और ट्रेन से सफर किया. हजारों किलोमीटर पैदल भी चले. कई बार उनका मौत से सामना हुआ. वीजा फंसा और लगा कि अब जेल में ठूंस दिए जाएंगे. इसके बावजूद पेडर्सन दृढ़ रहे और असंभव प्रतीत होने वाले कार्य को पूरा किया. आप जानकर हैरान होंगे कि इस शख्‍स की इच्‍छा तब हुई जब वह एक पर्यटक के बारे में पढ़ रहे थे. उसकी कहानी पढ़ने के बाद लगा कि यह बेहद दिलचस्‍प टूर होगा. यह सोचकर अक्टूबर 2013 में डेनमार्क से जर्मनी तक जाने वाली ट्रेन पकड़ ली.

प्रतिदिन केवल 20 डॉलर खर्च

पेडर्सन ने प्रतिदिन केवल 20 डॉलर यानी तकरीबन 1600 रुपये खर्च किए. जहां भी गए, ज्‍यादातर जगह स्‍टूडेंट हॉस्‍टल में कमरा लिया. कई जगह लोगों ने उन्‍हें खुद लिफ्ट दी. आप जानकर और भी हैरान होंगे कि पेडर्सन ने हर देश में कम से कम 24 घंटे बिताए. उन्‍होंने बताया कि यूरोप में यात्रा करना बेहद आसान था. पहली चुनौती उन्‍हें दिसंबर 2013 में झेलनी पड़ी, जब वह नॉर्वे से फरो आइलैंड तक समुद्र से जाना चाहे थे, लेकिन नाव ही नहीं मिली. तीन दिन तक वहीं फंसे रहे. यहां तक कि एक श‍िपिंग कंपनी के जहाज पर भी चढ़ने की अनुमत‍ि नहीं मिली. इसके बावजूद वह थके नहीं और अपनी यात्रा जारी रखी. पेडर्सन ने कहा, उस समय इस तरह की चीज़ें कठिन लगती थीं, लेकिन अब यह बच्‍चों का खेल नजर आती हैं.

भयानक हिमखंडों से गुजरते हुए डरे

मई 2014 में भयंकर तूफान के दौरान खतरनाक परिस्थितियों और भयानक हिमखंडों से गुजरते हुए पेडर्सन ने आइसलैंड से नाव की सवारी की. मगर जब नाव कनाडा की ओर बढ़ी तो पेडर्सन गए. उन्‍हें लगा कि अब तो डूब ही जाना है. क्‍योंकि तूफान विकराल रूप ले चुका था. दिक्‍कत और हुई जब 2015 में घाना के एक डॉक्‍टर ने बताया दिया कि उन्हें सेरेब्रल मलेरिया हो गया है. इससे उन्‍हें मत‍िभ्रम हो रहा है और साधारण काम करने में भी दिक्‍कत हो रही है. इसके बावजूद वह डरे नहीं. 2016 में अफ्रीकी जंगल में यात्रा के दौरान उनका मौत से सामना हुआ. शराब के नशे में नाच रहे लोगों ने उन पर बंदू तान दी. हालांकि , बाद में उन्‍होंने बिना किसी नुकसान के जाने दिया. कई बार उनके वीजा आवेदन अस्‍वीकार कर दिए गए. कई बार टैक्‍सी ड्राइवरों ने मुफ्त में उन्‍हें सवारी कराई.

मौका मिलते ही गर्लफ्रेंड से कर ली शादी

इन सबसे बीच पेडर्सन के लिए कई खुशनुमा पल भी आए. 2016 में उन्होंने माउंट केन्या की चोटी पर अपनी विजिटिंग गर्लफ्रेंड को प्रपोज किया, जो उनके जीवन की सबसे अच्छी यादों में से एक बन गई. मार्च 2019 में वह साथी यात्रियों के साथ बीजिंग से उत्तर कोरिया की यात्रा पर निकले. उन्हें सरकारी भवनों के सामने तस्वीरें न लेने या नृत्य न करने की जानकारी दी गई. 2020 में हांगकांग पहुंचने पर, COVID-19 महामारी की शुरुआत के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंध लग गए. तब लगा कि सब थम जाएगा. उन्हें एक चर्च में काम करके अस्थायी आश्रय मिला, जिसने आवास प्रदान किया. 2022 में पेडर्सन वानुअतु में अपनी मंगेतर के साथ शादी के बंधन में बंध गए. उसी वर्ष, वह अंतिम देश मालदीव पहुंचे और बाद में कई महासागरों में डेनमार्क के लिए अपनी दो महीने की यात्रा शुरू की. उनकी घर वापसी पर लगभग 150 लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया.



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