हाइलाइट्स
कार का रंग सेलेक्ट करते समय समझदारी दिखानी चहिए.
ब्लैक रंग की कारें अच्छी दिखती हैं लेकिन इनके नुकसान भी हैं.
भारत में 100 में से 10 गाड़ियां ब्लैक रंग की हैं.
आपको एक कार खरीदनी है और आप पसंद भी कर चुके हैं. बहुत संभव है कि जो कार आपने पसंद की है उसका रंग काला हो. जब आप शोरूम में कारें देखने गए होंगे तो सेल्समैन ने आपको कार के फायदे ही फायदे बताए होंगे. आप इम्प्रेस भी हो गए होंगे, क्योंकि आपने जब कभी भी काले रंग की महंगी कार सड़क पर से निकलते हुए देखी होगी तो उसकी चमक ने आपकी आंखों को चौंधिया दिया होगा. पर… जरा रुकिए, ठहरिये और कलर को लेकर सोच-विचार कर लीजिए. काले रंग की चमक बेशक बढ़िया होती है, मगर आपको कार खरीदने से पहले इस रंग की कार के साथ आने वाली परेशानियों को भी जान लेना चाहिए. मुख्य तौर पर काले रंग के साथ 4 बड़ी समस्याएं आती हैं. और चौथी वाली समस्या तो बहुत ही खतरनाक होती है.
हालांकि, हम आपसे काले रंग की कार न खरीदने को नहीं कह रहे. आपको अपने पसंद की कार ही लेनी चाहिए, लेकिन आपको उससे जुड़ी परेशानियों और प्रॉब्लम्स को भी जरूर जानना चाहिए. यदि आप उन परेशानियों को इग्नोर करके काले रंग की ही कार लेना चाहते हैं तो फिर आप आगे बढ़ सकते हैं और चमचमाती काली कार अपने घर ला सकते हैं. तो चलिए आपको समस्याओं के बारे में बता दें. उससे पहले एक आंकडे़ पर नजर डाल लेते हैं, जो ये बताता है कि ज्यादातर लोग किस रंग की कारें खरीदते हैं.
बीएएसएफ (BASF) के आंकड़ों के अनुसार, साल 2022 में भारत में सफेद रंग की गाड़ियां सबसे ज्यादा खरीदी गईं. आंकड़ों के मुताबिक, 40 प्रतिशत खरीदारों ने सफेद रंग की कारों को खरीदा, वहीं 15 प्रतिशत के साथ ग्रे रंग की कारें दूसरे नंबर पर रहीं. वहीं सिल्वर कारें 12 प्रतिशत, तो ब्लैक रंग कारें 10 प्रतिशत ग्राहकों की पसंद रहीं. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में बिक रही हर 100 कारों में से 10 कारें ब्लैक रंग की होती हैं.
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पहली समस्या: धूप में ज्यादा गर्म
काले रंग की कारें हल्के रंग की कारों की तुलना में अधिक गर्म होती हैं. काला रंग गर्मी को अधिक सोंखता है इस वजह से कार का इंटीरियर अधिक गर्म हो जाता है. अगर आप धूप में काले रंग की कार ड्राइव करते हैं तो उसका केबिन ज्यादा गर्म हो जाता है. इससे एसी को केबिन ठंडा करने में ज्यादा समय लगता है.
दूसरी समस्या: रखरखाव पर अधिक खर्च
काले रंग की कार में हल्की गंदगी और स्क्रैच आसानी से दिखने लगती है. इसका मतलब है कि आपको कार को साफ रखने के लिए उसे बार-बार धोना पड़ेगा. काले रंग की कार में हल्का स्क्रैच भी अधिक विजिबल होता है जिससे कार का लुक बिगड़ जाता है और आपको उसे रिपेंट करवाने में खर्च करना पड़ता है.
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तीसरी समस्या: कलर फेडिंग
काले रंग की कार खरीदने वालों को कलर फेडिंग सबसे ज्यादा परेशान करती है. अगर आपकी कार धूप में ज्यादा देर खड़ी रहती है तो उसका रंग उड़ने लगता है और चमक फीकी पड़ जाती है. काले रंग की कारें ज्यादा हीट होती हैं, इसलिए इनमें कलर फेडिंग का प्रभाव अन्य रंगों के मुकाबले अधिक होता है. कलर फेड होने से नई कार भी पुरानी लगने लगती है.
चौथी समस्या: कम रोशनी में दिखती नहीं
काले रंग की कारों के साथ एक और बड़ी समस्या विजिबिलिटी की है. मतलब अंधेरी रात में सड़क पर इसका मूवमेंट आसानी से नजर नहीं आता. काला रंग काफी कम रोशनी को रिफ्लेक्ट करता है. अगर सड़क पर लाइट अच्छी नहीं है तो आपकी कार दूसरों को नजर नहीं आएगी. इससे दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है.