जब सेकेंड हैंड कार के इतने फायदे, तो क्यों खरीदने नई? जानिए 5 एडवांटेज

जब सेकेंड हैंड कार के इतने फायदे, तो क्यों खरीदने नई? जानिए 5 एडवांटेज

हाइलाइट्स

सेकेंड हैंड कार खरीदना फायदे का सौदा हो सकता है.
कम बजट है तो सेकेंड हैंड कार खरीदना बेहतर फैसला.
4-5 लाख में मिलती हैं फीचर रिच यूज्ड कारें.

नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई के चलते कार की कीमतें भी काफी बढ़ गई हैं. बीते कुछ साल में कार की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है. इस वजह से कम बजट के चलते आम आदमी के लिए कार खरीदना मुश्किल हो गया है. इस वजह से कई लोग सेकेंड हैंड कार खरीदने का फैसला लेते हैं. सेकेंड हैंड कार खरीदना कई मायनों में फायदे का सौदा साबित हो सकता है. कई बार आपको पुरानी कार में नई कार से बेहतर डील मिल जाती है.

मार्केट में 3-4 साल चली कार आपको आसानी से 4-5 लाख रुपये में मिल जाती है. सेकेंड हैंड कार खरीदने का एक फायदा यह भी है कि नई कार की तरह आपको इसकी कीमत की डेप्रिसिएशन की चिंता नहीं रहती. चूंकि आपने पहले से ही पुरानी कार सस्ते में खरीदी होती है इसलिए इसे दोबारा बेचने में भी आपका फायदे का ही सौदा है. यहां हम आपको बता रहे हैं सेकेंड हैंड कार खरीदने के 5 फायदों के बारें में जिसे जानने के बाद आप नई कार खरीदने का प्लान बदल लेंगे.

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1. कम बजट में फीचर लोडेड कार
सेकेंड हैंड या पुरानी कार को खरीदने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप कम बजट में एक फीचर लोडेड कार खरीद सकते हैं. सेकेंड हैंड कार बाजार में आपको कई गाड़ियों के टॉप वेरिएंट भी कम कीमत में मिल जाते हैं. इसलिए अगर बजट कम है तो कम फीचर्स वाली नई एंट्री-लेवल कार खरीदने से बेहतर है कि आप उतनी ही कीमत में सेकेंड हैंड कार का टॉप या मिड वेरिएंट खरीद लें. इनमें आपको एंट्री लेवल कार के मुकाबले कहीं ज्यादा फीचर्स मिलेंगे.

2. आरटीओ के खर्च में बचत
नई कार खरीदते समय आपको रजिस्ट्रेशन, रोड टैक्स और सेस समेत कई तरह के टैक्स भरने पड़ते हैं. इसका बोझ आपकी जेब पर पड़ता है और कार 50-60 हजार रुपये महंगी हो जाती है. लेकिन अगर आप सेकेंड हैंड या यूज्ड कार खरीदते हैं तो आप इन सभी खर्चों से बच सकते हैं. सेकेंड हैंड कार खरीदने के बाद आपको केवल रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करवाने का चार्ज भरना पड़ता है.

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3. गाड़ी के खराब होने का डर
जब आप नई कार खरीदते हैं तो उसे रख रखाव को लेकर काफी चिंता में रहते हैं. आपको हमेशा टेंशन रहती है कि कहीं कार में ठोकर न लग जाए या कहीं स्क्रैच न पड़ जाए. लेकिन पुरानी कार में आपको इन चीजों का डर नहीं सताता. कई लोग अपनी पुरानी कार में छोटे-मोटे स्क्रैच की चिंता नहीं करते.

4. ड्राइविंग सिखने के लिए है बेहतर
अगर आप ड्राइविंग सीखना चाहते हैं तो नई कार में सीखने से बेहतर होगा कि आप पुरानी कार में सीखें. कार ड्राइविंग सीखते समय आप कई बार गलतियां करते हैं और कई बार कार कहीं ठोकर भी खा जाती है. कई बार लोग क्लच, गियरबॉक्स या एक्सेलरेटर को ठीक से ऑपरेट नहीं करते इस वजह से उनके खराब होने का रिस्क भी रहता है. ऐसे में पुरानी कार से ड्राइविंग सीखना बेहतर होता है.

5. बेचने पर होगा पैसा वसूल
कई बार लोग सेकेंड हैंड कारों को उतनी ही कीमत पर बेच देते हैं जितनी उन्होंने उसे खरीदने में खर्च किया था. अगर आप अपनी सेकेंड हैंड कार को मेंटेन रखते हैं और उसका इंजन, क्लच और गियरबॉक्स सब ठीक तरह से काम कर रहा है, तो आपको उसके लिए अच्छी रिसेल वैल्यू मिल जाएगी.

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