पारंपरिक ग्रामीण खेलों से जौहर श्रद्धांजलि समारोह की हुई शुरुआत: जीते हुए खेलों के सर्टिफिकेट को राज्यस्तरीय मान्यता दिलाने की मांग Newshindi247

पारंपरिक ग्रामीण खेलों से जौहर श्रद्धांजलि समारोह की हुई शुरुआत: जीते हुए खेलों के सर्टिफिकेट को राज्यस्तरीय मान्यता दिलाने की मांग Letest Hindi News

चित्तौड़गढ़33 मिनट पहले

गंगरार डिप्टी भवनीसिंह तीरदांजी का निशाना लगाते हुए।

जौहर श्रद्धांजलि समारोह की शुरुआत खेलकूद प्रतियोगिता से हुई। यह कंपटीशन शुक्रवार तक जारी रहेगा। कंपटीशन की शुरुआत गंगरार डिप्टी भवानी सिंह ने तीरदांजी के लिए तीर से निशाना लगाकर किया। जौहर स्मृति संस्थान के पदाधिकारियों ने बताया कि यहां जौहर मेले में खेले गए खेल प्रतियोगिता से मिले सर्टिफिकेट को राज्यस्तरीय मान्यता दिलाने की कोशिश की जाएगी।

महामंत्री तेजपाल सिंह शक्तावत ने बताया कि बड़े उत्साह के साथ जौहर मेले की शुरुआत हो चुकी है। आज पहले दिन इंदिरा गांधी स्टेडियम में महाराणा सांगा स्मृति पारंपरिक ग्रामीण एवं जनजाति खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। यह 17 मार्च को भी जारी रहेगा। इसमें एथलेटिक्स में विभिन्न दौड़ो के साथ गोला फेंक, भाला फेंक, तश्तरी फेंक का आयोजन होगा। इसी तरह 17 मार्च को 9 बजे इंदिरा गांधी स्टेडियम में ही स्नैप शूटिंग, तीरदांजी, रस्साकशी और परंपरागत खेल का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि गंगरार डिप्टी भवानी सिंह तीरदांजी के लिए तीर से निशाना लगाकर खेल की शुरुआत की। इस दौरान महिलाओं ने भी अपना हाथ आजमाया।

महिला शक्ति ने आजमाया हाथ।

शुक्रवार को होंगे कई प्रोग्राम

तेजपाल सिंह ने बताया कि आज से 10th बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। इसके कारण खिलाड़ी कम आए है। लेकिन जितने खिलाड़ियों की जरूरत है उतने आए है। शाम तक यह आयोजन चलेगा। शुक्रवार को भी दिन तक खेल प्रतियोगिताएं चलेगी। शाम को शाम 4 बजे घुड़चाल, घुड़सवारी, साफा बांधो, रूमाल झपट्टा, मेहंदी प्रतियोगिता आयोजित होगी। उसके बाद रात के 8 बजे अग्रवाल भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन का आयोजन होगा।

खेलों से जीते सर्टिफिकेट को मान्यता देने की मांग।

खेलों से जीते सर्टिफिकेट को मान्यता देने की मांग।

सर्टिफिकेट को मिले मान्यता

जौहर स्मृति संस्थान के पदाधिकारियों ने कहा कि हम कोशिश कर रहे है कि जौहर मेले में खेले गए खेल प्रतियोगिता से मिले सर्टिफिकेट को राज्यस्तरीय मान्यता मिल सके। लगातार 31 सालों से इस कंपटीशन का आयोजन होता है। जौहर मेले में परंपरागत और जनजाति के लोग को बढ़ावा मिले इसके लिए कोशिश की जाती है। आज की पीढ़ी को इन भूले हुए खेलों की जानकारी होना जरूरी है। यहां से जीते हुए सर्टिफिकेट आगे भी बच्चों के केरियर में काम आए उसके लिए राज्यस्तरीय मान्यता की जरूरत है।

मंच पर मौजूद अतिथि।

मंच पर मौजूद अतिथि।

खबरें और भी हैं…

Post Credit :- www.bhaskar.com
Date :- 2023-03-16 07:00:30

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed