जयपुर. गरीब-गुरबों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार ने चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की है. इस योजना के तहत लाभार्थियों को 850 रुपये बतौर प्रीमियम का भुगतान करना होता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिरंजीवी योजना को लेकर बड़ी घोषणा की है. सीएम गहलोत ने कहा कि अब इस योजना के लाभार्थियों को प्रीमियम का भुगतान नहीं करना होगा. उनकी तरफ से प्रदेश सरकार प्रीमियम का भुगतान करेगी. बता दें कि इस योजना के तहत लाभार्थी मुफ्त में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाते हैं.
राजस्थान सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और EWS श्रेणी के लाभार्थियों बड़ी राहत देने का ऐलान किया है. चिरंजीवी योजना के लाभार्थियों को बड़ी राहत देते हुए सीएम अशोक गहलोत ने बड़ी घोषणा की है. इन वर्गों का मेडिकल प्रीमियम अब सरकार भरेगी. इन वर्गों को 850 रुपये का चिरंजीवी बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा. इस पर कुल 425 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. प्रदेश सरकार इसका भार उठाएगी. सीएम अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री आवास पर इसकी घोषणा की. इसके साथ ही सीएम ने फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स लैब को भी रवाना किया. सीएम ने 25 मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब और 10 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. सीएम अशोक गहलोत ने 551 करोड़ की लागत से 101 भवनों का शिलान्यास भी किया. इसमें दौसा, धौलपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद, सीकर, सिरोही, टोंक और उदयपुर क्षेत्र शामिल हैं.
771 करोड़ रुपये की सौगात
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि एससी, एसटी, ओबीसी और EWS को चिरंजीवी योजना का लाभ लेने के लिए अब 850 रुपये का चिरंजीवी बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा. इसका खर्च अब राज्य सरकार वहन करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 771 करोड़ की लागत के 249 चिकित्सा संस्थान की भी सौगात दी. सीएम ने 220 करोड़ की लागत से बने 148 चिकित्सा संस्थानों का लोकार्पण किया. साथ ही 551 करोड़ रुपये की लागत से 101 चिकित्सा संस्थानों का शिलान्यास भी किया.
25 मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब और 104 जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस
सीएम गहलोत ने 25 मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब, 10 चिरंजीवी और 104 जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. गहलोत ने सीएमआर में आयोजित अंगदान महादान कार्यक्रम में संबोधित किया. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को हड़ताल नहीं करना चाहिए. वह मुख्यमंत्री के घर के बाहर धरना दें, काली पट्टी बांध लें, लेकिन हड़ताल न करें. उनके लिए काली पट्टी भी काफी है. हड़ताल से मरीजों को काफी तकलीफ होती है. तनख्वाह बढ़ाना हो या एरियर या फिर पे स्केल, पे ग्रेड की बात हो, डॉक्टरों को जिनती सुविधाएं हम दे रहे हैं, उतना कोई और सरकार नहीं दे पा रही है. सीएम ने कहा कि आरएसएस बैकग्राउंड के डॉक्टरों से अपील करना चाहूंगा कि वह भड़काने का काम न करें.