सबसे सस्ती 7 सीटर ने ग्राहकों का किया बेड़ा गर्क, पानी की तरह पी रही तेल!

सबसे सस्ती 7 सीटर ने ग्राहकों का किया बेड़ा गर्क, पानी की तरह पी रही तेल!

हाइलाइट्स

रेनॉल्ट ट्राइबर का घट रही सेलिंग.
एवरेज में ग्राहकों को आ रही समस्या.

नई दिल्ली. बीते कुछ समय से इंडियन कार बाजार तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है. कंपनियां मार्केट में अपना पैर जमाने के लिए एक से बढ़कर एक कारें लॉन्च कर रहीं हैं. कोई कंपनी छोटी एसयूवी के जरिए दांव खेल रही है तो कोई कम पैसों में ग्राहकों को 7 सीटर का लालच दे रही है. आज एक ऐसी ही सेवन सीटर की चर्चा जो इंडस्ट्री की सबसे सस्ती गाड़ी है. लॉन्चिंग के वक्त इसने इंडस्ट्री का समीकरण बदलने का लक्ष्य तय किया था. आप समझ ही गए होंगे, हम बात कर रहे हैं Renault Triber की. सबसे सस्ती 7 सीटर के मामले में यह गाड़ी ग्राहकों के बीच काफी समय से है. लेकिन, जिस ग्राहक ने इस पर हाथ आजमाया है उसने सर ही पकड़ लिया. आज हम आपके सामने इसका सबसे बड़ा उदाहरण पेश करने जा रहे हैं.

मौजूदा समय में मार्केट पर मारुति सुजुकी का कब्जा है. हर तीसरी कार मारुति सुजुकी की दिखाई देती है. फिर चाहे बात सेडान में स्विफ्ट डिजायर की हो या फिर 7 सीटर में अर्टिगा की. सुजुकी का बुखार भारत के हर शहर में फैला हुआ है. माइलेज का बादशाह मानी जाने वाली सुजुकी की 7 सीटर अर्टिगा भी 20 का एवरेज निकाल देती है. रेनॉल्ट ने इस गाड़ी की टक्कर में अपनी ट्राइबर उतारी थी. रेनॉल्ट की तरफ से दावा ठोका गया कि ट्राइबर सबसे सस्ती 7 सीटर गाड़ी है. जिसके इंटीरियर में टच स्क्रीन डिस्प्ले सहित लग्जरी कारों वाले कई फीचर हैं. लेकिन इसके बावजूद यह गाड़ी मार्केट में उतरने के बाद सुजुकी को टक्कर नहीं दे पाई.

कंपनी ने क्लेम किया था 20 का माइलेज
रेनॉल्ट की तरफ से इस गाड़ी का माइलेज 20 का बताया गया था. लेकिन ग्राहकों से जब हमने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि माइलेज इस गाड़ी की सबसे बड़ी वीकनेस है. फर्रुखाबाद के रेनॉल्ट ट्राइबर के फर्स्ट ऑनर नरेन्द्र सिंह की मानें तो 999cc यानी 1 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन वाली यह कार 13 या 14 का एवरेज निकालती है. इसके कारण यह उनका बड़ा सिरदर्द बन चुकी. इसके अलावा उन्होंने इस कार की अन्य कमियां भी गिना दीं. नरेंन्द्र सिंह ने बताया, ‘यह कार मैंने 1 साल पहले ली थी. 20000 किलोमीटर चलाने के बाद इसके सस्पेंशन में दिक्कत आई. एवरेज से हम काफी परेशान थे, गाड़ी 13-14 का एवरेज निकाल रही थी. लंबे सफर पर बैठने में दिक्कत होती थी. 36000 किमी चलाने के बाद हमने इसे 3 लाख के घाटे में बेच दिया.’ इस गाड़ी को बेचने के बाद नरेंद्र सिंह ने सुजुकी को पहली पसंद रखा. उन्होंने एक स्विफ्ट डिजायर खरीद ली है.

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लगातार घट रही सेल
रेनॉल्ट ट्राइबर को कंपनी ने उम्मीदों के साथ रोड पर उतारा था. लेकिन इस गाड़ी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. ट्राइबर की सेल फरवरी के बाद लगातार घट रही है. फरवरी के महीने में 3056 की सेल थी, जबकि जून तक यह घटकर 2257 रह गई है. आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि ग्राहक इस गाड़ी से पूर्णत: संतुष्ट नहीं हैं.

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