मुंबईः सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) जब अपने करियर में बुरे दौर से गुजर रहे थे, एक शख्स ने उनकी बिगड़ती किस्मत की नैया पार लगाई थी. ये थे डायरेक्टर प्रकाश मेहरा, जिनकी एक फिल्म ने ना सिर्फ अमिताभ बच्चन की लगातार फ्लॉप फिल्मों का सिलसिला तोड़ दिया बल्कि उन्हें सदी का महानायक बना दिया. जंजीर वो फिल्म थी, जिसने अमिताभ बच्चन के साथ चल रहे फ्लॉप हीरो के टैग को हटाने में उनकी मदद की थी. जंजीर प्रकाश मेहरा के करियर की पहली फिल्म थी, जिसे बनाने के लिए उन्होंने बहुत ज्यादा मेहनत की थी.
जंजीर के लिए प्रकाश मेहरा ने अपनी पत्नी नीरा मेहरा के गहने तक गिरवी रख दिए थे. इंडस्ट्री को हसीना मान जाएगी, जंजीर, मुकद्दर का सिकंदर जैसी फिल्में देने वाले प्रकाश मेहरा की जिंदगी हमेशा उथल-पुथल भरी रही. आज प्रकाश मेहरा की 84वीं बर्थ एनिवर्सरी है, इस मौके पर हम आपको हिंदी सिनेमा को ‘जंजीर’ जैसी सुपरहिट फिल्म देने वाले डायरेक्टर से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं.
नाना ने की परवरिश
प्रकाश मेहरा की प्रोफेशनल लाइफ की ही तरह उनकी पर्सनल लाइफ भी उथल-पुथल भरी रही. उनका बचपन बिना माता-पिता के गुजरा. ऐसे में उनके नाना ने उनकी परवरिश की. दरअसल, जन्म के तुरंत बाद प्रकाश मेहरा की मां का निधन हो गया और उनके पिता ने भी संन्यास ले लिया. जिसके बाद उनके नाना ने उनकी परवरिश की. शायद यही वो वजह है कि प्रकाश मेहरा की फिल्मों में भी बचपन में बिताए अकेलेपन की झलक देखी जा सकती है.
13 रुपये चोरी कर पहुंचे मुंबई
प्रकाश मेहरा ने बचपन से अपने नाना को रेडियो में गाने सुनते देखा था. उन्हें भी गाने का शौक उमड़ पड़ा और उन्होंने ठान लिया कि वह बड़े होकर सिंगर बनेंगे. प्रकाश मेहरा पर सिंगर बनने का ऐसा जुनून था कि वह नाना की तिजोरी से 13 रुपये चोरी करके मुंबई भाग आए. जब वह मुंबई आए, काफी कम उम्र के थे. काम ना मिलने पर उन्होंने सैलून में काम करना शुरू कर दिया. लेकिन, नाना के डर से उन्होंने कभी घर वापस जाने का फैसला नहीं लिया.
कुछ दिनों तक सैलून में नौकरी करने के बाद नाना उन्हें लेने मुंबई आ गए. लेकिन, कुछ दिनों तक नाना के साथ रहने के बाद वह फिर मुंबई लौट आए. मुंबई वापसी के बाद प्रकाश मेहरा ने कई बड़े प्रोडक्शन हाउस के साथ बतौर लिरिक्स राइटर काम करने के लिए ऑफिस के चक्कर काटे. लेकिन, हाथ लगती सिर्फ निराशा. इसी बीच उन्हें एक प्रोडक्शन हाउस में कैमरा हैंडल करने का काम मिल गया. धीरे-धीरे उनका रुझान फिल्म मेकिंग की तरफ हो गया. 1950 में उनका प्रमोशन हुआ और वह प्रोडक्शन कंट्रोलर बन गए.
प्रकाश मेहरा का आज 84वां जन्म दिवस है.
इसके बाद बक्शी प्रोडक्शन्स ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें ‘हसीना मान जाएगी’ डायरेक्ट करने का मौका दिया. हसीना मान जाएगी की सफलता के बाद उनका करियर चल पड़ा. इस दौरान उन्होंने कभी गाने लिखना नहीं छोड़ा. उनके प्रोडक्शन में बनी फिल्मों में आज भी उनके गाने सुनने को मिल जाते हैं. कई फिल्मों के डायरेक्शन के बाद उन्होंने प्रोडक्शन में उतरने का भी मन बना लिया. इसी के साथ उन्होंने जंजीर बनाने का फैसला लिया.