नई दिल्ली: शारिब हाशमी अपने अब तक के एक्टिंग करियर में ‘विक्रम वेधा’, ‘मिशन मजनू’, ‘द ग्रेट इंडियन मर्डर’, ‘शिवशास्त्री बलबोआ’, ‘असुर’, ‘स्कैम’, ‘अफवाह’ और ‘जरा हटके जरा बचके’ जैसी फिल्मों और सीरीज में नजर आ चुके हैं. इन दिनों वह जी5 पर स्ट्रीम हुई फिल्म ‘तरला’ में नजर आ रहे हैं. अपने हर किरदार से एक्टर फैंस का दिल जीत लेते हैं. लेकिन एक्टिंग की दुनिया में आने से पहले उन्होंने कड़ा संघर्ष किया है. एक वक्त तो ऐसा भी रहा है जब उनको ये भी नहीं पता होता था कि कल के खाने का इंतजाम कैसे करना है. आइए जानते हैं एक्टर के संघर्ष की कहानी खुद उनकी ही जुबानी.
News18 Hindi से एक्सक्लूसिव बातचीत में शारिब ने बताया कि क्या खास बात देखकर उन्होंने इस किरदार को निभाने का मन बनाया था. वह बताते हैं,’मुझे इस किरदार में काफी स्कोप नजर आया था. मुझे लगता है कि किसी भी एक्टर को अगर ये फिल्म ऑफर होती तो वो मना नहीं कर पाता. कोई बेवकूफ ही होगा जो इस तरह के किरदार को रिजेक्ट करना चाहेगा. मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता की टाइटल रोल मेरा है या नहीं बस मेरे किरदार की अहमियत अच्छी होनी चाहिए, किरदार कहानी के इर्द गिर्द होना चाहिए. मेरे लिए किसी किरदार में ये अहमियत होना काफी है.
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कभी ऐसा हुआ कि किसी फिल्म ने आपको काफी इंस्पायर किया हो और आपने सोचा हूं कि मैं भी अब यही काम करूंगा. पूछने पर शारिब बताते हैं,’ जब मैंने रॉक ऑन देखी तो उस फिल्म ने मुझे पर बहुत गहरा इंप्रेशन छोड़ा था. मैं उस वक्त जॉब से परेशान था और मुझे कुछ करना था. उस फिल्म ने बहुत इंस्पायर्ड किया. इतना कि मेरे एक्टर बनने के पीछे रॉक ऑन का बहुत बड़ा हाथ है. वो फिल्म मेरे जहन में बस गई थी. उसने मुझे पर बहुत गहरा असर छोड़ा था और उसके बाद जो हुआ वो आप देख ही रहे हैं.
शारिब से जब पूछा गया कि क्या आपकी जिंदगी में कभी ऐसा कोई पल आया है जब आपको लगा हो कि यार सब खत्म हो गया है? सवाल के जवाब में एक्टर की आंखें नम हो जाती हैं वह बताते हैं,’ शुरुआत में जब मैंने जॉब छोड़ी थी तो काफी परेशानियां झेलनी पड़ी थी. मैंने 3 साल तक ऑडिशन दिए लेकिन काम नहीं मिला. एक शॉट फिल्म की तो पैसे नहीं मिले. उस वक्त मैं एक मॉल के बाहर बैठकर सोच रहा था कि क्या करूं किससे पैसे मांगू, मुझे ये भी पता नहीं होता था कि अगले दिन खाना कहां से आएगा? उस वक्त मैंने अपने दोस्त वैभव मोदी को कॉल लगाया और उससे कहा कि मुझे पैसों की बहुत जरूरत है, मुझे कोई काम दिला दो. उस वक्त वो एक शो के लिए काम कर रहा था जोर का झटका जिसे शाहरुख खान होस्ट कर रहे थे. और उन्हें राइटर चाहिए था. उन्होंने मुझे तुरंत अगले दिन बुलाया और एक साइनिंग अमाउंट भी दे दिया.’
बता दें कि जब शारिब से हुमा कुरैशी के बारे में पूछा गया तो वह बताते हैं, ‘ जब ये होती हैं तो सेट पर होती हैं तो माहौल बहुत अच्छा रहती है. खासतौर पर ये दोस्त बनाने में बहुत बेहतरीन इंसान हैं. सबको स्पेशल फील कराने की जो इनमें कला है वो काबिल-ए-तारीफ है. वो जबरदस्ती की दोस्ती नहीं होती वह जो बोलती हैं दिल से बोलती हैं उनसे लगता ही नहीं कि वह सिर्फ सामने वाले को खुश करने के लिए ऐसा कह रही हैं. वह अच्छी एक्ट्रेस होने के साथ-साथ अच्छी इंसान भी हैं.