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- Britain Is Burning In The Fire Of Polarization Set By Suella Braverman, Read The Hindu Editorial Of 20 November
ऋषि सुनक की भारतीय मूल की गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन को अपने ही बॉस के आदेश न मानने के कारण बर्खास्त कर दिया गया है।
उन्होंने एक भड़काऊ लेख में सुझाए गए बदलावों को शामिल करने की मांग को अनदेखा कर दिया। ब्रेवरमैन जिन्हें अपने दक्षिणपंथी विचारों के लिए जाना जाता है, उन्होंने पुलिस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जहां पुलिस ने ‘राष्ट्रवादी प्रदर्शनकारियों’ के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की, वही फिलिस्तीन के समर्थन में खड़ी भीड़ को खुली छूट दी गई। यह प्रदर्शनकारी गाजा में शांति स्थापित करने की मांग कर रहे थे।
ब्रेवरमैन ने गृह सचिव के रूप में अपना पिछला वर्ष अप्रवास, अपराध और बेघर होने पर अपने विचारों को लेकर सांस्कृतिक युद्ध लड़ते हुए बिताया है।
ऋषि सुनक ने उनके बयानों को सहन किया, इससे यह सवाल उठता है कि क्या उनकी भी सोच ऐसी ही है। अब उन्हें एक गंभीर रूप से बंटे हुए देश के नतीजों से निपटना होगा, जिसके मानवाधिकार, विवाद और बहुसंस्कृतिवाद पर विचारों की जांच हमास के खिलाफ मौजूदा युद्ध में इजराइल के लिए वेस्टमिंस्टर के जबरदस्त समर्थन की कसौटी पर किया जाना है।
एक और सांस्कृतिक युद्ध की शुरुआत
सुएला ब्रेवरमैन का पिछला रिकॉर्ड को देखें, तब भी 9 नवंबर को दिए उनके विचारों ने एक और निचला स्तर छू लिया। उन्होंने पुलिस पर राजनीतिक दबाव के आगे ना झुकने और फिलीस्तीन के समर्थन वाले प्रदर्शनों पर रोक न लगाने का आरोप लगाया।
यह प्रदर्शन उन तमाम प्रदर्शनों में से एक है जो हर शनिवार इसराइल डिफेंस फोर्सज के गाजा पर जारी हमले के खिलाफ होते हैं। इस बार ये प्रदर्शन आर्मटाइस डे के दिन हुआ, उन्होंने पहले ही इन प्रदर्शनों को ‘ हेट मार्च ‘ कहा।
उनके इस विचार से कुछ हद तक प्रधानमंत्री भी पहले सहमत दिखे, जिन्होंने इन प्रदर्शनों को उन सभी लोगों के लिए अपमानजनक बताया, जिन्होंने यूनाइटेड किंगडम की आजादी के लिए लड़ाई की और अपनी जान दी। उन दोनों में से किसी को भी इस बात की परवाह नहीं थी कि प्रदर्शनकारी आर्मटाइस की वर्षगांठ पर खून खराबा रोकने की बात कर रहे हैं, जिसने महान युद्ध को समाप्त किया।
यह ऐसा युद्ध था, जिसमें यूरोप की जमीन पर लड़ने वाले उपमहाद्वीप के 4,00,000 मुसलमानों में से कुछ या मध्य पूर्व में अंग्रेजों के साथ लड़ने वाले अरबों ने खून बहाया था।
प्रदर्शन कार्यों के मामले में पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाने से ब्रिटेन में रह रहे मुसलमानों की वफादारी पर सवाल खड़े होते हैं, और इससे एक और सांस्कृतिक युद्ध की शुरुआत हो गई है।
