बकरी पालन से बदली तकदीर: पांच साल पहले तक पति के साथ करती थी मजदूरी, अब खुद तीन लोगों को दे रहीं रोजगार Newshindi247

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- Till Five Years Ago She Used To Work With Her Husband, Now She Herself Is Giving Employment To Three People.
बीनाएक घंटा पहले
खुरई के गढ़ौला जागीर गांव की एक महिला मजदूर जो दूसरों के यहां काम करके अपना परिवार चलाती थी। बकरी पालन के बाद महिला की किस्मत बदल गई। अब वह तीन लोगों को रोजगार दे रही है। महिला दस साल पहले बच्चों को घर पर अकेला छोड़कर मजदूरी करने के लिए आसपास के गांव जाती थी।
हम बात कर रहे हैं गढ़ौला जागीर गांव की जमना बाई पाल की। जमना बाई ने समूह से 10 हजार रुपए का ऋण लेकर पांच बकरियां खरीदकर बकरी पालन की शुरूआत की थी। धीरे-धीरे बकरियों की संख्या बढ़ी तो सबसे पहले ऋण चुकाया और आज की स्थिति में उनके पास 60 बकरियों का झुंड है।
जमना बाई ने बताया कि वह व पति दोनों दूसरों के यहां मजदूरी पर ही निर्भर थे, लेकिन साल भर वह भी नहीं मिलती थी। जो थोड़ी बहुत जमीन थी उसमें सिंचाई की व्यवस्था नहीं थी। जिसके कारण बमुश्किल साल भर खाने के लिए अनाज मिल पाता था। जब पति और पत्नी काम करते थे तो मुश्किल से 500 से 600 ही दोनों को मिल पाते थे।
बकरी बेचकर हर साल कमा रहे 60 हजार
बकरी पालन की शुरुआत की। जब धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ी तो 10 बकरे और कुछ भेड़ को बेचकर 60 हजार रुपए जुटाए। इसके बाद फिर 30 हजार का ऋण लिया। खेत में कुआं खुदवाया। इसके बाद सिंचाई पंप आदि लिए और फसल को पानी मिला तो पैदावार बढ़ी, पहली बार भरपूर अनाज मिला। जमना ने बताया कि अब साल में 50 से 60 हजार रुपए की आमदनी बकरियों को बेचने से हो जाती है।
भेड़ों के ऊन से बनाते हैं कंबल
जमना बाई के पति बृजकिशोर पाल ने बताया कि उसकी पत्नी की वजह से आज उसे अच्छा रोजगार मिला है। अब वह दूसरों के यहां काम करने नहीं जाता है। दिनभर अपने बकरियों के कार्य में लगे रहते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास भेड़ें भी हैं। जिसका ऊन काटकर भी कंबल बनाने का काम करते हैं। कंबल बनाने से भी अलग से आय हो जाती है।
Post Credit :- www.bhaskar.com
Date :- 2023-03-15 07:51:21