हाइलाइट्स
- 1. हाइलाइट्स
- 2. नई दिल्ली.
- 3. क्या डिमांड्स करते हैं ऐप्स
- 4. क्या असर पड़ता है आपके फोन पर?
- 5. यह भी पढ़ें- 4 कारणों से स्मार्टफोन की स्क्रीन होती है ब्लैक आउट, खुद ही कर सकते हैं ठीक, बचेगा रिपेयरिंग का खर्चा
- 6. कैसे करें बचाव?
- 7. यह भी पढ़ें- मिल रहे हैं फोन से 5 संकेत, समझ लें नया डिवाइस खरीदने का आ गया है वक्त, अभी करें चेक
- 8. बैकग्राउंड रिफ्रेश बंद कीजिए
- 9. मल्टीपल ऐप्स से बचिए
- 10. ऐप रीइंस्टॉल
- 11. एक्टिविटी ट्रैकिंग बंद करें
ऐप्स अपनी सर्विस के बदले में आपसे बहुत कुछ डिमांड करते हैं.
जिन ऐप्स का ज्यादा इस्तेमाल होता है वे फोन को ज्यादा नुकसान करते हैं.
इनमें फेसबुक, यूट्यूब और वॉट्सऐप जैसे ऐप शामिल हैं.
नई दिल्ली.
आज लगभग हर वर्ग के लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. फोन के सभी फीचर्स और उसके लाभ उठाने लिए वे मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं. बैंकिग से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक के लिए ऐप इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके फोन में मौजूद ऐप्स भी डिमांडिंग होते हैं. ऐसे में अगर आप यह सोच रहे हैं कि ऐसा कुछ नहीं होता है, अब आपकी गलतफहमी दूर करने का वक्त आ चुका है. बता दें कि ऐप्स अपनी सर्विस के बदले में आपसे बहुत कुछ मांगते हैं और कई बार इन डिमांड्स से आपके फोन को नुकसान भी होता है. ऐप्स की इन्हीं डिमांड्स से आपके फोन की बैटरी से लेकर मेमोरी तक का नुकसान होता है.
चलिए अब आपको ऐप्स की उन डिमांड्स के बारे में बताते हैं, जो हमारे फोन पर असर डालती हैं. आपको जानकार आश्चर्य होगा कि जो ऐप्स आप सबसे ज्यादा यूज करते हैं, वही नुकसान भी ज्यादा करते हैं. Pcloud की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि टॉप 20 में वही ऐप्स हैं, जिनको हम हर दिन इस्तेमाल में लाते हैं.
क्या डिमांड्स करते हैं ऐप्स
आप जब भी कोई ऐप अपने मोबाइल पर इंस्टॉल करते हैं तो उसको यूज करने से पहले वो आपसे कुछ परमिशन मांगता है जैसे कि आपकी लोकेशन एक्सेस , फोन बुक रीडिंग आदि. ये ऐप्स आपसे फोटो गैलरी, वाई-फ़ाई, कैमरा, माइक्रोफोन और फ़ोल्डर का भी एक्सेस मांगते हैं. सोशल मीडिया ऐप्स तो 11 एक्स्ट्रा फीचर की डिमांड करते हैं. इन डिमांड्स में कुछ को तो मना किया जा सकता है, लेकिन ज्यादातर के लिए आपको हामी भरना पड़ती ही है.
क्या असर पड़ता है आपके फोन पर?
ऐप्स की डिमांड का आपके फोन पर काफी असर पड़ता है. ऐप की जितनी ज्यादा डिमांड्स होगी उनको पूरा करने के लिए आपके फोन को उतनी ही ज्यादा ताकत की जरूरत पड़ेगी, जिससे आपके फोन की बैटरी प्रभावित होगी. इसके अलावा फोन की मेमोरी और ओवरऑल परफ़ॉर्मेंस पर भी इसका साफ असर पड़ता है.
