परेशानी: अनुबंध पर चल रहा अल्ट्रासाउंड दो वर्षों से बंद, रोज 25 मरीज बाहर करवा रहे जांच Newshindi247

परेशानी: अनुबंध पर चल रहा अल्ट्रासाउंड दो वर्षों से बंद, रोज 25 मरीज बाहर करवा रहे जांच Letest Hindi News
आमोद शर्मा |अररिया43 मिनट पहले
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- सदर अस्पताल, मिशन-60 के तहत नहीं हो रहा निर्देशों का पालन, यहां की व्यवस्था खुद बीमार
- अल्ट्रासाउंड कराने में बाहर लगते हैं 500 से 800 सौ रुपए
भले ही स्वास्थ्य विभाग मरीजों के इलाज के लिए बड़े-बड़े दावे करता हो पर हकीकत कुछ और ही है। मरीजों को सरकार के मिशन-60 के तहत अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का निर्देश दिया गया था। सदर अस्पताल में इन निर्देशों का पालन होता नहीं दिख रहा है। सदर अस्पताल चिकित्सकों और कर्मी की कमी रहने के कारण आज खुद बीमार बीमार है। सदर अस्पताल में कई तरह का इलाज भी नहीं हो पा रहा है। इस कारण सदर अस्पताल से अधिकतर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। हालत यह है कि सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेंटर दो साल से बंद है। इसका खामियाजा खासकर दुर्घटनाग्रस्त और गरीब रोगियों को उठाना पड़ रहा है। यहां पर अनुबंध पर अल्ट्रासाउंड चल रहा था, लेकिन दो वर्षों से भुगतान नहीं होने के कारण यह सेवा बंद है। इस कारण 25 मरीजों को रोज बाहर अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है, जिसके लिए 500 से लेकर 800 रुपए तक लगते हैं। जानकार की मानें तो सदर अस्पताल प्रसव के आए किसी भी महिला को पहले अल्ट्रासाउंड का जांच लिखा जाता है, लेकिन सदर अस्पताल में आए कुछ मरीज धन के अभाव में निजी तौर पर अल्ट्रासाउंड नहीं करा सकते हैं। सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड को लक्ष्य प्रमाणीकरण भी मिल चुका है। ऐसी स्थिति में अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद रहना जिले के लिए काफी दुखद है। अल्ट्रासाउंड जांच कराने के बहाने दलाल सदर अस्पताल के मरीजों को बहला फुसलाकर निजी तौर पर भर्ती कर लेते हैं। अस्पताल आए मो. उमर सहित कई अन्य लोगों ने बताया कि बाहर में अल्ट्रासाउंड का 500 रुपए लेकर 800 रुपए तक लगता है।
वरिष्ठ नागरिक को सामान्य मरीजों के साथ कराना पड़ रहा इलाज, बढ़ जाती परेशानी
सदर अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक को भी सामान्य मरीजों को साथ इलाज कराना पड़ता है। इसके कारण वरिष्ठ नागरिक को काफी परेशानी होती है, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से ओपीडी बनाया है। फिर भी वरिष्ठ नागरिक को सामान मरीजों के साथ ही कतारबद्ध होकर इलाज कराना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो सदर अस्पताल में आए वरिष्ठ नागरिकों को सदर अस्पताल में विशेष ख्याल रखा जाता है। सदर अस्पताल में सामान्य मरीजों के साथ लाइन में खड़े वरिष्ठ नागरिक ने मरीजों को बताया कि सदर अस्पताल में वरिष्ठ नागरिक के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। घोषणा सिर्फ दिखावा है।
सदर अस्पताल में नहीं हैं हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक, दर्जनों रोगी इलाज को पहुंच रहे
सदर अस्पताल में लगभग कई वर्ष से हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। मरीजों की माने तो सदर अस्पताल में रोजाना आधा दर्जन लोग सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति इलाज के लिए पहुंचते है। जिसे सदर अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं रहने के कारण उसे भी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इसके अलावा न तो मानसिक रोग चिकित्सक, हड्डी रोग, चर्म रोग, न्यूरो चिकित्सक, कान, नाक, गला रोग, यक्ष्मा रोग विशेषज्ञ चिकित्सक, छाती रोग चिकित्सक, हृदय रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ आदि चिकित्सक नहीं है। इस कारण मरीज निजी तौर पर इलाज कराने को लेकर विवश है।
बिचौलिए के विरुद्ध होगी कार्रवाई : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ विधान चंद्र सिंह ने बताया कि अल्ट्रासाउंड के ट्रेनिंग के लिए सूची भेज दी गई है। निर्देश आते ही कर्मी व चिकित्सक को भेज दिया जाएगा, जो एक सप्ताह का होगा। स्वास्थ्यकर्मी को पूर्व से निर्देश है। अपनी ड्यूटी से समय एप्रन में ही रहें। बिचौलिया जिस स्वास्थ्य कर्मी की ड्यूटी में पाया गया, उस पर विभागीय कार्रवाई हो सकती है। आम आदमी अगर लिखित शिकायत करता है तो प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में स्वास्थ्य कर्मी है।
Post Credit :- www.bhaskar.com
Date :- 2023-03-18 23:23:31