शिकंजे रिश्वतखोर: HSIIDC के स्टेट आफिसर समेत दो अधिकारी 50 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार Newshindi247

शिकंजे रिश्वतखोर: HSIIDC के स्टेट आफिसर समेत दो अधिकारी 50 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार Letest Hindi News
फरीदाबाद25 मिनट पहले
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औद्योगिक प्लाट का कंप्लीशन सर्टिफिकेट देने के बदले डेढ़ लाख रुपए की मांगी थी रिश्वत, 75 हजार रुपए पहले भी ले चुका था आरोपी।(आरोपी अधिकारी की पुरानी फोटो)
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी)ने एक औद्योगिक प्लाट का कंप्लीशन सर्टिफिकेट देने के बदले 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हरियाणा राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) के स्टेट मैनेजर विकास चौधरी और सहायक संपदा अधिकारी मनोज बंसल को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है।
अधिकारियों ने शिकायकर्ता से कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए डेढ़ लाख रुपए की डिमांड की थी। शिकायकर्ता ने अधिकारियों को 75 हजार रुपए दे भी चुके थे। बाकी बचे 75 हजार रुपए के लिए लगातार दबाव बना रहे थे। परेशान हाेकर पीड़ित ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो से कर दी। बुधवार को एसीबी ने जाल बिछाकर दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
ये है पूरा मामला
विभागीय सूत्रों ने बताया कि एक पुराने औद्योगिक प्लाट का कंप्लीशन सर्टििफकेट के एचएसआईआईडीसी ने उद्यमी को नोटिस भेजा था। नोटिस मिलने पर उद्यमी ने जब अधिकारियों से संपर्क किया तो उनसे सर्टिफिकेट देने के लिए तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हो गया था। अधिकारियों ने उद्यमी से 75 हजार रुपए ले भी चुके थे। उसके बाद बाकी बचे 75 हजार रुपए के लिए दबाव बना रहे थे।
मंत्री के करीबी को भी नहीं बख्शा
बताया जाता है कि एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों से परेशान उद्यमी ने सेक्टर 8 निवासी एडवोकेट पीएल शर्मा को अपना वकील नियुक्त किया और इस केस का निपटारा कराने को कहा। एडवोकेट प्रदेश के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के करीबी बताए जाते हैं। उन्होंने उद्यमी की ओर से एचएसआईआईडीसी के स्टेट मैनेजर विकास चौधरी से संपर्क किया और केस का निपटारा करने को कहा। सूत्रों ने बताया कि आरोपी मैनेजर ने एडवोकेट की एक न सुनी और कहा कि यहां का मालिक मैं हूं। मेरी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं हो सकता।

गांव मिर्जापुर स्थित एंटी करप्शन ब्यूरो का कार्यालय
एसीबी से संपर्क कर दर्ज कराई शिकायत
एचएसआईआईडीसी अधिकारियों की प्रताड़ना से परेशान होकर एडवोकेट पीएल शर्मा ने एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क किया और बताया कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट देने के लिए अधिकारी पैसे मांग रहे हैं। जबकि उनके क्लाइंट ने पहले ही 75 हजार रुपए दे चुके हैं। बाकी के 75 हजार रुपए न देने पर प्लाट को कैंसिल करने की धमकी दी जा रही है। प्लानिंग के एसीबी की टीम ने 50 हजार रुपए देकर एडवोकेट को एचएसआईआईडीसी आफिस आईएमटी भेजा। जब स्टेट मैनेजर विकास चौधरी से संपर्क किया तो उसने सहायक संपदा अधिकारी मनोज बंसल के पास भेज दिया। इस दौरान एसीबी ने अपना जाल बिछा लिया था। एडवोकेट ने जैसे ही मनोज बंसल को रिश्वत की रकम दिए, एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। कहा जा रहा है कि स्टेट मैनेजर विकास चौधरी ने भागने की काेशिश की लेकिन एसीबी की टीम ने उसे दबोच लिया। एसीबी के एडिशनल एसपी अनिल कुमार का कहना है कि दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। उधर उद्यमियों की मानें तो आरोपी स्टेट मैनेजर ने सैकड़ों उद्यमियों को कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए नोटिस भेजकर दबाव बना रहा था।
Post Credit :- www.bhaskar.com
Date :- 2023-03-15 13:29:17