1994 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म, जिसे नहीं मिल रहे थे डिस्ट्रिब्यूटर, एक्टर का नाम सुन बोले थे- ये सोलो हीरो नहीं है

1994 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म, जिसे नहीं मिल रहे थे डिस्ट्रिब्यूटर, एक्टर का नाम सुन बोले थे- ये सोलो हीरो नहीं है

मुंबईः निर्माता मेहुल कुमार ने 1994 में एक ऐसी फिल्म का ऐलान किया, जिसने बॉक्स ऑफिस पर हलचल पैदा कर दी थी. कहने को तो उन्होंने फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई, लेकिन इससे पहले तक आलम ये था कि फिल्म के मेकर्स को डिस्ट्रिब्यूटर तक नहीं मिल रहे थे. ‘कलम वाली बाई, आ गए मेरे खून का तमाशा देखने वाले…’ जैसे डायलॉग वाली फिल्म ‘क्रांतिवीर’ (Krantiveer) जब रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर तबाही मचा दी थी. इस फिल्म में कई दमदार डायलॉग थे और नाना पाटेकर ने इन डायलॉग्स में अपनी आवाज से एक अलग ही जान फूंक दी थी. क्रांतिवीर में नाना पाटेकर (Nana Patekar), डिंपल कपाड़िया, ममता कुलकर्णी, अतुल अग्निहोत्री, डैनी डेंजोंगप्पा, परेश रावल जैसे दमदार एक्टर थे.

जुलाई 1994 में रिलीज हुई क्रांतिवीर में दर्शकों ने देखा कि कैसे एक बड़ा बिजनेसमैन और गुंडा चतुर सिंह (डैनी डेन्जोंगपा) मुंबई के एक चॉल में कब्जा करना चाहता है और वहां एक रिजॉर्ट बनाना चाहता है. इसके लिए वह बस्ती में दंगे भड़का देता है, लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ करने की कोशिश करता है. इन दंगों को शांत कराने और बदला लेने के लिए प्रताप तिलक (नाना पाटेकर) आगे आता है. इस फिल्म को दर्शकों के बीच खूब पसंद किया गया. लेकिन, जब मेहुल कुमार ने इस फिल्म का ऐलान किया था तो लोग इस बात को लेकर खुश नहीं थे कि फिल्म में नाना पाटेकर को बतौर लीड एक्टर लिया जा रहा है.

मेहुल कुमार ने तिरंगा जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म के बाद क्रांतिवीर की घोषणा की थी. लेकिन, जब डिस्ट्रिब्यूटर्स को ये बात पता चली कि क्रांतिवीर फिल्म में मेहुल ने बतौर लीड एक्टर नाना पाटेकर को लिया है तो सभी उन्हें छोटा एक्टर समझकर ना-ना करने लगे थे. इससे पहले काजोल से लेकर श्रीदेवी तक कई एक्ट्रेस भी फिल्म में नाना पाटेकर के साथ काम करने से मना कर चुकी थीं. वहीं डिस्ट्रिब्यूटर्स का कहना था कि नाना पाटेकर सोलो हीरो नहीं हो सकते. अगर वह हीरो का रोल निभाएंगे तो दर्शक फिल्म देखने नहीं आएंगे.

मेहुल ने डिस्ट्रिब्यूटर्स को समझाने की कोशिश की
मेहुल कुमार ने डिस्ट्रिब्यूटर्स को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने. दूसरी तरफ मेहुल कुमार ने अपने दिल की मानी और कह दिया कि आपने जो एडवांस दिया है मैं आपको वापस नहीं कर पाऊंगा, लेकिन अगर आपको फिल्म पसंद नहीं आती है तो मैं आपसे बाकी का पैसा नहीं मांगूंगा. मैं आपको आपके पैसे भी बाद में लौटा दूंगा. ऐसे में ये फिल्म मेहुल के लिए किसी सट्टे की तरह था.

फिल्म की हुई वाहवाही
मुंबई में फिल्म का प्रीमियर हुआ तब वह बेहद टेंशन के बीच नतीजों का इंतजार करने लगे. जब पिक्चर खत्म हुई और डिस्ट्रीब्यूटर्स बाहर आए, जिनमें राजस्थान और मध्यप्रदेश के डिस्ट्रूीब्यूटर भी थे. वे सब मेहुल के पास आए और बोले- ‘क्या फिल्म बनाई है, मजा आवी गया नी बापू. जबरदस्त फिल्म बनाई है.’ फिल्म में नाना के डायलॉग्स पर खूब सीटियां बजी. फिल्म के आखिरी में नाना पाटेकर जबरदस्त स्पीच देते हैं, जो दर्शकों के दिलों में उतर गया था.

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