इस वक्त भारतीय बाजार में एंट्री लेवल, कॉम्पेक्ट, मिड साइज और परफेक्ट एसयूवी का जलवा है. एंट्री लेवल में टाटा की पंच, हुंडई की एक्सटर और मारुति की फ्रॉन्क्स की चर्चा है. कॉम्पैक्ट सेग्मेंट में सबसे ज्यादा बिक्री मारुति ब्रेजा, टाटा नेक्सॉन की है. यहीं पर कॉम्पैक्ट से थोड़ी सी बड़ी जो एसयूवी आती है उसे मिड साइज में रखा जाता है. इसमें सबसे प्रमुख गाड़ी है हुंडई की क्रेटा, मारुति की ग्रैंड विटारा और किया की सेल्टॉस. परफेक्ट एसयूवी सेग्मेंट में एसक्सयू 700 और फॉर्च्यूनर जैसी गाड़ियों को रखा जा सकता है. खैर हमारी आज की बातचीत क्रेटा की एक प्रतिद्वंद्वी गाड़ी के बारे में है. यह कार वैसे तो कॉम्पैक्ट एसयूवी की सेग्मेंट में आती है लेकिन इंजन क्षमता, कंफर्ट, सेफ्टी, परफॉर्मेंस हर मामले में इसे क्रेटा से इक्कीस बताया जाता है.
सबसे पहले इन दोनों गाड़ियों की इंजन की बात करते हैं. क्रेटा में 1493cc का 4 सिलेंडर इंजन है जो 113बीएचपी की पावर और 4000 आरपीएम का टॉर्क देती है. वहीं देसी एसयूवी में 1497सीसी का चार सिलेंडर इंजन है. वह भी 113 बीएचपी की पावर और 3750आरपीएम का टॉर्क देती है. वैसे माइलेज के मामले में दोनों गाड़ियां करीब-करीब एक समान हैं.
सेफ्टी में काफी आगे है देसी
हम जिस देसी एसयूवी की बात कर रहे हैं उसकी सेफ्टी रेटिंग जबर्दस्त है. इसे एनकैप 5 स्टार रेटिंग मिली हुई है. वहीं, क्रेटा की सेफ्टी रेटिंग केवल 3 स्टार है. इस मामले में देसी एसयूवी को चलता-फिरता टैंक कहा जाता है. दरअसल, हम जिस एसयूवी की बात कर रहे हैं उसका नाम टाटा नेक्सॉन है. लंबाई में क्रेटा से करीब एक फीट छोटी नेक्सान की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन दोनों गाड़ियों का वजन करीब-करीब बराबर है. यानी, साइज में थोड़ी छोटी होने के बावजूद वजन एक समान होने का मतलब है कि इस गाड़ी में क्रेटा की तुलना में लोहे का इस्तेमाल ज्यादा हुआ है.
साइज में छोटी लेकिन कंफर्ट में इक्कीस!
इस एंगल से दोनों गाड़ियों की तुलना करें तो क्रेटा टाटा की नेक्सॉन से थोड़ी बड़ी है. क्रेटा की लंबाई 4300एमएम, चौड़ाई 1790एमएम और ऊंचाई 1635एमएम है. वहीं टाटा नेक्सॉन की लंबाई 3993एमएम, चौड़ाई 1811एमएम और ऊंचाई 1606 एमएम है. यहां ध्यान देने की बात यह है कि क्रेटा लंबाई में बड़ी होने के बावजूद कंफर्ट में नेक्सॉन को टक्कर नहीं दे पाती. इसका मुख्य कारण इसमें फ्रंट और रीयर लेग रूम का कम होना है. दरअसल, कंफर्ट का सीधा संबंध आगे और पीछे की सीट पर बैठने वाले व्यक्ति के लिए पैर फैलाने की जगह से होती है. यहां पर टाटा नेक्सॉन, क्रेटा पर इक्कीस पड़ती है. टाटा नेक्सान में फ्रंट पैसेंजर के लिए 820एमएम और पीछे के पैसेंजर के लिए 910 एमएम का लेग रूम है. वहीं क्रेटा में फ्रंट और पीछे दोनों सीटों के पैसेंजर के लिए 830एमएम का लेग रूम है. यानी नेक्सॉन में पीछे की सीट पर बैठने वाले यात्री को 80 एमएम (करीब 3.25 इंच) ज्यादा जगह मिलती है. कंफर्ट की दृष्टि से यह जगह काफी होती है. रही बात चौड़ाई की तो इस मामले में भी नेक्सॉन, क्रेटा से इक्कीस है.
डिग्गी में खपाई जगह
क्रेटा अपने सेग्मेंट की सफल गाड़ी है. दूसरी तरफ नेक्सॉन भी कॉम्पैक्ट सेग्मेंट की बादशाह है. लंबाई में अधिक होने के कारण क्रेटा में आपको ज्यादा बूट स्पेस मिलता है. वहीं नेक्सॉन में इसकी तुलना में थोड़ी कम जगह मिलती है. क्रेटा में 433 लीटर का बूट स्पेस है जो काफी ज्यादा है. वहीं नेक्सॉन में 350 लीटर का बूट स्पेस है, जो किसी भी दृष्टि से कम नहीं है. लेकिन, कंपनी इस स्पेस की कीमत भी आपसे वसूलती है.
कीमत में 5 लाख कम
अब आते हैं कीमत पर. अब तक की चर्चा में आप समझ गए होंगे कि क्रेटा केवल लंबाई में नेक्सॉन से बड़ी है. लेकिन, इसकी लंबाई का आपके कंफर्ट पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. बल्कि लंबाई में छोटी होने के बावजूद टाटा नेक्सॉन कंफर्ट में क्रेटा पर भारी पड़ती है. इसके साथ ही सेफ्टी रेटिंग में भी नेक्सॉन बीस है. इंजन भी दोनों गाड़ियों का सेम है. बल्कि नेक्सॉन इसमें भी बीस है. लेकिन, नेक्सॉन, क्रेटा ने एक दो नहीं कुल पांच लाख रुपये सस्ती है. क्रेटा के टॉप पेट्रोल मॉडल की एक्सशो रूम कीमत 17.70 लाख रुपये है वहीं नेक्सान के टॉप मॉडल की एक्स शो रूम कीमत 12.25 लाख रुपये है. ऑन रोड प्राइस में यह अंतर छह लाख रुपये से अधिक पड़ जाता है.