40 साल का सफर, 21 हजार से ज्यादा गाए गाने, नहीं मिला एक भी नेशनल अवॉर्ड, बोले- ‘मलाल होता है लेकिन…’-today bollywood latest news in hindi

40 साल का सफर, 21 हजार से ज्यादा गाए गाने, नहीं मिला एक भी नेशनल अवॉर्ड, बोले- ‘मलाल होता है लेकिन…’-today bollywood latest news in hindi

नई दिल्ली.

पिछले 4 दशक से इंडस्ट्री में एक्टिव, 21 हजार से ज्यादा गानों को आवाज देने वाले, 90 के दशक में एक से बढ़कर एक सुपरहिट गानों के जरिए लोगों के दिलों में राज करने वाले कुमार सानू एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. बॉलीवुड में गीत संगीत को बेहद पसंद किया जाता है और इससे दर्शकों ने हमेशा जुड़ाव महसूस किया है. इन दिनों वह ‘गन्स ऐंड गुलाब’ के ‘दो राजी’ गाने को लेकर सुर्खियों में हैं. देश के जनता भले उनके गानों को पसंद करती हो, लेकिन सालों की मेहनत के बाद भी नेशनल अवॉर्ड न मिलने से वह बेहद दुखी हैं.

‘ये बंधन तो…’, ‘चोरी-चोरी दिल तेरा’ जैसे कई गानों को अपनी आवाज देने वाले कुमार सानू को एक-दो नहीं, 5 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड हासिल किए हैं, लेकिन 40 साल के करियर में एक बार भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड हासिल नहीं हुआ, जिसका उन्हें बहुत मलाल है. हाल ही में एक बार फिर उन्होंने ये दुख जाहिर किया.

सिंगर्स को अपना टैलेंट खुद दिखाना पड़ता है

कुमार सानू इन दिनों ‘गन्स ऐंड गुलाब’ का गाना ‘दो राजी’ को लेकर सुर्खियों में हैं. हाल ही में आजतक डिजिटल के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सिंगर्स को अपना टैलेंट खुद दिखाना पड़ता है और उसी के दम पर वो आगे बढ़ते हैं और आगे आने वाले दौर में ये और बढ़ने वाला है. उन्होंने कहा कि मैंने 90 के दशक को बहुत इंजॉय किया है और इसके लिए मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि इंडस्ट्री ने मुझे इस लायक समझा और इतने मौके दिए.

खुद पर कॉन्फिडेंस होना जरूरी

उन्होंने कहा कि ये बड़े दुख की बात है कि आज लोग ये नहीं जानना चाहते कि ये किस फिल्म का गाना है, कौन सिंगर है, किसने गाना लिखा और किसने म्यूजिक दिया, जबकि पुराने दौर में ये नहीं होता था, लोगों को ये सब अच्छे से याद होता था. उन्होंने नए सिंगर्स को ये सजेशन दिया कि उन्हें खुद को जोनर को पहचानना चाहिए और खुद की आवाज पर इतना कॉन्फिडेंस होना चाहिए कि उन्हें कोई रिजेक्सट न कर सके.

‘बुरा लगता है पर अब आदत सी पड़ गई’

नेशनल अवॉर्ड न मिल पाने पर कुमार सानू ने बात की. उन्होंने कि ये बात तो सही है कि मुझे नेशनल अवॉर्ड देना चाहिए. मुझे पद्मभूषण भी मिलना चाहिए था. मैं कहूं कि मुझे दुख नहीं होता, तो गलत होगा. दुख बहुत होता है, जब देखता हूं कि इतना कुछ अचीव करने के बाद भी उसका रिवॉर्ड नहीं मिला है, तो बुरा लगता है. अब तो आदत सी पड़ गई है.

‘मुझे मस्का लगाना नहीं आता’

कुमार सानू ने कहा कि मैं यह बात समझ चुका हूं कि अगर आपकी पहुंच वहां तक नहीं है और आपको मस्का लगाना नहीं आता है, तो आपको यह अवॉर्ड मिल नहीं सकता है. अब तो दर्शक भी इस बात की समझ आ चुकी है कि अप्रोच तगड़ा होगा, तब ही आपको ऐसे अवॉर्ड्स मिलते रहेंगे. ठीक है, कोई बात नहीं है. मेरी तो इतनी पहुंच है नहीं.. कोई जानकारी नहीं है. इसलिए मैं इसे इस बार भी मिस कर गया.

जब सरकार को लगेगा, तब मिलेगा अवॉर्ड

उन्होंने आखिर में कहा कि अगर सरकार को लगेगा, तो जरूर अवॉर्ड देंगे, वर्ना क्या किया जा सकता है. खैर, मुझे इसको लेकर किसी से कोई शिकवा भी नहीं है. आपको बता दें ये पहली बार नहीं है कि जब उन्होंने नेशनल अवॉर्ड न मिल पाने को लेकर उन्होंने ये बात की हो. इससे पहले भी वो इसे लेकर बयाने दे चुके हैं.

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