डॉ. फिरोज ने कहा: सोशल मीडिया की मदद से शिक्षा को आसान व सुविधाजनक बनाया जा सकता है Newshindi247

डॉ. फिरोज ने कहा: सोशल मीडिया की मदद से शिक्षा को आसान व सुविधाजनक बनाया जा सकता है Letest Hindi News

कुडू8 घंटे पहले

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सेमिनार में शामिल हुए अतिथि।

प्रखंड के टिको स्थित अविराम कॉलेज ऑफ एजुकेशन में उच्च शिक्षा परिदृश्य पर सोशल मीडिया का प्रभाव पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। मौके पर शिक्षा क्षेत्र की महान हस्तियों में नीलंबर पीतांबर यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ. फिरोज अहमद, स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन के निदेशक रेडियो रांची यूनिवर्सिटी, डॉक्यूमेंट्री के निर्माता डॉ. बिनोद कुमार, रांची यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. गौरी शंकर झा, राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ. बृजेश कुमार, उपेंद्र उपाध्याय नेतरहाट आवासीय विद्यालय से अवकाश प्राप्त शिक्षक, इंद्रजीत कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया।

वहीं अतिथियों ने शोध स्मारिका पत्र का विमोचन भी किया। मौके पर कॉलेज के प्रशिक्षकों ने अतिथियों का अभिनंदन शॉल, पगड़ी, बैच, बुके, झारखंडी पारंपरिक गमछा, पत्ता टोपी पहना कर किया गया। वहीं कॉलेज के प्रशिक्षुओं द्वारा निर्मित वर्मी कंपोस्ट भेंट कॉलेज सचिव इंद्रजीत कुमार द्वारा दिया गया। मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में योग नृत्य करण और साथियों द्वारा,सुंदर झारखंड पर नृत्य अनूपा और साथी,महिला सशक्तिकरण पर स्किट रश्मि और साथियों द्वारा अदभुत रूप से प्रस्तुत किया गया।

स्वागत उद्बोधन में इंद्रजीत कुमार द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया और महाविद्यालय की यात्रा को साझा भी किया गया। मौके पर डॉ. फिरोज अहमद ने कहा सोशल मीडिया की मदद से शिक्षा को आसान और सुविधाजनक बनाया जा सकता है। सहयोग का बढ़ता आदान-प्रदान: चूंकि हम दिन के किसी भी समय सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते है और कक्षा के बाद शिक्षक से प्रश्नों का समर्थन और समाधान ले सकते हैं।

यह अभ्यास शिक्षक को अपने छात्रों के विकास के और अधिक बारीकी को समझने में भी मदद करता है। डॉ. बिनोद ने कहा जो छात्र सोशल मीडिया साइटों पर अधिक समय बिताते हैं, उनके खराब शैक्षणिक प्रदर्शन करने की संभावना होती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे किताबें पढ़ने के बजाय ऑनलाइन चैटिंग और सोशल मीडिया साइट्स पर दोस्त बनाने में समय बिताते हैं।

डॉ. गौरी शंकर झा ने कहा कि सोशल मीडिया शिक्षा ही नहीं सभी क्षेत्रों के लिए उपयोगी है। परंतु इसके साथ साथ प्राथमिक ज्ञान स्रोत पुस्तकों को नहीं भूलना चाहिए। डॉ बृजेश कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया ने बहुत कुछ सरल कर दिया है। सूचनाओं का आदान प्रदान हमें स्वयं समझदारी से इसके दुष्परिणामों से बचना चाहिए।

सेमिनार के तकनीकी सत्र में पंकज, रोजमेरी, शशि, चिनिबास, पवन आदि के द्वारा पेपर प्रस्तुतिकरण किया गया। मौके पर प्राचार्या डॉ प्रतिमा त्रिपाठी, जंगबहादुर सिंह, नीरज कुमार, वीरेंद्र, लक्ष्मण सहित अन्य मौजूद थे।

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Post Credit :- www.bhaskar.com
Date :- 2023-03-18 22:30:00

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