मुंबई. बॉलीवुड में सितारों की बात की जाएगी तो हर आदमी एक्टर्स के नाम फटाफट गिना सकता है. लेकिन एक्टर्स को स्टार्स बनाने की पटकथा लिखने वाले राइटर्स की जिंदगी आज भी आम आदमी से अछूती बनी हुई है. फिल्मों के डायलॉग और कहानियां लिखने वाले राइटर्स भी संघर्ष की एक लंबी खाई पार कर यहां पहुंचते हैं. ऐसा ही एक नाम है लेखिका शुगफ्ता रफीक का.
जिन्होंने अपनी जिंदगी में सफलता के लिए कभी संघर्ष से मुंह नहीं मोड़ा और आज कई फिल्मों की सफलता की कहानी लिख चुकी हैं. बॉलीवुड की मशहूर राइटर शुगफ्ता रफीक का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. आवारापन, राज, मर्डर-2 जैसी कई फिल्मों के डायलॉग और कहानियां लिखने वाली शुगफ्ता भले ही फिल्मी परिवार में बढ़ीं हुईं थीं लेकिन संघर्षों का पहाड़ लांघना पड़ा. शुगफ्ता को बचपन में प्रचंड गरीबी का सामना करना पड़ा.
साथ ही शुगफ्ता एडोप्टेड चाइल्ड थीं, जिसका मोल भी चुकाना पड़ा. बचपन से ही घरवालों के ताने सुनसुनकर बड़ीं हुईं शुगफ्ता ने बेहद गरीबी में अपना समय काटा और उतरन कपड़े पहनकर अपना तन ढंका. बचपन से लेकर जवानी तक संघर्ष की आग में तपने वाली शुगफ्ता की कलम से ऐसे डायलॉग और कहानियां फूंटीं कि आज वे किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं.
शुगफ्ता को बचपन में प्रचंड गरीबी का सामना करना पड़ा.
शुगफ्ता ने हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से जुड़े पहलुओं के बारे में बात की. साथ ही बचपन से लेकर जवानी और फिल्मों में आने के सफर के बारे में भी चर्चा की. शुगफ्ता ने बताया कि उन्हें असली मां-बाप के बारे में कोई जानकारी नहीं है. शुगफ्ता को गोद लिया गया था. शुगफ्ता बॉलीवुड अभिनेत्री सईदा खान की मां द्वारा गोद लीं गईं थीं. सईदा खान 60 और 70 के दशक की मशहूर हीरोइन रहीं हैं और कई फिल्मों में काम किया.
सईदा खान का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. सईदा खान को उनके पति बृज सदाना ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. शुगफ्ता बताती हैं कि मुझे घर में मेरी मां के अलावा मेरी बहन सईदा खान प्यार करती थीं. सईदा खान एक्टिंग कर घर का खर्चा चलातीं थीं. मैं काफी छोटी थी. लेकिन सईदा की शादी के बाद घर में खाने के लाले पड़ गए. मेरी मां घर चलाने के लिए कभी साड़ी तो कभी अन्य सामान बेचकर हमारा पेट भरती थी. कपड़े भी उतरन पहना करते थे. उस दौरान हमारी किसी ने भी मदद नहीं की.
अब डायरेक्टर भी बन गईं हैं शुगफ्ता
शुगफ्ता बतातीं हैं कि आर्थिक तंगी की वजह से मैंने 7वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी थी. साथ ही मुझे गणित समझ नहीं आती थी. लेकिन मेरे आस-पास अंग्रेजी बोलने वाले लोग थे. जिसका मुझपर असर हुआ. शुगफ्ता ने बताया कि उन्होंने अपनी अंग्रेजी ठीक करने का फैसला लिया और घर के पास की लाइब्रेरी में जाकर किताबें पढ़ने लगीं. यहीं से शुगफ्ता को पढ़ने का शौक लगा और उन्होंने अंग्रेजी सुधार ली. मैं एक राइटर बनना चाहती थी. लेकिन कोई मुझे लेखनी के लिए मौका नहीं देता था. हालांकि मुझे डांस के लिए ऑफर आने लगे थे. इसके बाद शुगफ्ता के दोस्त ने उन्हें दुबई में नौकरी करने की सलाह दी. शुगफ्ता दुबई चलीं गईं और उन्होंने यहां बीयर बार में डांसर के तौर पर काम किया. इसके बाद गाने की दुनिया में आ गईं.
मुंबई में भी करना पड़ा स्ट्रगल
शुगफ्ता बताती हैं कि दुबई में काम करने के दौरान मैं गंभीर रूप से बीमार हो गई. इसके बाद मैं घर लौट आई. शुगफ्ता ने बीमारी को मात देकर मुंबई में स्ट्रगल का दौर जारी रखा. शुगफ्ता ने बताया कि कई बार उन्हें काफी कुछ सहना पड़ता था. लोग उन पर गलत नजर भी डालते थे. साथ ही लोगों को मेरी लेखनी से ज्यादा मुझे नचाने में रुचि थी. हालांकि अंत में मेरी प्रतिभा को भी पहचान मिली और आज मैंने कई फिल्मों की कहानियां और डायलॉग्स से दर्शकों के दिल में जगह बनाई है. आज शुगफ्ता बॉलीवुड की जानी मानी लेखिका हैं.