नई दिल्ली. दिग्गज ओम पुरी एक्टिंग की दुनिया में शानदार अभिनेताओं में से एक रहे. अपने एक्टिंग करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में की तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने व्यवसायिक फिल्मों में भी अपना टैलेंट साबित किया. एक्टर की असली जिंदगी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. संघर्ष की धूम में तपकर ओमपुरी की किस्मत का सितारा चमका था. आइए जानते हैं कैसा रहा था ओम पुरी का फर्श से अर्श तक का सफर.
हिंदी सिनेमा में ओम पुरी ने अपनी जो जगह बनाई वो किसी भी एक्टर के लिए आसान बात नहीं थी. खासतौर पर तब जब आप फिल्मी बैकग्राउंड से ना हो. ओमपुरी के पिता रेलवे और इंडियन आर्मी में थे. एक्टर खुद भी फौजी बनने का सपना देखते हुए बड़े हुए थे. दुनिया भर में अपने हुनर का लोहा मनवा चुके सुपरस्टार ओम पुरी फिल्मी दुनिया के एक ऐसे शख्स थे, जो विवादों से हमेशा दूर रहे. लेकिन विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ते थे.
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संघर्ष की धूप में जलकर चमका सितारा
ओमपुरी ने बचपन से ही काफी संघर्ष किया था. जब वह पांच साल के थे, तभी वह रेल की पटरियों से कोयला बीनकर घर लाया करते थे. 7 साल की उम्र में वे चाय की दुकान पर गिलास धोने का काम करने लगे. अपने जीवन में जो संघर्ष उन्होंने किया वो किसी के लिए भी आसान नहीं था. कड़े संघर्ष के बाद ही एक्टर की किस्मत का सितारा चमका था. एक्टर सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर कॉलेज पहुंचे. हालांकि इस दौरान भी वह छोटी-मोटी नौकरियां भी करते रहते थे. अंग्रेजी ठीक से ना आने के बावजूद उन्होंने बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड में भी काम किया. कॉलेज के दिनों में उन्होंने असिस्टेंट लाइब्रेरियन की नौकरी भी की थी. इस नौकरी से उन्हें 125 रुपये मासिक सैलेरी मिला करती थी. इसे छोड़कर ही उन्होंने थिएटर ज्वाइन कर लिया था.
पहली फिल्म में ही साबित किया था टैलेंट
ओम पुरी ने अभिनय सफर की शुरुआत मराठी सिनेमा से की थी. उनकी पहली मराठी फिल्म ‘घासीराम कोतवाल’ थू. इसके बाद उन्होंने 1980 में फिल्म ‘आक्रोश’ से बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाना शुरू किया. उनकी पहली हिंदी फिल्म ही पर्दे पर धमाल मचाने में कामयाब रही थी. उनके किरदारों में दर्शकों को अपनी ओर खींचने की कला थाी. उन्होंने अपनी फिल्म ‘आरोहण’ और ‘अर्द्ध सत्य’ से लोगों को काफी प्रभावित किया. इन दोनों ही फिल्मों के लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का राष्ट्रीय पुरुस्कार भी दिया गया था. इसके अलावा उन्होंने अलग अलग जोनर की कई फिल्मों में भी दमदार किरदार निभाए. इनमें ‘जाने भी दो यारों’, ‘चाची 420’, ‘हेरा फेरी’, ‘मालामाल वीकली’, ’मिर्च मसाला’ आदि शामिल हैं.
बता दें कि ने बॉलीवुड में धाक जमाने के साथ-साथ हॉलीवुड में भी अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा था. अपने एक्टिंग करियर में उन्होंने ‘सिटी ऑफ जॉय’, वुल्फ, ‘ब्रदर्स इन ट्रबल’, ‘द घोस्ट एंड द डार्कनेस’, ‘सच ए लॉन्ग जर्नी’, ‘द पैरोल ऑफिसर’, ‘हैप्पी नाऊ’ जैसी 20 इंग्लिश फिल्मों में अपने काम से ये साबित किया कि वह हर तरह का काम कर सकते हैं और अपनी कला को साबित कर उन्होंने हॉलीवुड में एक्टिंग का डंका बजाया. लेकिन 6 जनवरी, 2017 को हार्ट अटैक के चलते ये चमकता सितारा हमेशा हमेशा के लिए डूब गया.