क्‍या फायदे का सौदा है कार की वारंटी बढ़ाना या सिर्फ पैसे ऐंठने का तरीका

क्‍या फायदे का सौदा है कार की वारंटी बढ़ाना या सिर्फ पैसे ऐंठने का तरीका

हाइलाइट्स

कार खरीदने पर हर कंपनी कुछ साल की वारंटी भी साथ में देती है.
ज्‍यादातर कंपनियां 2 या 3 साल की वारंटी ही नई कार के साथ देती हैं.
इससे ज्‍यादा की वारंटी की जरूरत है तो ग्राहक को एक्‍स्‍ट्रा पैसे देने पड़ते हैं.

नई दिल्‍ली. कार खरीदने शोरूम पर पहुंचते ही आपको तमाम खूबियां गिनाई जाती है. कौन-सी कार लेनी है, यह तो आप पहले ही तय कर लेते हैं लेकिन शोरूम वाले उस कार के साथ तमाम तरह की अन्‍य सुविधाओं की जानकारी देना नहीं भूलते. ऐसी ही एक सुविधा होती है कार की वारंटी को बढ़ाना. जैसे ही आप कार शोरूम से बाहर निकालते हैं तो आपको उसके साथ वारंटी बढ़ाने के लिए भी कहा जाता है. आज हम आपको बताते हैं कि क्‍या आपके लिए वारंटी बढ़ाना फायदे का सौदा है या नहीं.

दरअसल, कार खरीदने पर हर कंपनी कुछ साल की वारंटी भी साथ में देती है. इस दरमियान अगर गाड़ी में कुछ दिक्‍कत आ जाए तो कंपनी उसे फ्री में ठीक करने की जिम्‍मेदारी लेती है. इसे वारंटी के जरिये कवर करते हैं. ज्‍यादातर कंपनियां 2 या 3 साल की वारंटी ही नई कार के साथ देती हैं. अगर इससे ज्‍यादा की वारंटी की जरूरत है तो ग्राहक को एक्‍स्‍ट्रा पैसे देकर कंपनी से लेनी पड़ती है.

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क्‍या है एक्‍सटेंडेड वारंटी
कार की वारंटी को बढ़ाना एक तरह से इंश्‍योरेंस लेने जैसा है. इसके जरिये मैन्‍युफैक्‍चरर की वारंटी के अलावा भी कार को अलग से सुरक्षा मिलती है. इसका मतलब है कि अगर कार के किसी पार्ट में कोई दिक्‍कत है तो बिना किसी खर्च के ही कंपनी उसे ठीक करेगी. इसमें कंपनी की असेसरीज के अलावा, इंजन और अन्‍य कीमती पार्ट शामिल किए जाते हैं. वारंटी की लागत प्रोडक्‍ट की कीमत और उसकी अवधि के हिसाब से तय की जाती है.

कैसे काम करती है यह वारंटी
जब आप कोई वारंटी खरीदते हैं तो इसका मतलब है कि आपने एक इंश्‍योरेंस प्रोडक्‍ट खरीदा है. ऐसे में किसी प्रॉब्‍लम के लिए आपकी वारंटी कंपनी ही इसका भुगतान करती है. क्‍लेम करने के लिए आपको वारंटी कंपनी से संपर्क करना होगा और उसके साथ प्रोडक्‍ट खरीदने का प्रूफ शेयर करना पड़ेगा. इसके बाद कंपनी की वारंटी के एवज में आपको नुकसान की लागत की भरपाई कर दी जाएगी.

  • क्‍या कवर होता है इसमें और क्‍या नहीं
  • खराब पार्ट की रिपेयरिंग और रीप्‍लेसमेंट कवर रहता है.
  • रिपेयरिंग का लेबर कॉस्‍ट व अन्‍य खर्चे भी शामिल रहते हैं.
  • कार रिपेयर कराने के दौरान अगर किराये पर गाड़ी लेनी होगी तो उसका खर्चा भी इसमें शामिल हो सकता है.
  • अगर एक्‍सीडेंट, मिसयूज और अन्‍य गलतियों से कोई पार्ट डैमेज होता है तो एक्‍टेंडेड वारंटी का लाभ नहीं मिलेगा.
  • नॉर्मर कटे-फटे चीजों को भी शामिल नहीं करते हैं.
  • कार की बैटरी भी एक्‍टेंडेड वारंटी में नहीं आती है.
  • इंक कार्टेज, फिल्‍टर, कॉस्‍मेटिक और गलत तरीके से किसी डिवाइस के इंस्‍टॉलेशन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई भी इसके जरिये नहीं की जाती है.

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