बिहार के कश्मीर ककोलत को पर्यटकों के लिए किया जा रहा विकसित, विश्व पर्यटन में शामिल करने की हो रही पहल Newshindi247

बिहार के कश्मीर ककोलत को पर्यटकों के लिए किया जा रहा विकसित, विश्व पर्यटन में शामिल करने की हो रही पहल Letest Hindi News

बिहार का कश्मीर कहे जानेवाले ऐतिहासिक शीतल जलप्रपात ककोलत का विकास कार्य शुरू किया गया है. इसे विश्व पर्यटन में शामिल करने को लेकर पहल शुरू हो गयी है. ककोलत के पुराने स्वरूप को बदलकर इसे नये व्यवस्था के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. निर्माण कार्य तेज गति से किया जा रहा है, ताकि गर्मी की तपिश शुरू होने के पहले ही पर्यटकों के लिए इसे शुरू किया जा सके. प्रकृतिक झरना की सुंदरता लोगों को यहां तक खिंच रही है. नवादा जिला का यह पर्यटन स्थल प्रारंभ से लोगों को प्रकृति से जोड़ने का काम करता रहा है. झरना के आसपास पुराने सभी जर्जर भवनों को तोड़कर हटा दिया गया है. इसके स्थान पर आधुनिक सुविधाओं के साथ महिलाओं और पुरुषों के लिए चेंजिंग रूम, पर्यटकों के बैठने की व्यवस्था, धार्मिक मंदिर का स्वरूप आदि निर्माण कार्य कराये जायेंगे. यहां आनेवाले पर्यटकों को ककोलत की खूबसूरती और इसका सौंदर्य जीवन भर याद रखें, इसके लिए इसकी प्रकृतिक सुंदरता को भी बरकरार रखा जायेगा.

निर्माण में जुटे हैं सैकड़ों मजदूर

गर्मी का मौसम शुरू हो गया है. ककोलत जलप्रपात के पास 14 अप्रैल विसुआ ( सतुआनी ) मेला के पहले पर्यटकों के लिए शुरू करने का प्रयास है. ताकि आने वाले पर्यटक इसकी सुंदरता और ककोलत के ठंडे अहसास को महसूस कर सके. निर्माण कार्य में प्रतिदिन लगभग एक सौ से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं. ककोलत की देखरेख करने वाले केयरटेकर यमुना पासवान ने बताया कि झरना के आसपास बने सभी पुराने जर्जर भवनों को हटा दिया गया है. इसके स्थान पर नया निर्माण किया जा रहा है. मुख्य झरना के कुंड को भी आधुनिक स्वरूप देने के लिए काम चल रहा है. झरना के आसपास के हिस्से को पर्यटन के अनुकूल बनाया जायेगा. फिलहाल झरना के पानी को पाइप के माध्यम से दूसरी तरफ गिराया जा रहा हैं, ताकि ककोलत झरना के आसपास नया निर्माण करके आकर्षक रूप दिया जा सके.

पर्यटक नहीं आने से स्थानीय दुकानदार है परेशान

स्थानीय लोगों को रोजी-रोटी देने में ककोलत जलप्रपात पर्यटन स्थल काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यहां आने वाले पर्यटकों के बदौलत ही कई प्रकार के रोजगार चलते हैं. पिछले छह सितंबर 2022 से ही ककोलत जलप्रपात का झरना आम पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है. बारिश के दौरान हुए बाढ़ के कारण सीढ़ी और झरना के आसपास के हिस्से को नुकसान हुआ था, इसके बाद से पर्यटक के आने जाने पर प्रशासन के द्वारा रोक लगा दी गयी है. ककोलत झरना क्षेत्र में प्रवेश पर वन विभाग के द्वारा रोक लगाये जाने से पर्यटक भी परेशान हो रहे हैं. कई ककोलत आने वाले पर्यटकों को खाली हाथ ही वापस लौटना पड़ रहा है. पर्यटक नहीं आने से आसपास के विकास कार्यों पर भी प्रभाव पड़ा है. दुकानदारों ने आशा व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में पर्यटन शुरू होने से उनके रोजगार फिर से शुरू होंगे.

मुख्यधारा को मोड़कर किया जा रहा है निर्माण कार्य

ककोलत में विकास का कार्य वन विभाग के द्वारा कराया जा रहा है. मुख्य धारा को पाइप के माध्यम से मोड़कर धारा से हटकर कुछ दूरी जो सीढ़ियों पर गिराया जा रही है. इके कारण मुख्यधारा के समीप बिल्कुल सूखा पड़ा हुआ है. सैलानियों की सुविधा बढ़ने से यहां पर्यटन को और बढ़ावा मिल पायेगा. नये निर्माण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा कई बार वादे किये गये थे. अंततः धरातल पर काम होता दिख रहा है. आने वाले दिनों में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद निश्चित ही आने वाले पर्यटकों को इसका और आनंद मिल पायेगा.

आश्रित दुकानदारों ने कहा बने वैकल्पिक व्यवस्था

दुकानदारों ने कहा पिछले लगभग एक वर्ष से दुकानदारी पूरी तरह से ठप हो गयी है. परिवार के लिए जीवन यापन भी मुश्किल हो गया है. दुकानदार नीरज सिंह, सरवन चौधरी, रतन राम, कारूराम सुरेश राम, दानीराम, लटनी देवी सहित अन्य ने बताया कि दुकान बंद रहने से काफी समस्या हो रही है. भुखमरी के कगार पर आ चुके हैं. चैती छठ पर्व में आसपास के लोग यहां आते थे. यहां हो रहे विकास के कार्यों से ककोलत जलधारा को पाइप के माध्यम से ऊपर के सीढ़ियों पर ही गिरायी जी रही है, यदि यह पाइप नीचे तक लाया जाता तो शायद सैलानी कम से कम नीचे ही स्नान कर पाते. इससे हम लोगों का भी रोजी रोजगार चल पाता. ककोलत जल को लोग गंगा जैसे पवित्र मानते हैं, यहां लोग छठ पूजा करते हैं. स्थानीय दुकानदारों ने प्रशासन से जलप्रपात के पास आने-जाने की सुविधा शुरू करने की मांग की.

आनेवाले सैलानी भी हो रहे परेशान

ककोलत जलप्रपात में निर्माण कार्य की सूचना सही तरीके से नहीं होने के कारण कई स्थानों से पर्यटक ककोलत के लिए पहुंचते हैं. दूर दराज से आए हुए सैलानी विक्रम कुमार, रोहित कुमार, पवन सिंह, शंकर कुमार आदि ने बताया कि ककोलत के रास्ते में बैरियर लगाकर आवागमन पर रोक लगा हुआ है, जिससे हम लोगों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बड़ा ही लुभावन है, मार्ग में लगे हुए बैरियर को जल्द ही खोल देना चाहिए, ताकि सैलानियों को आने के बाद निराशा हाथ नहीं लगे.

Post Credit :- www.prabhatkhabar.com
Date :- 2023-03-18 22:12:11

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