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इसके अलावा जब आप ऐप को यूज नहीं भी कर रहे होते हैं, तो वे बैकग्राउंड में काम कर रहे होते हैं और डेटा की खपत बढ़ाते हैं. ये ऐप आपके फोन की स्टोरेज पर भी असर डालते हैं. आम तौर पर आपके फोन में 64 जीबी की स्टोरेज होती है और कई ऐप्स अच्छी खासी स्टोरेज पर कब्जा कर लेते हैं.
कैसे करें बचाव?
अगर आप चाहते हैं कि इन ऐप्स का प्रभाव आपके फोन पर न पड़े, तो सबसे पहले तो हर ऐप की सभी डिमांड मत पूरी कीजिए. इसके अलावा सोशल मीडिया ऐप्स को भी आपकी लोकेशन की जरूरत नहीं है. सोशल मीडिया ऐप्स आमतौर आपकी लोकेशन को एक्सेस करके उसके हिसाब से आपको कंटेंट परोसते हैं.
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इसके अलावा आप लोकेशन बंद कर सकते हैं या आपको जरूरी लगता है तो आप While Using App का विकल्प चुन सकते हैं. ऑलवेज ऑन तो भूलकर भी चालू नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से आपकी फोन की बैटरी और डेटा की बचत तो होगी ही, प्राइवेसी भी बनी रहेगी.
बैकग्राउंड रिफ्रेश बंद कीजिए
इसके अलावा आपको फोन का बैकग्राउंड रिफ्रेश भी बंद कर देना चाहिए.
अगर फोन का बैकग्राउंड रिफ्रेश ऑन है तो ऐप समय-समय पर नए नोटिफिकेशन भेजता रहेगा और इसमें डेटा के साथ बैटरी की भी खपत होगी. यदि आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो सिर्फ उन ऐप्स के लिए ऑन रखिए जिनकी आपको सच में जरूरत है. आपके फोन की सेटिंग्स में इसका ऑप्शन होता है.
मल्टीपल ऐप्स से बचिए
एक काम के लिए सिर्फ एक ऐप का इस्तेमाल आपको कई झंझटों से मुक्ति दिला सकता है. गौरतलब है कि ऐप्स भले ही अलग-अलग कंपनी के हों, तकरीबन एक सी ही सर्विस और ऑफर मुहैया कराते हैं. सोशल मीडिया के साथ ऐसा नहीं कर सकते, लेकिन होटल बुकिंग के लिए बहुत सारे ऐप्स का भला क्या काम. अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से कोई भी ऐप आपके लिए सही रहेगा.
ऐप रीइंस्टॉल
आजकल फोन में ऐसी सुविधा होती है कि आप यूज ना होने वाले ऐप को अस्थाई तौर पर डिलीट कर सकते हैं. ऐसा करने से ऐप डिलीट तो हो जाएगा लेकिन उसका डेटा नहीं, मतलब आपको जब जरूरत हो तब इंस्टॉल करके यूज किया जा सकता है. इसके अलावा रोज यूज होने वाले ऐप्स के साथ भी ऐसा किया जा सकता है. ऐप्स आपके फोन की स्टोरेज यूज करते हैं, भले आपने कुछ सेव किया हो या नहीं.
एक्टिविटी ट्रैकिंग बंद करें
आपने देखा होगा कि जब भी आप किसी ऐप पर कुछ सर्च करते हैं तो उससे जुड़े पॉप अप आपको कई दूसरे ऐप पर भी दिखने लग जाते हैं. इंटरनेट की भाषा में इसको ट्रैकिंग कहा जाता है. आप अपने फोन में इनको बंद कर सकते हैं. एक्टिविटी ट्रैकिंग बंद होने से आपको फालतू के विज्ञापन से तो छुटकारा मिलेगा ही, फोन की बैटरी और ओवरऑल परफ़ॉर्मेंस पर भी असर साफ दिखेगा.