ब्रेवरमैन ने आरोप लगाया की पुलिस ऑफिसर्स का साथ दे रही है, जिसमें अधिकतर मुस्लमान हैं। उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करते हुए उनकी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कंजरवेटिव पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री बैरोनेस सईदा वारसी ने गृह सचिव को ‘खतरनाक और विभाजनकारी’ बताया।
ब्रेवरमैन ने जिस कैबिनेट में कार्य किया, बैरोनेस वारसी ने कहा कि सरकार में ऐसे लोग थे जो खुद को देशभक्त दिखाते हैं लेकिन वे वास्तव में आग लगाने वाले लोग हैं। उन्होंने इस देश को भड़का कर रख दिया। वे एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ खड़ा करते हैं। वे इस तरह की आग लगाते हैं।
ऋषि सुनक को अब इन आगों को बुझाना होगा, लेकिन उन्होंने इसे बहुत लंबे समय तक जलने दिया है। उन्होंने बार बार सुएला ब्रेवरमैन में विश्वास व्यक्त किया।
वह भी ऐसे समय में जब उन्होंने आप्रवासियों पर हमलों के साथ विवाद और आक्रोश को जन्म दिया। ‘वोक’ वामपंथियों के खिलाफ, उसी बहुसंस्कृतिवाद के खिलाफ भी उन्होंने बयान दिए, जिस बहुसंस्कृतिवाद के वजह से विभिन्न समुदाय ब्रिटेन में एक साथ रहते हैं।
लिज ट्रस और सुनक दोनों सरकारों में कैबिनेट मंत्री के रूप में उनकी ‘ग्रेटेस्ट हिट्स’ ( सबसे चर्चित बयान ) के संकलन को डॉग-विसल पॉलिटिक्स और जेनोफोबिया के निराशाजनक पॉलिटिक्स के रूप में देखा जाता है।
उनकी टिप्पणी पर आधिकारिक तौर पर निंदा नहीं की गई, जो दिखाता है कि वो ब्रिटेन में राजनीतिक बहस को दक्षिण पंथ की तरफ ले जाने में सफल रहे हैं।
अप्रवास पर ब्रेवरमैन की नाराजगी
सुएला ब्रेवरमैन के अप्रवास के प्रति लोगों की नफरत को अच्छी तरह से जाना जाता है। ट्रस के तहत गृह सचिव बनने के तुरंत बाद, उन्होंने एक हवाई जहाज के उड़ान भरने की नकल करते हुए एक कंजर्वेटिव सभा को उन्होंने कहा, “रवांडा के लिए उड़ान भरने वाला एक विमान, यह मेरा सपना है, यह मेरा जुनून है।”
पहले गृह मंत्री के रूप में प्रीति पटेल द्वारा तैयार की गई योजना के तहत, जो लोग अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश कर चुके हैं, उन्हें रवांडा भेज दिया जाएगा और ब्रिटेन में शरण पाने के प्रयासों से रोक दिया जाएगा। ब्रेवरमैन ने इस योजना को अच्छे से आगे बढ़ाया।
वास्तव में एक भी विमान ने उड़ान नहीं भरी है, क्योंकि ब्रिटेन के मानवाधिकार कानून के तहत इस योजना को अवैध करार दे दिया गया। फिर भी, ब्रेवरमैन और टोरी राइट ने इस योजना को पूरी तरह से नहीं छोड़ा है। उन्होंने यह समझने की कोशिश नहीं की है कि कोई चैनल क्रॉसिंग को तैर कर पार करने के लिए अपनी जान को जोखिम में क्यों डालेगा।
उन्होंने छोटी नाव से आने वाले अप्रवासियों को दक्षिणी तट पर आक्रमण करने वाला बताया है। विडंबना यह है कि ब्रिटेन अब खुद को यहूदियों का सबसे बड़ा समर्थक बता रहा है।
