पश्चिमी सिंहभूम में खासमहाल जमीन के 1462 धारकों ने नहीं कराया लीज नवीकरण, हो रहा राजस्व का नुकसान Newshindi247

पश्चिमी सिंहभूम में खासमहाल जमीन के 1462 धारकों ने नहीं कराया लीज नवीकरण, हो रहा राजस्व का नुकसान Letest Hindi News
चाईबासा, अजय सिंह. पश्चिमी सिंहभूम जिले में खासमहाल की जमीन के 2282 लीजधारकों में 1462 ने नवीकरण नहीं कराया है. इससे सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंच रहा है. अब प्रशासन ने ऐसे लोगों को नोटिस भेज रहा है. नोटिस मिलने के बाद भी नवीकरण नहीं कराने वालों की लीज रद्द कर दी जायेगी. हालांकि इसके लिए सिस्टम भी कम जिम्मेदार नहीं है.
पश्चिम सिंहभूम जिले में केवल 820 लीजधारकों ने लीज नवीकरण कराया है. दरअसल, जिले में वर्ष 1935 में पहली बार 30 वर्षों के लिए खासमहाल जमीन लीज पर दी गयी. इसके बाद वर्ष 1965 व 1995 में लीज नवीकरण किया गया. वर्ष 1995 में लीज नवीकरण पर सरकार की अस्पष्ट नीति व अधिकारियों के लापरवाही से मामला लटकता गया. वर्ष 1999 से 2006 तक सरकार ने लीज नवीकरण पर रोक लगा दी थी.
कई लीजधारकों ने नियम के विरुद्ध जमीन बेची
स्थानीय लोगों के अनुसार, चाईबासा शहरी क्षेत्र के नीमडीह, न्यू कॉलोनी, टुंगरी, अमला टोला, घंटा घर, तंबाकू पट्टी, सदर बाजार आदि इलाकों में लीज की दर्जनों जमीन की लाखों-करोड़ों में खरीद-बिक्री हुई है. कई इलाकों में लीज के जमीन पर अवैध ढंग से फ्लैट निर्माण कर बेचा गया है. वहीं अवैध ढंग से लीज की जमीन खरीदने वाले नियम-कानून व भारी-भरकम जुर्माना के कारण लीज नवीकरण नहीं कराना चाहते हैं.
मंत्रालय व विभाग की अनुमति के बिना खासमहाल जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती है. जिले में सबसे अधिक इसी तरह की जमीन का लीज पेंडिंग है. लोगों ने कोर्ट में एग्रीमेंट कर खरीद-बिक्री की है. कई लोगों की जमीन की कीमत से अधिक राशि लीज नवीकरण मद में बकाया है. लीजधारी की मौत के बाद पारिवारिक विवाद के कारण कई मामले लंबित हैं.
आवासीय भूमि का हो रहा व्यावसायिक इस्तेमाल
जानकारी के अनुसार, आवास के लिए लीज पर दी गयी भूमि का इस्तेमाल कई लोग व्यावसायिक तौर कर रहे हैं. यह गैर कानूनी है. ऐसी स्थिति में जमीन के वर्तमान मूल्य के अनुसार दो प्रतिशत की जगह पांच प्रतिशत सालाना रेंट, सलामी के तौर पर पांच प्रतिशत की जगह 10 प्रतिशत व जमीन के वर्तमान मूल्य का 20 प्रतिशत जुर्माना जमा करना पड़ेगा. इसके बाद लीज नवीकरण होगा. जिले में आवासीय लीज की जमीन पर दर्जनों व्यवसायिक प्रतिष्ठान अवैध तरीके से भाड़े पर लगाये गये हैं.
क्या है पेच
मंत्रालय से अनुमति के बाद भी प्रथम पक्ष के हाजिर हुए बिना नवीकरण आसान नहीं है. विभाग प्रथम पक्ष को दो-तीन नोटिस भेजता है, फिर अखबार में नोटिस निकलवा कर द्वितीय पक्ष प्रथम पक्ष का पुराना बकाया राशि व अपना स्थानीय प्रमाण पत्र देता है. इसके बाद उक्त जमीन दूसरे पक्ष के नाम से आवंटित की जा सकती है.
Post Credit :- www.prabhatkhabar.com
Date :- 2023-03-18 21:29:30