संकट में 3 हजार हिंदू शरणार्थी!: जिस जमीन पर 1965 में सरकार ने बसाया, अब उसी पर किसी और का दावा, शुरू हुई मापी Newshindi247

संकट में 3 हजार हिंदू शरणार्थी!: जिस जमीन पर 1965 में सरकार ने बसाया, अब उसी पर किसी और का दावा, शुरू हुई मापी Letest Hindi News
रांची11 घंटे पहले
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जमीन मापी का विरोध कर रहे ग्रामीण
साहिबगंज में राजमहल प्रखंड के पूर्वी नारायणपुर गांव में 67 साल पहले पूर्वी पाकिस्तान (अभी बांग्लादेश) से आए 650 हिंदू परिवार के 3 हजार शरणार्थियों को एक बार फिर से उजड़ने का डर सता रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी थी। इसके बाद बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने इन लाेगाें काे बसाने के लिए 2500 बीघा जमीन दी। अब उसी जमीन पर मो. यूसुफ समेत अन्य ने दावा ठोक दिया है।
हाईकोर्ट के आदेश पर राजमहल एसडीओ रोशन शाह की अगुवाई में पुलिस पदाधिकारियों की टीम जमीन की मापी करने पहुंची ताे यहां बसे परिवाराें के हाेश उड़ गए। लाेगाें ने मापी कार्य का पुरजोर विरोध किया। यहां बसे मुनींद्र सरकार, मानिक सरकार, उत्तम राय, रतन मंडल, सुप्रकाश चौधरी, अरुण मजूमदार, राहिल सरकार, विपुल मंडल, अभीगम विश्वास, विकास चंद विश्वास आदि ने कहा कि एक बार बांग्लादेश से उजाड़ा गया। अब पूर्वी नारायणपुर गांव से भी बेघर करने की तैयारी है, क्योंकि जमीन का दस्तावेज होने के बावजूद प्रशासन साथ नहीं दे रहा।
पीड़ितों का दावा… 2500 बीघा जमीन पर खेती -घर, बिहार सरकार ने उनके नाम पर दी थी भूमि
भारती मंडल, नयनतारा सरकार, सरस्वती मंडल, अर्जुन मंडल, विनोदिनी सरकार आदिन ने बताया कि जिस जगह वो गुजर-बस करते हैं उस जमीन का सर्वे नहीं हुआ है। 650 हिंदू परिवार यहां 2500 बीघा जमीन पर 1965 से रह रहे हैं। यहां उनका घर है। खेती-बारी भी करते हैं। उनके पास दस्तावेज उपलब्ध हैं। वो लोग पूर्वी पाकिस्तान से भाग कर यहां आए थे। तत्कालीन सरकार ने उनको यहां बसाया था। 1971 में उन्हें नागरिकता मिली थी।
1987 में बिहार सरकार ने उन्हें 2500 बीघा जमीन दी। उनको अधिकृत करते हुए सरकार ने जमीन का कागजात भी दिया था। जमीन से संबंधित कागजात उनके पास हैं, फिर भी बेघर होने की नौबत आ गई है। परिवाराें का कहना है कि यह इलाका अनसर्वे लैंड का है। बांग्लादेशी घुसपैठिये पुलिस-प्रशासन की आंख में धूल झोंककर उन लोगों को बेघर करने की कोशिश कर रहे हैं। इंसाफ के लिए वे अंतिम दम तक लड़ेंगे। हाईकोर्ट की भी शरण लेंगे।
न्यायालय के आदेश का कर रहे पालन
न्यायालय के आदेश का पालन कराया जाएगा। संबंधित जमीन का सीमांकन हो रहा है। काेर्ट के आदेश पर ही मापी की जा रही है। -रोशन शाह, एसडीओ, राजमहल
अभी किसी को विस्थापित नहीं करेंगे
अभी किसी का विस्थापन नहीं होगा। किसी को जमीन से हटाया नहीं जाएगा। बस जमीन की मापी की जा रही है। मामले को देखा जा रहा है। -रामनिवास यादव, डीसी, साहिबगंज
2012-13 में मो. यूसुफ समेत अन्य ने भूमि पर जताया था मालिकाना हक
जानकारी के अनुसार, 2012-13 में स्थानीय मोहम्मद यूसुफ ने अनसर्वे भूमि पर दावा करते हुए उपायुक्त साहिबगंज के न्यायालय में एक वाद दाखिल किया। काेर्ट ने सीमांकन कराने का निर्देश दिया था। अमल नहीं हुआ ताे 2019-20 में उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
हाई कोर्ट ने 2020 में उपायुक्त काे सीमांकन कार्य कराने का निर्देश दिया। बाद में यूसुफ ने फिर हाईकोर्ट में आदेश अनुपालन की गुहार लगाई, जिस पर कोर्ट ने उपायुक्त से आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट मांगी। इस पर राजमहल के अंचलाधिकारी ने इन परिवाराें काे नोटिस देकर कहा है कि जहां वे बसे हैं, उस भूमि का उपायुक्त और हाईकोर्ट के आदेश पर सीमांकन किया जाएगा।
Post Credit :- www.bhaskar.com
Date :- 2023-03-15 23:37:52