हाइलाइट्स
प्रदेशभर में छात्र आए सड़कों पर
जयपुर.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले अब छात्रसंघ चुनावों को लेकर गदर मच गया है. राज्य सरकार ने इस बार विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए छात्रसंघ चुनाव कराने से इनकार कर दिया है. उसके बाद सूबे में छात्र संगठनों और छात्र नेताओं ने बवाल मचा दिया है. बीजेपी भी छात्रसंघ चुनाव के मसले को लेकर गहलोत सरकार हमलावर हो गई है. इससे मरुधरा का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. छात्र संगठन और छात्र नेता चुनाव कराने की मांग को लेकर जहां विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में घमासान मचा रहे हैं वहीं बीजेपी नेताओं ने सरकार पर आरोपों की बौछार कर रखी है. इससे सियासी पारा तपने लगा है. इस मामले को लेकर हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका भी पेश की गई है.
राजस्थान में अब तक अगस्त माह में ही छात्रसंघ चुनाव होते आए हैं. लिहाजा इस बार भी छात्र संगठन और चुनाव लड़ने वाले छात्र नेता शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही विश्वविद्यालयों में सक्रिय हो गए थे. बीते करीब दो माह से राजधानी जयपुर से लेकर प्रदेश विभिन्न जिलों में छात्र नेताओं के पोस्टर लगी गाड़ियां नजर आने लग गई थी. वहीं जयपुर और जोधपुर सहित तमाम छोटे-बड़े शहरों और कस्बों में भावी प्रत्याशियों के पोस्टर दीवारों पर चस्पा हो गए थे. सबको उम्मीद थी कि जल्द ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी. लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने ऐनवक्त पर चुनाव नहीं कराने का ऐलान कर छात्र नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
प्रदेशभर में मचा हुआ है घमासान
सरकार के इस आदेश के बाद प्रदेशभर में छात्रों घमासान मचा दिया. जगह-जगह प्रदर्शन होने लगे. कोई विवि के छत पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहा है तो कोई कॉलेज के गेट पर घमासान करने में जुटा है. हनुमानगढ़ जिले में एक छात्र ने खून से सीएम के नाम पत्र लिखकर छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग की है. दूसरी तरफ बड़े नेताओं की बयानबाजी भी लगातार जा रही है. बीजेपी और एबीवीपी ने सरकार के इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया है.
राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर बना जंग का मैदान
चुनाव नहीं कराने के आदेश के बाद से राजधानी जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर जंग का मैदान बना हुआ है. वहां आज भी छात्रों ने जमकर हंगामा किया. सड़क पर लेटकर सरकार से चुनाव कराने की गुहार की. बाद में आरयू के गेट पर बैठकर नारेबाजी की. इस दौरान छात्रों ने वीसी सचिवालय में भी जमकर हंगामा किया. आरयू में हो रही गतिविधियों को देखते हुए वहां चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात कर उसे छावनी में तब्दील कर दिया गया.
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
इस बीच इस मसले को लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है. यह याचिका शांतनु पारीक ने दायर की है. इसमें चुनाव पर रोक को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के परिपत्र को चुनौती दी गई है. जनहित याचिका में छात्रसंघ चुनाव को छात्रों का अधिकार बताया गया है. इस याचिका पर हाइकोर्ट की खंडपीठ आगामी दिनों में सुनवाई करेगी. बहरहाल छात्रसंघ चुनावों को लेकर गदर जारी है.