MP में ओले-बारिश से फसल काली पड़ी: रुंधे गले से किसान बोले-फसल से दाना नहीं, भूसा निकलेगा; बेटी की शादी कैसे करेंगे? Newshindi247

MP में ओले-बारिश से फसल काली पड़ी: रुंधे गले से किसान बोले-फसल से दाना नहीं, भूसा निकलेगा; बेटी की शादी कैसे करेंगे? Letest Hindi News
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मध्यप्रदेश8 मिनट पहले
मध्यप्रदेश में शुक्रवार-शनिवार को तेज हवा के साथ ओले गिरने के साथ ऐसी बारिश हुई कि किसान बर्बाद हो गए। बेमौसम बारिश और ओलों की मार गेहूं, चना, सरसों की तैयार फसल पर पड़ी। मंदसौर में रविवार सुबह तक खेतों में ओले बिछे रहे।
ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रशासन ने शुरुआती सर्वे में 60 से 85% नुकसान का अनुमान जताया है। दैनिक भास्कर ने जब किसानों से बात की तो वे बोले- अब फसल से दाना नहीं, भूसा ही निकलेगा। राजगढ़ के किसान ने कहा कि घर में चोरी हो गई थी, अब मौसम ने लूट लिया। रायसेन के किसान के घर भतीजी की शादी है। बोले- कर्ज लेकर शादी करेंगे, या तो तारीख आगे बढ़ा देंगे।
दैनिक भास्कर ने खेतों में जाकर ग्राउंड रिपोर्ट की…
पहले एक्सपर्ट की बात…
फल अनुसंधान केंद्र, भोपाल के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. आरके जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में गेहूं की 50% कटाई हो चुकी है, जो फसल खेत में खड़ी है, उसमें बेमौसम बारिश से गेहूं के दाने में काले धब्बे पड़ रहे हैं। जहां ओले गिरे हैं, वहां 50% नुकसान होगा। चने की भी करीब 40% फसल नहीं कटी हैं। आशंका यह है कि चने के दाम पर प्रति क्विंटल 300 रुपए तक कम हो सकते हैं।
{ग्वालियर}
कई घरों में बेटियों की शादियां
ग्वालियर के घाटीगांव आरोन, पाटई और करही इलाके में गेहूं की फसल को 90 से 100% नुकसान बताया जा रहा है। उप सरपंच देवेंद्र रावत और किसान सुंदर सिंह रावत ने बताया कि 1 घंटा तेज बारिश हुई और करीब 20 मिनट तक ओले गिरे। ग्वालियर – चंबल अंचल में शुक्रवार को ओले गिरे थे। ग्वालियर – चंबल में तो प्रशासन के शुरुआती सर्वे में 60 से 85% का नुकसान माना जा रहा है। एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी किसानों के बीच पहुंचे थे। सेकरा, बराना, बडकागांव, सवराई, शुभासपुरा, चगोंरा, तादई, रानीघाट में भी ओले गिरे हैं। किसान तबाह हो गए हैं। कई घरों में बेटियों की शादियां हैं।

ओले-बारिश से बर्बाद फसल के बीच बैठे बड़का गांव के किसान विजय सिंह बैस। ग्वालियर – चंबल अंचल में शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ पानी गिरा। कई जगह ओले भी गिरे।
{मंदसौर}
शनिवार को गिरे ओले, आज सुबह तक खेतों में बिछे रहे…
शनिवार को मंदसौर के कचनारा, नगरी आक्या में सबसे ज्यादा ओले गिरे। आज सुबह भी खेतों के आसपास ओले के ढेर पड़े दिखे। अधिकारियों, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने भी नुकसान का जायजा लिया। किसानों ने कहा- सरकार बिना सर्वे मुआवजा दे। खेतों में पहुंचे अधिकारियों ने कहा कि सर्वे बिना मुआवजा नहीं दे सकते।
जिले में डेढ़ महीने में यह चौथी बार है, जब ओले गिरे हैं। 30 जनवरी, मार्च में इससे पहले 6 और 7 मार्च को भी ओलों की मार फसलों पर पड़ी थी। 18 मार्च को नगरी आक्या में तो कहीं-कहीं मक्के से बड़े आकार के ओले गिरे। खेतों में पानी भर गया, कटी हुई फसलें खेतों में तैरने लगीं। जिले में दलौदा, कुचड़ौद, नाहरगढ़, धुंधड़का, सीतामऊ क्षेत्र के धाकड़ पिपलिया, फतेहपुर, चिकली, ऐरा, दीपा खेड़ा और गोपालपुरा गांव में भी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।

यह कश्मीर नहीं, मंदसौर में नगरी- कचनारा सड़क का नजारा है। क्षेत्र में मक्का के आकार के ओले गिरे। मंदसौर जिले में डेढ़ महीने में चार बार ओलावृष्टि हो चुकी है।
{रायसेन}
शादी आगे बढ़ाना पड़ेगी या कर्ज लेना पड़ेगा
रायसेन शहर और जिले के गैरतगंज, बेगमगंज, सिलवानी और आसपास के इलाकों में 3 दिन से मौसम की मार पड़ रही है। आज सुबह सालेरा मार्ग पर रोड के दोनों ओर खेतों में पककर तैयार खड़ी गेहूं की फसल बिछी दिखी। किसानों के मुताबिक 40% से ज्यादा का नुकसान हुआ है। रायसेन जिला मुख्यालय से 4 किमी दूर ग्राम मऊफतराई के किसान नेम सिंह ठाकुर के घर भतीजी की शादी है। नेमसिंह ने बताया कि 6 एकड़ में गेहूं बोया था। 3 एकड़ की फसल आड़ी होकर काली पड़ गई। अब शादी करना मुश्किल है। या तो कर्ज लेना पड़ेगा या फिर शादी की तारीख आगे बढ़ाना पड़ेगी।

