इंडियन अर्बन कार मार्केट में बीते कुछ दिनों से किया मोटर्स की सेल्टॉस की खूब चर्चा है. सेल्टॉस मिड साइज सेग्मेंट की एक बेहतरीन एसयूवी है. इसकी चचेरी बहन कहलाने वाली हुंडई मोटर्स की क्रेटा भी इसी सेग्मेंट की एसयूवी है. ये दोनों कारें बेहतरीन हैं. मगर, प्राइस के मामले में इनको तगड़ा कंप्टीशन मिल रहा है. पिछले दिनों किया ने इस गाड़ी को नए अवतार में लॉन्च किया. इसमें तीन इंजन ऑप्शन- 1.5 लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल, 1.5 लीटर पेट्रोल और 1.5 लीटर डीजल टर्बोचार्ज्ड इंजन दिए जा रहे हैं. इसकी एक्स शो रूम कीमत 10.89 लाख से शुरू होकर 19.99 लाख तक जाती है. इस फेसलिफ्ट एसयूवी में पूर्व के मॉडल की तुलना में एक्सटीरियर और इंटीरियर में काफी बदलाव किया गया है. इंजन भी पहले की तुलना में ज्यादा पावरफुल है. इसकी लंबाई 4315एमएम, चौड़ाई 1800एमएम और ऊंचाई 1645एमएम है.
इसकी ये सारी विशेषताएं इसे एक बेहतरीन SUV बनाती है. लेकिन, इंडियन ऑटोमोबाइल मार्केट में प्राइस के लेवल पर गलाकाट प्रतियोगिता चल रहा है. किया अभी अर्बन सेंट्रिक कार कंपनी है. दूसरी तरफ अपेक्षाकृत निम्म आय वर्ग वाले भारतीय कस्टमर अपने हर एक पैसे की कीमत वसूलना चाहते हैं. इसी कारण तमाम अच्छाइयां होने के बावजूद सेल्टॉस को एक अन्य कंपनी की मिड साइज एसयूवी से कड़ी प्रतियोगिता मिल रही है. इस कंपनी के साथ दशकों का भरोसा जुड़ा हुआ है. उसकी यह एसयूवी भी शानदार है. लंबाई में वह सेल्टॉस से बीस है. उसकी लंबाई 4345एमएम, चौड़ाई 1795एमएम और ऊंचाई 1645एमएम है.
दरअसल, हम जिस एसयूवी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं बल्कि मारुति सुजुकी कंपनी की है. यह कंपनी भारतीय कार ग्राहकों के नब्ज को समझती है. ऐसे में इसने टयोटो के साथ मिलकर एक ऐसी एसयूवी बनाई है जो बाजार में अपने प्रतिद्वंद्वियों को सीधे पटकनी दे रही है. इस एसयूवी का नाम है ग्रैंड विटारा. यह एक हाइब्रिड एसयूवी है. हाइब्रिड के मतलब इसमें पेट्रोल के साथ-साथ इलेक्ट्रिक मोटर भी है जो लिथियम ऑयन बैटरी से चलता है. यानी आप कह सकते हैं कि यह एक पेट्रोल-इलेक्ट्रिक SUV है. इसमें साथ ही 1.5 लीटर का पेट्रोल इंजन है. इसकी एक्स शो रूम कीमत 10.70 लाख से शुरू होकर 19.95 लाख तक जाती है. इस एसयूवी के टॉप मॉडल अल्फा प्लस डुअल टोन की कीमत 19.95 हजार है. अब आप सोच रहे होंगे कि दोनों की गाड़ियों की कीमत तो करीब-करीब बराबर है. ऐसे में छह लाख की बचत कहां होती है.
6 लाख की बचत!
मारुति की ग्रैंड विटारा खरीदने पर छह लाख रुपये तक की बचत की बात बिल्कुल सही है. दरअसल, हमने आपको ऊपर ही बताया है कि यह एक हाइब्रिड यानी पेट्रोल-इलेक्ट्रिक कार है. ऐसे में इसको चलाने का खर्च सेल्टॉस से करीब-करीब आधा पड़ता है. पेट्रोल इंजन वाली सेल्टॉस मात्र 17 किमी का माइलेज देती है, वहीं ग्रैंड विटारा 28 किमी का माइलेज देती है. यहां आपको स्पष्ट कर दें कि हाइब्रिड कार होने की वजह से ग्रैंड विटारा के कई फीचर्स सीधे बैटरी और मोटर से संचालित होते हैं. इससे पेट्रोल की बचत होती है. दूसरी बात यह है कि इस हाइब्रिड कार को आपको अलग से चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ती. यह गाड़ी में पैदा होने वाली बिजली से खुद ब खुद चार्ज हो जाती है.
ऐसे होगी बचत
अब सीधे आते हैं बचत पर. अगर कोई इंसान 20 से 25 लाख रुपये की गाड़ी खरीदता है तो ऐसी उम्मीद की जाती है कि वह हर रोज कम से कम 60 से 65 किमी डाइव करता हो. यानी हम मानकर चलते हैं कि सेल्टॉस या ग्रैंड विटारा का मालिक महीने में करीब 2000 किमी गाड़ी चलाता है. इस दो हजार किमी मीटर का रनिंग कॉस्ट औसतन 100 रुपये लीटर पेट्रोल के भाव पर निकालें तो सेल्टॉस से सफर की लागत करीब 6 रुपये किमी पड़ेगी यानी महीने में उसे औसतन 12 हजार का पेट्रोल लगेगा. दूसरी तरफ ग्रैंड विटारा से सफर की लागत निकालें तो यह करीब 3.5 रुपये किमी पड़ेगी. यानी महीने में उसे करीब सात हजार रुपये का पेट्रोल खर्च करना पड़ेगा. इस तरह उसे हर माह पांच हजार रुपये की बचत होगी.
10 साल गाड़ी उम्र!
अगर हम इन गाड़ियों की उम्र कम से कम 10 साल भी मानकर चलें तो आपको ग्रैंड विटारा के सफर पर हर साल 60 हजार और पूरे 10 साल में छह लाख रुपये की बचत होगी. वैसे तो पेट्रोल गाड़ियों की उम्र कम से कम 15 साल तय की गई है.