हाइलाइट्स
ई कारों का इंश्योरेंस लेने के दौरान इलेक्ट्रिक पार्ट्स का एडऑन लें.
इन कारों का इंश्योरेंस सामान्य कारों के मुकाबले कुछ महंगा हो सकता है.
ज्यादा सैटलमेंट रेश्यो वाली इंश्योरेंस कंपनी से पॉलिसी लें.
नई दिल्ली.
बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमतों और हाल ही में आई स्क्रैपीज पॉलिसी के बाद अब लोगों का रुझान इलेक्ट्रिक गाड़ियों की तरफ बढ़ रहा है. खासकर इलेक्ट्रिक कारों की सेल में तेजी से इजाफा देखने को भी मिला है. कीमत ज्यादा होने के बाद भी इनको लेने में लोगों की ज्यादा रुची है, उसका कारण इनका कम मेंटेनेंस और रनिंग कॉस्ट है. हालांकि इनसे जुड़ी कुछ परेशानियां हैं लेकिन उनके समाधान भी हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक कार को खरीदने और बाद में इसका इंश्योरेंस लेने के दौरान लोग कुछ गलतियां कर जाते हैं. क्योंकि ये सामान्य कारों से अलग हैं इसलिए इनके इंश्योरेंस को लेने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान भी रखना होता है.
हालांकि इलेक्ट्रिक कारों को लेकर फिलहाल ज्यादा मैकेनिकल शिकायतें नहीं हैं लेकिन फिर भी इंश्योरेंस लेने के दौरान कुछ पॉइंट्स को समझना जरूरी है. इससे भविष्य में किसी भी परेशानी से आप बचे रहेंगे और जेब पर भी भार नहीं पड़ेगा. आइये जानते हैं क्या हैं वो बातें जिसका ध्यान रखना जरूरी है.
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आईडीवी का रखें ध्यान
ईवी की कीमत अन्य कारों के मुकाबले ज्यादा होती है. इसलिए इंश्योरेंस वैल्यू यानि आईडीवी का खास ध्यान रखने की जरूरत है. इंश्योरेंस लेने के दौरान ये जरूर चेक करें कि आपकी कार की कीमत और आईडीवी बराबर हो. क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी आईडीवी के आधार पर ही किसी भी तरह का क्लेम पास करती है.
इलेक्ट्रिक पार्ट्स का एड ऑन लें
इंश्योरेंस के साथ केवल कार के मैकेनिकल या एक्सीडेंटल क्लेम का क्लॉज ही नहीं चेक करें बल्कि इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स जैसे बैटरी पैक, पावर सप्लाई यूनिट का भी इंश्योरेंस कवर लें. इसके लिए आपको एड ऑन लेना होगा यानि सामान्य इंश्योरेंस में इसे जुड़वाना होगा जिसके चलते आपको कुछ रुपये प्रीमीयम ज्यादा भी देना पड़ सकता है लेकिन ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा.
जीरो डेप कवर
इंश्योरेंस लेने के दौरान ये जरूर चेक करें कि आपको जीरो डेप्रिसिएशन कवर दिया गया है. ये सामान्य इंश्योरेंस से अलग होता है और इसमें आपकी कार का डेप्रिसिएशन सामान्य इंश्योरेंस से कम लगाया जाता है. जिससे यदि आपकी कार का आपको इंश्योरेंस उठाना होता है तो सही वैल्यू मिलती है.
सैटलमेंट रेश्यो क्या है
आप जिस कंपनी से इंश्योरेंस ले रहे हैं उसके संबंध में ये जरूर चेक करनें कि उसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो क्या है. यानि वो कंपनी जितनी राशि क्लेम की जाती है उसके एवज में कितना रुपया देती है. ये सभी जानकारी आपको इंटरनेट पर मिलेगी साथ ही अन्य कंपनियों से कंपेरिजन भी आपको देखने को मिलेगा. उसी कंपनी का इंश्योरेंस लें जिसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो ज्यादा हो.