रायसेन जिला मुख्यालय से 4 किमी दूर ग्राम मऊफतराई में फसल के बीच उदास बैठे किसान। शनिवार रात बारिश हुई। आज सुबह किसान खेत में पहुंचे तो गेहूं की फसल बिछी पड़ी थी।
{राजगढ़}
पहले चोरों ने लूटा, अब मौसम ने….
राजगढ़ जिले में 10 दिन में दूसरी बार बारिश के साथ ओले गिरे तो किसानों की आंख में आंसू आ गए। हम खिलचीपुर के कछोटिया गांव पहुंचे। किसान लक्ष्मीनारायण खेत में उदास बैठे मिले। पूछने पर बोले- संतरे के बगीचे के साथ खेत में गेहूं बोया था। एक महीने पहले ही बगीचे के संतरे बेचे। 1 लाख 40 हजार रुपए घर की पेटी में जेवर के साथ रख दिए। 24 फरवरी को जब मैं और मेरा पूरा परिवार खेत पर काम कर रहा था, तभी चोर घुस गए। पहले चोरों ने लूटा, जो बचा था उसे मौसम ने लूट लिया।

दैनिक भास्कर की टीम जब कछोटिया गांव पहुंची तो किसान लक्ष्मीनारायण सिर पर हाथ रखकर बैठे हुए थे। उनके घर चोरी हुई और अब बारिश-ओलों से फसल खराब हो गई।
तस्वीरों में देखिए, यहां भी फसलों को नुकसान…
{खंडवा}

खंडवा में पानी में डूबी प्याज की फसल। जिले में ओलों से तरबूज की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। संयुक्त कलेक्टर अंशु जावला के अनुसार, मूंदी-पुनासा और पंधाना क्षेत्र में ज्यादा नुकसान है। खंडवा, खालवा और हरसूद का कुछ क्षेत्र प्रभावित है। नुकसान के आकलन को लेकर फिलहाल कुछ कह नहीं सकते हैं। गेहूं-चना फसल तो कट चुकी है।
{गुना}

गुना के बांसाहेड़ा इलाके में अंगूर के आकार के ओले गिरे। सबसे ज्यादा फसलों को नुकसान भी इसी इलाके में हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान धनिया में देखा जा रहा है। इस समय धनिया की फसल पूरी तरह पक कर तैयार है। कटी हुई धनिए की फसल भी खेतों में ही पड़ी हुई है। कुछ जगह जहां गेहूं की फसल अभी भी खेतों में खड़ी है, बारिश – हवा के कारण आड़ी हो गई है। जिले में शनिवार रात आधे घंटे तक तेज बारिश हुई थी।
{शिवपुरी}

शिवपुरी जिले में सबसे ज्यादा नुकसान खनियाधाना तहसील क्षेत्र के गांवों में हुआ है। खनियाधाना तहसील के लहर्रा गांव में तो इतने ओले गिरे थे कि खेत और सड़कों पर सफेद सी चादर बिछ गई थी। कोलारस, बैराड़, करैरा, नरवर तहसील में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई है। इन क्षेत्रों में भी किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। पिछोर सहित खनियाधाना के गांवों में हुई ओलावृष्टि से लगभग 1200 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान माना जा रहा है।
{बुरहानपुर}

बुरहानपुर जिले के खकनार, शाहपुर, नेपानगर क्षेत्र में शनिवार शाम और रात में कई जगह चने के आकार के ओले गिरे। धाबा, डोईफोड़िया, गंभीरपुरा, अंबाड़ा क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ है। गेहूं और चने के साथ तरबूज की फसल प्रभावित हुई है। किसानों के अनुसार करीब 25 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है।
{विदिशा}

विदिशा जिले में गुलाबगंज के चाठौली, तेवरी, सुआखेड़ी, चक रामपुर, गुनुआ, पटवारी खेड़ी, हरजाखेड़ी, हथियाखेड़ा, घुरदा, खिरिया, मुडरा गनेशपुर गांव में शनिवार रात ओले गिरे। नटेरन के लखाखेड़ी गांव में भी फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि इस बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं के दाना कमजोर हो जाएगा। दाने की चमक चली जाने पर प्रति क्विंटल पर 1 हजार रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
ये भी जानिए…

अशोकनगर में 52km की रफ्तार से चली हवा
शनिवार शाम बिगड़े मौसम के दौरान हवाएं भी तेज थीं। अशोकनगर में सबसे ज्यादा 52 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली।
24 घंटे में कहां – किस रफ्तार से चली हवा
अशोकनगर | 52 (किलोमीटर/घंटा) |
शाजापुर | 46 |
खंडवा | 44 |
भोपाल | 38 |
नीमच | 36 |
इंदौर | 26 |
बालाघाट | 42 |
पन्ना | 38 |
सिंगरौली | 36 |
सागर | 34 |
इनपुट: रामेंद्र परिहार (ग्वालियर), दीपक शर्मा (मंदसौर), देव शाक्य (रायसेन), मनीष सोनी (राजगढ़), सावन राजपूत (खंडवा), आशीष उपाध्याय (गुना), कपिल मिश्रा (शिवपुरी), रईस सिद्दीकी (बुरहानपुर), कपिल जैन (विदिशा)।
Post Credit :- www.bhaskar.com
Date :- 2023-03-19 09:36:25