नई दिल्ली. कहते हैं इंसान की अगर कोई इच्छा मरने से पहले अधूरी रह जाए तो अगले जन्म में उसकी वह इच्छा जरूर पूरी होती है. ऐसी ही एक कहानी फिल्मी पर्दें पर भी देखने को मिली, जहां देवी के प्रताप से एक बार फिर जन्म हुआ वो भी किसी और जगह और किसी और रूप में. मुक्ता बैनर्स के तले एक फिल्म का निर्माण हुआ, जिसका नाम था ‘कर्ज’. साल 1980 में आई इस फिल्म को सुभाष घई ने निर्देशित किया था. 2 घंटे 36 मिनट की इस फिल्म को 27 जून 1980 को रिलीज किया गया था. इस फिल्म में ऋषि कपूर, राज किरण, सिमी ग्रेवाल और प्राण जैसे कई दिग्गज कलाकार नजर आए थे. लेकिन फिल्म के रिलीज होने के ठीक एक हफ्ते के बाद दो दोस्तों की जोड़ी ने फिल्म को ऐसी पछाड़ा कि फिल्म सेमी हिट बनकर ही रह गई थी.
‘एक हसीना थी’..’ओम शांति ओम’ जैसे एवरग्रीन गानों के लिए जाने जानी वाली फिल्म ‘कर्ज’ से ऋषि कपूर को बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी ऐसा फिरा कि वह सदमे में आ गए थे. ये हम नहीं खुद ऋषि कपूर ने स्वीकार किया है. क्यों फिल्म के बुरी तरह से फेल होने पर ऋषि कपूर परेशान हो गए थे. किसने ऋषि कपूर का बॉक्स ऑफिस पर ‘खेल’ बिगाड़ दिया था और क्यों राज कपूर खुद डर गए थे. चलिए बताते हैं आपको 43 साल पहले की वो अनसुनी कहानी…
जब कैमरा फेस नहीं कर पा रहे थे ऋषि कपूर
ऋषि कपूर भले ही दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपनी फिल्मों के जरिए वो आज भी लोगों के दिलों पर राज करते हैं. अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड’ में उन्होंने खुलासा किया है कि कैसे उनकी फ्लॉप पिट गई और क्यों इस बात का असर उनकी जिंदगी बहुत गहरा पड़ा. उन्होंने बताया कि हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनके लिए कैमरा फेस करना मुश्किल हो गया था. कई बार सेट पर बेहोश होते-होते बचे थे.
जब टूट गया विश्वास
फिल्म की बात करते हुए उन्होंने लिखा है, ‘कर्ज से मुझे काफी उम्मीदें थी. मैंने सोचा कि ये फिल्म मेरे करियर में चमत्कार कर देगी. फिल्म में शानदार म्यूजिक, बेहतरीन स्टारकास्ट थी. फिल्म में सभी ने काफी शानदार काम भी किया था. मुझे विश्वास था कि फिल्म अच्छा प्रदर्शन करेगा. हालांकि, जब ऐसा नहीं हुआ तो मैं अंदर से टूट गया.’
ये फिल्म 7 जून 1980 को रिलीज हुई थी.
राज कपूर को होने लगी थी बेटे की चिंता
उन्होंने आगे लिखा, मैं फिल्म की असफलता से काफी उदास रहने लगा था, उस वक्त एक साथ चार फिल्मों की शूटिंग चल रही थी, लेकिन काम में मेरा मन नहीं लगता था. सेट पर जाता तो कैमरे का सामना नहीं कर पाता था. मैं मेकअप रूम में जाकर बैठा रहता था. वहां बैठ कर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी मांगा करता था. मेरे पिता राज कपूर को मेरी सेहत की फिक्र होने लगी थी. उन्होंने जांच के लिए मनोचिकित्सक तक को बुलाया था.’
ऋषि को पहले लगा शादी है कारण
‘कर्ज’ की रिलीज के वक्त ही ऋषि की शादी हुई थी. उन्हें लगा कि शादी की वजह से उनकी फैन बेस में कमी आ गई है. उन्होंने लिखा है कि वो सेट पर कांपने लगते थे, यहां तक कि कभी-कभार बेहोशी की नौबत आ जाती थी.
क्यों फ्लॉप हुई शानदार फिल्म?
दरअसल, ‘कर्ज’ के रिलीज होने के एक हफ्ते बाद जीनत अमान और दो जिगरी दोस्त विनोद खन्ना और फिरोज खान की फिल्म ‘कुर्बानी’ रिलीज हो गई थी, जिसका सीधा असर ऋषि की फिल्म पर पड़ा था. ‘कुर्बानी’ ब्लॉकबस्टर फिल्म साबित हुई. 1980 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली 3 फिल्म ‘कुर्बानी’, ‘आशा’ और ‘राम बलराम’ थी.
ऋषि कपूर को करना पड़ा का अस्पताल में भर्ती
मुंबई मिरर को दिए एक इंटरव्यू में सुभाष घई ने कहा था कि हमने 20 परसेंट कलेक्शन के साथ ओपनिंग की थी. डिस्ट्रीब्यूटर इस 10 आगे की फिल्म बता रहे थे. सुभाष घई ने याद करते हुए बताया कि फिल्म रिलीज के 3 दिन बाद मुझे पता चला कि डिप्रेशन की वजह से ऋषि कपूर हॉस्पिटल में भर्ती हैं. उन्होंने फिल्म के हर सीन के लिए कड़ी मेहनत की थी. हालांकि, थोड़े दिनों के बाद ऋषि ठीक हो गए और फिर एक से बढ़कर एक फिल्में दीं.