कई कंपनियां मानती हैं 3.99 लाख की कार का लोहा, सबसे पहले दी थी ये टेक्नोलॉजी

कई कंपनियां मानती हैं 3.99 लाख की कार का लोहा, सबसे पहले दी थी ये टेक्नोलॉजी

हाइलाइट्स

मारुति सुजुकी ने पहली बार ऑल्टो में एएमटी‌ गियरबॉक्स दिया था.
कार का माइलेज ऑटोमैटिक होने के बाद भी काफी अच्छा है.
वहीं इसके एएमटी मॉडल की कीमत भी 6 लाख से कम है.

नई दिल्ली.

ऑटोमोबाइल का बाजार लगभग पूरी दुनिया में ही बूम पर है. खासकर इंडिया में ये बाजार तेजी से बढ़ रहा है. कारण है लोगों का नई टेक्नोलॉजी की गाड़ियां पसंद करना और उन पर खर्च भी करना. अब ऐसे में कंपनियां भी पीछे नहीं है और हर दिन नई तकनीक से लैस कारें बाजार में उतार रही हैं. सेफ्टी फीचर्स, गियर बॉक्स, उम्दा इंजन, बेहतर माइलेज, इन्हीं सब के साथ कंपनियां बाजार में एक दूसरे से होड़ कर रही हैं और इसका सीधा फायदा ग्राहक को हो रहा है. लोगों के सामने अब कई विकल्प हैं और वे अपने पसंद की गाड़ी को चुन सकते हैं. पसंद भी जरूरत के हिसाब से, यदि आप शहरी क्षेत्र में गाड़ी चलाते हैं और आपके इलाके में ज्यादा ट्रैफिक है तो आपके पास एएमटी, डीएसजी, सीवीटी या आई एमटी जैसे कई गियरबॉक्स केविकल्प हैं जो आपको बार-बार क्लच दबाने के झंझट से छुटकारा दिलवाते हैं. वहीं यदि आपका रन कच्चे रास्तों या पहाड़ी रास्तों में ज्यादा है तो अब आपके सामने ऐसी ऑफरोडर गाड़ियां भी हैं 4×4 हैं और कंफर्टेबल होने के साथ उनमें बेहतरीन फीचर्स भी आपको देखने को मिलेंगे.

यहां पर इतनी बात इसलिए कि आज हम आपको एक ऐसी गाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं जो देश में लगातार सबसे ज्यादा बिकने वाली कार है और कंपनी ने अब तक उसकी यूनिट्स भी सेल कर दी हैं. लोग इसे बजट कार के तौर पर देखते हैं और माना जाता है कि इसमें बेसिक फीचर्स और टेक्नोलॉजी दी जाती है. लेकिन ऐसा नहीं है, ये वो कार है जिसने देश में पहली बार एएमटी यानि ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन को इंट्रोड्यूस‌ किया था, आसान भाषा में समझें तो ऑटोमैटिक गियर ट्रांसमिशन जिसमें खास टेक्नोलॉजी तो नहीं थी लेकिन ये देकर कार चलाना लगभग बच्चों वाला खेल कर दिया गया था. ये कार है ऑल्टो 800 जिसे बाद में बंद कर कंपनी ने अब बजट कार के तौर पर ऑल्टो के 10 बाजार में कंटिन्यू रखी है.

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पहली बार आया AMT

आज बाजार में कई तरह की ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से लैस गाड़ियां हैं लेकिन 2000 के शुरुआती दौर में मैनुअल गाड़ियां ज्यादा थीं. 90 के दशक में देवू ने अपनी प्रीमियम सेडान नेक्सा में ऑटोमैटिक गियरबॉक्स दिया लेकिन वो कुछ अलग था और उसके साथ कई तरह की पेचीदगियां थीं. नतीजा ये निकला कि वो फेल हो गया. इसके बाद एएमटी पहली बार मारुति सुजुकी ऑल्टो में इंट्रोड्यूस किया गया. ये एक आसान गियरबॉक्स था और ये कुछ कुछ वैसे ही काम करता था जैसे कि आपके एक्टिवा या स्कूटी का गियरबॉक्स काम करता है. ये लोगों को इतना पसंद आया कि आज तक ऑल्टो के 10 में कंपनी एएमटी गियरबॉक्स ही देती है.

कैसे करता है काम

ये सेंसर बेस्ड गियरबॉक्स होता है और आपकी स्पीड के अनुसार इसमें गियर अपने आप बदलते हैं. इसमें क्लच होता है लेकिन प्लेट्स स्पीड के हिसाब से काम करती हैं. गियर स्पीड बढ़ने के साथ ही बदलते हैं और स्पीड कम होने के साथ ही निचले भी होते जाते हैं. मैकेनिकली समझें तो इसमें गियर वैसे ही होते हैं जैसे आपकी सामान्य मैनुअल कार में होते हैं लेकिन ये कब लगने हैं ये आपकी स्पीड के हिसाब से सेट किया गया होता है जिसे एक सेंसर कंट्रोल करता है.

ऑल्टो के 10 का माइलेज इस सेगमेंट में बसेस ज्यादा है.

कुछ कमियां भी

ऑटोमैटिक गियरबॉक्स की कुछ कमियां भी हैं. इस गियरबॉक्स की सबसे बड़ी कमी है कि ये स्लो है. गियर बदलने में काफी समय लगता है और इस दौरान आपको हल्का झटका भी महसूस होता है. हालांकि इससे माइलेज पर कोई असर नहीं होता है और इस गियरबॉक्स में ऑटोमैटिक होने के बावजूद बेहतरीन माइलेज मिलता है. इसका सटीक उदाहरण ऑल्टो के 10 है जिसका पेट्रोल पर माइलेज 25 किलोमीटर प्रति लीटर तो सीएनजी पर 36 किलोमीटर तक आता है.

खासियत भी है

इस गियर बॉक्स की सबसे बड़ी खासियत है कि ये सस्ता है और इसका मेंटेनेंस भी काफी कम है. साथ ही इसके साथ कार का माइलेज भी काफी कम आता है. अब बात करें कीमत की तो ऑल्टो की कीमत 3.99 लाख रुपये से शुरू होती है और ऑटो के 10 एएमटी की बात की जाए तो ये 5.61 लाख रुपये एक्स शोरूम कीमत पर उपलब्‍ध है.

hindi.news18.com

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