इन 5 बातों को जाने बिना न खरीदें इलेक्ट्रिक कार, वरना बाद में पड़ेगा पछताना

इन 5 बातों को जाने बिना न खरीदें इलेक्ट्रिक कार, वरना बाद में पड़ेगा पछताना

हाइलाइट्स

इलेक्ट्रिक कार की देख-रेख पेट्रोल कार से बिलकुल अलग है.
इलेक्ट्रिक कार के साथ आती हैं कुछ खास चुनौतियां.
खरीदने के पहले कुछ जान लें कुछ जरूरी बातें.

Demerits Of Electric Cars: दुनिया भर में हलचल है कि आने वाले समय में इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों की जगह ले लेंगी। लगभग सभी देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने पर जोर दिया जा रहा है. कई देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति भी घोषित की गई है जिसे तहत ई-वाहन खरीदने पर सब्सिडी और टैक्स में छूट दी जा रही है. भारत भी इन देशों में शामिल हैं.

इलेक्ट्रिक कारों को परिवहन का स्वच्छ विकल्प माना जाता है, लेकिन इनसे जुड़ी कुछ ऐसी परेशानियां भी हैं जिनका सामना इलेक्ट्रिक कार चलाने वाले हर एक सख्स को करना पड़ता है. अगर आप भी एकइले इलेक्ट्रिक कार खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको भी इनसे जुड़ी कुछ दिक्कतों के बारे में जरूर पता होना चाहिए, ताकि इलेक्ट्रिक कार खरीदने के बाद आपको पछतावा न हो.

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1. लंबा चार्जिंग टाइम
इलेक्ट्रिक कारों की सबसे बड़ी समस्या में से एक इन्हें चार्ज करने में लगने वाला समय है. एक नार्मल चार्जर से इलेक्ट्रिक कार को पूरी तरह चार्ज करने में औसतन 6-7 घंटे का समय लग जाता है. फास्ट चार्जर से बी इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग जाता है. अगर आपकी इलेक्ट्रिक कार में ज्यादा चार्ज नहीं है और आपको तुरंत कहीं निकलना पड़ जाए तो आप चाह कर उसे नहीं चला सकते।

2. बैटरी रिप्लेसमेंट का अधिक खर्च
बेशक इलेक्ट्रिक कारों का रनिंग कॉस्ट कम होता है, लेकिन इनका मेंटेनेंस काफी महंगा होता है. एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी 8 से 10 साल तक चलती है. वहीं समय के साथ बैटरी की चार्जिंग कैपेसिटी भी कम होने लगती है. बैटरी की रिप्लेसमेंट का खर्च कार की कीमत का 40% तक हो सकता है. यानी अगर इलेक्ट्रिक कार 15 लाख की है तो उसकी नई बैटरी के लिए आपको 6 लाख रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं.

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3. सर्विस में परेशानी
खराब होने पर आप अपनी पेट्रोल कार को लोकल वर्कशॉप या मैकेनिक से ठीक करवा सकते हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक कारों के मामले में ऐसा नहीं है. इलेक्ट्रिक कार को केवल कंपनी के ट्रेन्ड मैकेनिक ही ठीक कर सकते हैं. मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक कारों के लिए सर्विस सेंटर की काफी कमी है.

4. सीमित बैटरी रेंज
इलेक्ट्रिक कार की कम रेंज आपको परेशान कर सकती है. पेट्रोल और डीजल कार फुल टैंक पर 800 किलोमीटर तक चल जाती हैं. वहीं इलेक्ट्रिक कार फुल चार्ज पर 400-450 किलोमीटर तक की रेंज ही दे पाती है. इलेक्ट्रिक कार से लॉन्ग ट्रिप प्लान करने में काफी मुश्किल हो सकती है.

5. चार्जिंग स्टेशन की कमी
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर अभी विकसित हो रहा है. ऐसे में केवल बड़े शहरों में ही चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध हैं. छोटे शहरों में रहने वाले ई-वाहन उपयोगकर्ताओं को चार्जिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है.

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