कार नहीं टैंक है ये गाड़ी, Baleno से डेढ़ गुना ज्यादा लगा है लोहा, टकराने वाला हो जाता है चूर-चूर!

कार नहीं टैंक है ये गाड़ी, Baleno से डेढ़ गुना ज्यादा लगा है लोहा, टकराने वाला हो जाता है चूर-चूर!

नई दिल्ली. देश में ऑटोमोबाइल मार्केट लगातार बढ़ रहा है. इसी के साथ कार कस्टमर्स भी काफी सजग हो गए हैं. अब एंट्री लेवल कारों का मार्केट धीरे-धीरे कम होता जा रहा है और उसकी जगह पर कॉम्पैक्ट एसयूवी या माइक्रो एसयूवी जगह ले रही हैं. इसका एक कारण सेफ्टी भी है. कार कस्टमर्स अब माइलेज से ज्यादा सेफ्टी फीचर्स और रैंकिंग पर ध्यान देने लगे हैं. इसी क्रम में आज हम आपके लिए एक ऐसी कार लेकर आए हैं, जिसकी सेफ्टी रेटिंग्स और फीचर्स कमाल के हैं. लोग इस कार को इंडिया की सेफेस्ट कार भी कहने लगे हैं.

मारुति सुजुकी की बलेनो (Baleno) इस वक्त भारतीय कार बाजार की एक सबसे लोकप्रिय हैचबैक गाड़ी है. यह मारुति की सबसे सफल कारों में शुमार है. इसकी मासिक औसत बिक्री 15 हजार यूनिट्स के आसपास है. दूसरी तरफ हम जिस कार की बात रहे हैं वह भी हर माह करीब 15 हजार यूनिट्स बिक रही है. हालांकि इन दोनों कारों की कीमत में करीब-करीब एक से सवा लाख रुपये का अंतर है. बलेनो की स्टार्टिंग एक्स शो रूम कीमत 6.61 लाख रुपये हैं जबकि इस दूसरी कार की शुरुआत 7.80 लाख रुपये के एक्सशो रूम कीमत से होती है.

दरअसल, हम जिस कार की बात कर रहे हैं वह इस वक्त भारतीय सड़कों की शाहंशाह है. उसका नाम है टाटा की नेक्सॉन. यह मौजूदा वक्त में कॉम्पैक्ट एसयूवी सेग्मेंट की एक सबसे बेहतरीन कार है. इसे ग्लोबल सेफ्टी रेटिंग एनकैप (Global NCAP) के तरह फाइव स्टार मिला हुआ है. सेफ्टी के मामले में यह अपनी सेग्मेंट की इकलौती कार है.

बलेनो से डेढ़ गुना ज्यादा लोहे का इस्तेमाल
इस कार की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें सबसे लोकप्रिय हैचबैक बलेनो की तुलना में करीब-करीब डेढ़ गुना अधिक लोहे का इस्तेमाल किया गया है. मारुति सुजुकी कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बलेनो की कर्व वेट 935 किलो है. टेक्निकल भाषा में कर्व वेट का मतलब होता है केवल गाड़ी का वजन. इस वजन को लेते समय गाड़ी में न तो कोई व्यक्ति रहता और न ही उसमें कोई अतिरिक्त एसेसरीज होती है. दूसरी तरह नेक्सॉन का कर्व वेट है 1250 से 1300 किलो है. यानी बलेनो की तुलना में करीब-करीब डेढ़ गुना. इस तरह से देखें तो नेक्सॉन में बलेनो की तुलना में करीब-करीब तीन क्विंटल अधिक लोहे का इस्तेमाल हुआ है.

5 लाख से अधिक यूनिट्स की बिक्री
मौजूदा वक्त में नेक्सॉन टाटा मोटर्स की सबसे सफल कार है. इसे वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया था. तब से अप्रैल 2023 तक इस कार की पांच लाख से अधिक यूनिट्स की बिक्री हो चुकी है. भारतीय कार बाजार में इतने कम समय में यह उपलब्धि हासिल करने का रिकॉर्ड बहुत कम कारों के साथ है. बीते छह माह के आंकड़ें देखें तो इसकी बिक्री शानदार है. जनवरी में इसकी 15,567 यूनिट्स, फरवरी में 13,914 यूनिट्स, मार्च में 14,769 यूनिट्स, अप्रैल में 15,002 यूनिट्स, मई में 14,423 यूनिट्स और जून में 13,827 यूनिट्स की बिक्री हुई.

पैसा वसूल कार
नेक्सॉन पेट्रोल और डीजल दोनों वर्जन में उपलब्ध है. इसकी एक्सशो रूम कीमत 7.80 लाख से शुरू हो जाती है और यह 14.50 तक जाती है. पेट्रोल में 1199 सीसी का इंजन है जबकि डीजल इंजन 1497 सीसी का है. कंपनी नेक्सॉन के पेट्रोल वर्जन में 17 किमी और डीजल में 23 किमी प्रति लीटर तक का माइलेज मिलने का दावा करती है.

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