सेहत पर बुरा असर: 5 साल में दो गुने हुए आंखों के मरीज, इसमें 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे सबसे अधिक Newshindi247

सेहत पर बुरा असर: 5 साल में दो गुने हुए आंखों के मरीज, इसमें 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे सबसे अधिक Letest Hindi News

जमशेदपुर16 मिनट पहले

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जमशेदपुर के लोग देश से ज्यादा समय तक स्क्रीन का उपयोग कर रहे हैं

जमशेदपुर के लोग देश से ज्यादा समय तक स्क्रीन का उपयोग कर रहे हैं। देश का औसतन स्क्रीन टाइम 4.09 घंटा है, वहीं शहर के लोग औसतन 4.30 घंटे मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, टीवी, टैब आदि पर वक्त गुजार रहे हैं। इसके चलते शहर में नेत्र रोगियों की संख्या में बढ़ रही है। विगत पांच वर्ष में जमशेदपुर में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 53.16 प्रतिशत बढ़ी है।

इस दौरान शहर के नेत्र रोगियों की संख्या में भी 104.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले पांच सालों में नेत्र रोगियों में सबसे बड़ी संख्या 15 वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों की है, जो 20 प्रतिशत है। इसमें से 10-12 प्रतिशत बच्चे मायोपिया के शिकार हो चुके हैं। 25 प्रतिशत महिलाएं अधिक समय तक मोबाइल का उपयोग करने से सिरदर्द, स्पोंडलाइटिस आदि की शिकार हो गई है। जबकि कुल नेत्र रोगियों में लगभग 30 प्रतिशत ऐसे हैं जिनके वर्तमान चश्मे के नंबर में बदलाव करना पड़ा है।

बच्चों में बढ़ी मायोपिया की समस्या धीरे-धीरे कम हो रही दूर की नजर

जमशेदपुर के स्कूली बच्चों में मोबाइल की स्क्रीन से चिपके रहने से रोशनी धीरे धीरे कम हो रही है। वर्ष 2015 से 2018 तक शहर के औसतन 5 प्रतिशत बच्चों में मायोपिया की बीमारी देखी गई थी। लेकिन कोरोना के बाद इसमें भारी बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल शहर के 11 प्रतिशत से अधिक बच्चे इसके चपेट में आ गए हैं। इस बीमारी में आंख की पुतली का साइज बढ़ जाता है और इसकी वजह से प्रतिबिंब रेटिना पर नहीं बनता है। बल्कि इससे थोड़ा अलग हटकर बनता है। इससे दूर की चीज धुंधली दिखती है लेकिन पास की चीजें ठीक दिखती हैं।

15 साल से कम बच्चों के लिए 2 घंटे से अधिक का स्क्रीन टाइम खतरनाक

नेत्र विशेषज्ञों द्वारा तैयार गाइडलाइंस के अनुसार 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए दिन में दो घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं होना चाहिए। हर 20 मिनट पर 20 सेकंड का ब्रेक लेना चाहिए और 20 मीटर दूर तक देखना चाहिए। इससे आंखों को रिलैक्स मिलता है और मसल्स पर जोर भी नहीं पड़ता। स्क्रीन टाइम गाइडलाइंस के अनुसार नहीं होने पर रोशनी कम होने के साथ ही स्क्रीन को नजदीक और एकटक देखने से आंखें ड्राई होने लगती हैं। इतना ही नहीं इससे छोटे बच्चों में स्पीच डिसऑर्डर या देर से बोलने की समस्या भी आती है।

मोबाइल देखते समय कम झपकती हैं पलकें और उससे निकलने वाली ब्लू लाइट आखों को करती है डैमेज

मोबाइल स्क्रीन से निकलनेवाली ब्लू लाइट आंखों को पूरी तरह से डैमेज कर सकती है। क्योंकि घंटों स्मार्टफोन से चिपके रहने से आंखों से पानी गिरने लगता है। ऐसा मोबाइल से निकलनेवाली किरणों के कारण ही होता है। वहीं लगातार मोबाइल पर देखते रहने से पलकों का झपकना लगभग कम हो जाता है। इससे आखों को आराम नहीं मिलता और आंखों से पानी गिरने लगता है। आंखों का पानी सूखने लगता है।

इस कारण आंखों में खुजली और जलन की समस्या भी होने लगती है। इसके अलावा आंखों की पुतलियां और नसें भी सिकुड़ने लगती हैं। ज्यादा मोबाइल चलाने से हमारी आंख की सिर्फ नजदीक का दिखाने वाली मांसपेशी ही सक्रिय रहती है जिसके कारण दूर का दिखाने वाली मांसपेशी लंबे समय तक निष्क्रिय रहने के कारण कमजोर हो जाती है जिसकी वजह से हमें दूर की वस्तुएं ठीक से दिखाई देना कम हो जाती है।

5 साल में शहर में 53.16 प्रतिशत बढ़े मोबाइल उपभोक्ता जिससे 104.65 प्रतिशत बढ़ गए आंख के मरीज; नए मरीजों में 20 प्रतिशत बच्चे, 25 प्रतिशत महिलाएं और 30 प्रतिशत ऐसे मरीज जिनका बदल गया चश्मे का पावर।

मोबाइल का नशा होने का असर नींद पर पड़ रहा, मेंटल डिसऑर्डर का खतरा

शहर के मनोचिकित्सक डाॅ. दीपक गिरी ने कहा कि मोबाइल का अधिक उपयोग शहवासियों को मनोरोगी बना रहा है। उनके पास कई ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें शराब व अन्य मादक पदार्थों की तरह मोबाइल का नशा हो गया है। वे मोबाइल से अलग रहना ही नहीं चाहते हैं।

इस तरह के मरीज शुरुआत दिनों में नींद आने पर जबरदस्ती जगकर मोबाइल देखते हैं और कुछ ही दिनों में मोबाइल के इतने आदी हो जाते हैं कि उन्हें नींद ही नहीं आती है। नींद नहीं आने से मस्तिष्क को आराम नहीं मिल पा रहा है। इससे मेंटल डिसऑर्डर का खतरा बढ़ रहा है। इसको ठीक करने के लिए मरीज को महीनों तक दवा खानी पड़ती है।

ऐसे बढ़ती गई मरीजों की संख्या

अवधि मरीज 2018 63187 2019 76321 2020 79187 2021 89367 2022 113629

शहर के लोगों का आयु वार स्क्रीन टाइम

बच्चे- 3 घंटा 30 मिनट 18- 30 उम्र – 4.10 घंटा 30- 60 उम्र- 3:50 घंटा महिलाएं – 4 घंटा 30 मिनट

जमशेदपुर शहरवासियों का औसत स्क्रीन टाइम- 4 घंटा 30 मिनट

देशवासियों का स्क्रीन टाइम – 4 घंटा 9 मिनट

नोट- शहर का आंकड़ा मोबाइल कंपनियों के डेटा खर्च व डॉक्टरों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार है।

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Post Credit :- www.bhaskar.com
Date :- 2023-03-18 23:32:09

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