हाइलाइट्स
पहलवान महावीर शर्मा की दास्तां
25 साल पहले बिगड़ा गया था मानसिक संतुलन
महावीर परिवार के लोगों भी कई बार हमला कर चुका है
हरवीर शर्मा.
धौलपुर. कभी अखाड़ों में कुश्ती के जौहर दिखाने वाले नामी पहलवान महावीर शर्मा पर कुदरत की ऐसी मार पड़ी कि उसकी जिंदगी अब बेड़ियों में जकड़ गई है. मामला धौलपुर जिले के अंडवा पुरेनी गांव का है. यहां के पहलवान रहे महावीर ने 25 साल पहले अपना मानसिक संतुलन खो बैठे. उनकी इस बीमारी का जगह-जगह इलाज भी कराया, लेकिन बात नहीं बनी. इस पहलवान ने अपने ही परिजनों पर कई जानलेवा हमला कर दिया. तब से परिजन उसे जंजीरों में जकड़कर रखते हैं.
जानकार बताते हैं कि महावीर में पहलवानी का जुनून ऐसा है कि वह आज भी अगर बेड़ी खुल जाए तो वह पहलवानी करने लगता है. उसे बचपन से ही पहलवानी का शौक था. पहलवानी के लिए वह रात-दिन एक करता था. उसे जहां भी दंगल की सूचना मिलती थी वह कुश्ती लड़ने के लिए पहुंच जाता था. वह कई जिलों में कुश्ती दंगल जीतकर भी आया. लेकिन पहलवान ने शायद यह नहीं सोचा होगा कि 25 साल पहले मां रेहना वाली मेले का दंगल उसके लिए आखिरी दंगल साबित होगा.
पेड़ के सहारे बेड़ियों से बांध कर रखा जाता है
बताया जाता है कि मां रेहना वाली मेले में आयोजित एक दंगल में महावीर ने एक पहलवान को ऐसी पटखनी दी कि वह वहीं पर खून की उल्टियां करने लगा. पहलवान के मुंह से निकले खून को देख महावीर सहम गया और उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया. इसके बाद लगातार महावीर की स्थिति बिगड़ती गई. अब हालात ऐसे हैं कि उसे अब एक पेड़ के सहारे बेड़ियों से बांध कर रखा जाता है.
उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के दंगल में कुश्तियां लड़ी हैं
पहलवान महावीर को बेड़ियों से बांधना उसके पिता हरफूल शर्मा की मजबूरी है. पिता हरफूल ने बताया कि बेटे महावीर को अगर खुला रखते हैं तो वह गांव में जाकर लोगों से पहलवानी करने लगता है. ऐसे में डर लगता है कि कहीं कोई घटना ना हो जाए. इसके चलते उसे बेड़ियों से बांधकर रखना पड़ता है. महावीर ने राजाखेड़ा, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के दंगल में कुश्तियां लड़ी हैं.
इलाज कराने में लाखों रुपए खर्च हो गए
महावीर के पिता ने बताया कि बेटे का इलाज कराने के लिए उसने कोई कमी नहीं छोड़ी. दवाइयों के साथ पूजा-पाठ भी कराया, लेकिन महावीर को कोई फायदा नहीं हुआ. पिता ने बताया कि महावीर का इलाज कराने में लाखों रुपए खर्च हो गए, लेकिन वह ठीक नहीं हुआ. हरफूल शर्मा ने बताया कि तकरीबन 25 साल पहले बेटा दंगल लड़ने के बाद वापस लौटा तो वह अजीब सी हरकतें करने लगा.
लाइसेंसी बंदूक निकालकर फायरिंग तक कर दी
परिवार वालों ने पहले तो उसकी इन हरकतों को नजर अंदाज कर दिया. लेकिन एक दिन हरफूल खुद कुंए में मोटर ठीक करने के लिए उतरे तो महावीर ने उन पर ऊपर से बड़े पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. इस दौरान उन्होंने मोटर के नीचे सिर छिपाकर जान बचाई. तब उन्हें पता चला कि बेटे ने मानसिक संतुलन खो दिया है. महावीर गांव में लड़ाई-झगड़े करने लगा. पत्थर बरसाने लगा. कई बार तो उसने घर से लाइसेंसी बंदूक निकालकर फायरिंग तक कर दी.