ब्रेवरमैन का सामना अपने निर्वाचन क्षेत्र में एक अस्सी वर्षीय यहूदी से हुआ, जो हिटलर के होलोकास्ट में जिन्दा बच गए थे। उन्होंने बताया कि वह जिस हिंसक भाषा का प्रयोग करती हैं, वैसी ही भाषा का उपयोग उनके परिवार और लाखों लोगों के खिलाफ किया गया था, ताकि उनकी मृत्यु को सही ठहराया जा सके।
ब्रेवरमैन के विचारों में कोई बदलाव नहीं आया है। उनके भारतीय अप्रवास पर खुल कर आलोचना करने के कारण यूके-इंडिया व्यापार समझौता मुश्किल में पड़ गया।
अक्टूबर 2022 में उन्होंने भारतीय लोगों के लिए वीजा की समय सीमा से अधिक समय तक रुके रहने का आरोप लगाया।
दूसरो पर हमला करते हुए वह भूल जाती हैं कि उनके पिता खुद अप्रवासी थे। अक्टूबर 2023 में उन्होंने कहा कि 20वीं सदी में जिस बदलाव की हवा ने उन्हें दुनिया के एक हिस्से से यहां पहुंचा दिया, उसकी तुलना में अब प्रवास का बवंडर आने वाला है।
मॉरीशस और पूर्वी अफ्रीका के अप्रवासियों की संतान, जो गोवा के रास्ते यहां तक पहुंची हैं, उन्होंने इसी वर्ष अमेरिका में दिए एक भाषण में बहु संस्कृतिवाद पर अपनी नाराजगी दिखाई।
ऐसा तब है, जब वो भारतीय मूल के एक हिंदू प्रधानमंत्री के कैबिनेट का हिस्सा है, उनके साथ ही विदेशी सचिव ( और उनकी उत्तराधिकारी ) सिएरा लियोन ब्रिटिश मूल की हैं, उन्होंने एक साउथ अफ्रीका के यहूदी से शादी की है और खुद एक बौद्ध हैं।
इसके बावजूद वो बहुसंस्कृति को एक विफलता बताते हुए कहती हैं कि, “इसने लोगों को हमारे समाज में आकर भी अलग जीवन जीने दिया।”
इस बयान में ये साफ दिखता है कि क्रूरता कि लोग जिस संस्कृति से आते हैं, उसे छोड़ दें, वे अपने इतिहास और ब्रिटेन आने से पहले अपनी पहचान को भूल जाएं, भले ही वे खुशी या मजबूरी में आए हों, यह सभी प्रवासियों के निष्पक्ष होने और उनकी वफादारी पर सवाल उठाता है।
यह सवाल उनकी आने वाली पीढ़ियों को विरासत में मिलेगा।
विडम्बना
सुएला ब्रेवरमैन अब जा चुकी हैं, अपने विचारों के समर्थन के लिए नहीं, बल्कि खुलेआम अपने बॉस को अनसुना करने के लिए उन्हें बर्खास्त किया गया है।
उनकी जगह लेने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को उनके राजनीतिक जीवन के बाद, विदेश सचिव बनने के लिए संभल कर चाल चलने की जरूरत है।
यह विडंबना स्वीकार करने लायक नहीं है कि जिस प्रधान मंत्री ने ब्रेक्सिट बहस शुरू की, जिसने अप्रवास पर अपशब्द कहना संभव बना दिया, उसे अब आग बुझाने और कंजर्वेटिव पार्टी का अधिक मध्य मार्ग, चुने हुए चेहरे की तरह पेश करने के लिए वापस बुलाया गया है।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जो फेरबदल की सुबह जेम्स क्लेवरली से मिलने की उम्मीद में लंदन गए थे, उस सुबह विदेश कार्यालय में एक नया-पुराना चेहरा देखकर चौकने वाले वो अकेले व्यक्ति नहीं थे।
हालांकि, ब्रिटेन में जो ध्रुवीकरण की आग जल रही है, वह बिल्कुल नई नहीं है, और एक साल तक इस आग में ईंधन डालने की वजह से ये आसानी से नहीं बुझेगी।
लेखिका : परियांजलि मलिक
Source: The Hindu
Post Credit : – www.bhaskar.com