यहां के रसगुल्ले का नाम ही है काफी, इसे बनाने का तरीका भी है खास

यहां के रसगुल्ले का नाम ही है काफी, इसे बनाने का तरीका भी है खास

नरेश पारीक/चूरू. मिठाई का स्वाद इसके चाहने वालों से बेहतर शायद कोई और नहीं जानता है. बात अगर मीठे की हो और रसगुल्ले का नाम ना आए ये तो हो ही नहीं सकता. जिसके नाम में ही रस झलकता हो उसका लाजवाब स्वाद किसी को भी दीवाना बना दे. रसगुल्ले तो अमूमन शहरों में बनते और बिकते देखे होंगे. लेकिन राजस्थान के चूरू में बनने वाले स्पेशल स्पंज रसगुल्लों का स्वाद ऐसा है कि जिसने इसका स्वाद एक बार चख लिया वह इसका दीवाना हो जाएगा. ये स्पेशल रसगुल्ला सिर्फ नाम का नहीं बल्कि स्वाद और साइज में भी अन्य रसगुल्लों से खास है.

अमूमन शहरों में बिकने वाले रसगुल्ले से ये स्पेशल रसगुल्ला साइज में दोगुना है जिसका एक पीस 100 ग्राम का है और मखमल जितना सॉफ्ट है. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इस स्पेशल स्पंज रसगुल्ले का स्वाद चख सकते हैं. आम रसगुल्ले से साइज़ में ये स्पंज रसगुल्ला इतना बड़ा है कि आप एक बार मे इसे पूरा नहीं खा सकते है. अपने स्वाद के लिए मशहूर स्पंज रसगुल्ले का ना सिर्फ लोग दूर-दराज से स्वाद चखने आते हैं, बल्कि यहां बनने वाले रसगुल्ले की विदेशो में भी डिमांड है. इसे बनाने वाले कारीगर रामसिंह बताते है कि इसकी बिक्री और डिमांड इतनी है कि रूटीन रसगुल्लों को बनाने के अलावा इसके ऑडर की पूर्ति भी मुश्किल है.

ऐसे बनता है स्पंज रसगुल्ला
स्पंज रसगुल्ला बनाने वाले कारीगर रामसिंह बताते है कि इसे बनाने के लिए सबसे पहले गाय के शुद्ध दूध की आवश्यकता होती है. फिर दूध को गर्म किया जाता है, फिर हल्का ठंडा करके नार्मल खट्टे पानी से फाड़ा जाता है. फिर सूती कपड़े से छानकर छन्ना निकाला जाता है. जिसके बाद छन्ने की परात में मथाई की जाती है और बेर की आकृति दी जाती है फिर भट्टी पर सिक रही चीनी की चासनी में इसे डाला जाता है. उबालने के लिए रिंठा डाला जाता है. करीब 20 मीनट तक चीनी के घोल में भट्टी पर तेज आंच पर सिकाई की जाती है. करीब 20 मीनट ठहराने के बाद स्पंज तैयार हो जाती है. जिसके करीब 2 घंटे बाद ये रसगुल्ला खाने योग्य बनकर तैयार हो जाता है. स्पंज रसगुल्ला बनाने वाले कारीगर रामसिंह और किशन बताते है कि इसे बनाने की पूरी प्रक्रिया में करीब एक घंटे का समय लग जाता है. तैयार होने के बाद उनका ये स्पंज रसगुल्ला बोल साइज यानी एक रसगुल्ले का पीस करीब 100 ग्राम का तैयार होता है जिसके एक पीस की कीमत 15 रुपए है.

हड्डियों के लिए फायदेमंद है रसगुल्ले
एक्सपर्ट की माने तो पीलिया की बीमारी में रसगुल्लों का सेवन करना फायदेमंद होता है. पीलिया के मरीजों को अपनी डाइट में सफेद रसगुल्लों का सेवन करना चाहिए. सफेद रसगुल्लों का सेवन करने से पीलिया की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाती है. रसगुल्लों का सेवन करने से यूरिन इंफेक्शन की समस्या दूर हो सकती है. अगर आप यूरिन इंफेक्शन की समस्या से परेशान हैं तो रोजाना सुबह और शाम रसगुल्लों का सेवन करें. रसगुल्लों का सेवन हड्डियों के लिए काफी फायदेमंद होता है. रसगुल्लों में कैल्शियम काफी मात्रा में पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होता है.

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