कैबिनेट से हटाने के बाद अब गुढ़ा को कांग्रेस से भी बाहर निकालने की तैयारी

कैबिनेट से हटाने के बाद अब गुढ़ा को कांग्रेस से भी बाहर निकालने की तैयारी

हाइलाइट्स

डायरी ड्रामा और बढ़ा: एक पुराने केस में पूर्व मंत्री के घर पहुंची जोधपुर पुलिस ने बढ़ाई गुढ़ा की मुश्किलें
अब राजेद्र गुढ़ा से किसी भी तरह की समझाइश और समझौता न करके पार्टी से ही निकालेंगे- धारीवाल
आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ या तो गुढ़ा पर मुकदमा करें या डायरी की एफएसएल जांच कराएं-राजेंद्र
‘डायरी में सीएम अशोक गहलोत, उनके बेटे वैभव व ओएसडी के अलावा आरसीए सचिव के नाम शामिल’

एच. मलिक

जयपुर/जोधपुर. राजस्थान में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे लाल डायरी (Red Diary) और सुर्खियों में आ रही है. गहलोत सरकार और बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) लाल डायरी को लेकर एक-दूसरे पर ब्लैकमेलिंग करने के आरोप मढ़ रहे हैं. हालात यह है कि अब गुढ़ा को कांग्रेस पार्टी से निकालने की भी जमीन तैयार कर ली गई है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इसके संकेत दिए हैं. इस बीच पॉक्‍सो एक्ट के तहत दर्ज एक पुराने केस में जोधपुर पुलिस गुढ़ा के घर जा पहुंची है.

लाल डायरी को लेकर विधानसभा में बुधवार को खूब हंगामा हुआ. बीजेपी के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ‘लाल डायरी’ के बारे में सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, ताकि सरकार में ही रहे एक मंत्री जो संगीन आरोप लगाए हैं, उनका सच सामने आए.

‘डायरी ड्रामा’ पर परस्पर ब्लैकमेलिंग के आरोप
राजस्थान के रण में सियासी भूचाल लाने वाली लाल डायरी के बारे में हाल ही में सीएम गहलोत ने कहा कि यह सब कपोल-कल्पित है. न ऐसी कोई डायरी है और न ही गुढ़ा के आरोप सही हैं. वो तो ब्लैकमेल करने के लिए ‘डायरी ड्रामा’ कर रहे हैं. दूसरी ओर गुढ़ा ने दोहराया कि लाल डायरी के बारे में उन्होंने जो भी कहा है, वो अक्षरश: सत्य है। इसीलिए मैं सरकार को नहीं, बल्कि सरकार मुझे ब्लैकमेल कर रही है, ताकि डायरी का सच सबके सामने न आने पाए. दबाव के लिए मुझपर केस बनाए जा रहे हैं. जेल में डालने के लिए पुराने झूठे केस खोले जा रहे हैं. इस बीच जोधपुर पुलिस एक पुराने केस में एक्शन लेते हुए गुढ़ा के घर जा पहुंची है. इससे गुढ़ा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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सीएम, उनके बेटे व ओएसडी और आरसीए सचिन के नाम
इस बीच राजेन्द्र गुढ़ा ने कथित तौर पर लाल डायरी के तीन पन्ने सार्वजनिक कर दिए हैं. गुढ़ा ने दावा किया है कि इन पन्नों में सीएम के करीबी और राजस्थान पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने सीएम के बेटे और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव भवानी सामोता सहित अन्य लोगों से लेन-देन का जिक्र किया है. डायरी के कुछ पन्ने मिसिंग हैं, लेकिन मेरे पास जो पन्ने हैं, उनको में रणनीति के तहत जारी करता रहूंगा. इस डायरी में मुख्यमंत्री के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ की ही हैंडराइटिंग है.

लाल डायरी के पन्नों का सार, जो गुढ़ा ने जारी किए

  • वैभव जी और मेरी दोनों की आरसीए चुनाव खर्चे को लेकर चर्चा हुई कि भवानी सामोता (आरसीए के सचिव) किस तरह तय करके भी लोगों के पैसे नहीं दे रहा है.
  • घर पर राजीव खन्ना और भवानी सामोता आए, आरसीए चुनाव का हिसाब किया…भवानी सामोता ने ज्यादातर लोगों से जो वादा किया है वो पूरा नहीं किया है. मैंने कहा यह ठीक नहीं है. आप इसे पूरा करो तो भवानी सामोता ने कहा कि मैं सीपी साहब की जानकारी में डालता हूं…फिर आपको 31 जनवरी तक बताता हूं.
  • सीएम के पीएस को भी फोन किया और कहा कि आरसीए वाला हिसाब कर दो मुझे जरूरत है. उन्होंने कहा कि सीएम से बात कर बताऊंगा.

गुढ़ा के कोई समझौता नहीं, पार्टी से निकालेंगे
लाल डायरी के सुर्खियों में आने के बाद से सियासी मुद्दा बनने के अलावा अब तक सरकार पर तो कोई आंच नहीं आई है, अलबत्ता खुद राजेंद्र गुढ़ा जरूर इसमें झुलस गए हैं. सीएम गहलोत ने उन्हें सैनिक कल्याण मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया. पुराने केसों की फाइलें भी खुल गईं और अब उन्हें कांग्रेस से निकालने की भी तैयारी अंतिम चरण में है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने साफ कहा कि गुढ़ा से किसी तरह की समझाइश व समझौता नहीं होगा. बल्कि गुढ़ा को पार्टी से निकालने की तैयारी चल रही है. कांग्रेस से किसी को भी निकालने का जो प्रोसीजर होता है, उसके तहत पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कार्यवाही कर रहे हैं.

गुढ़ा को लाल डायरी ईडी को सौंपनी चाहिए
दूसरी ओर लाल डायरी पर बीजेपी हमलावर हो गई है. नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजेन्द्र गुढ़ा ने लाल डायरी की पहली किस्त जारी की है. इसमें सीएम अशोक गहलोत, उनके बेटे वैभव गहलोत, सीएम के ओएसडी के नाम हैं.डायरी में आरसीए के चुनावों में पैसों के लेन-देन का भी जिक्र है और इसे ईडी को सौंपा जाना चाहिए. ऐसे में अगर इन पन्नों में लगाए गए आरोप गलत हैं तो आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ को सामने आकर गुढ़ा पर मुकदमा करना चाहिए. इसकी एफएसएल जांच होनी चाहिए. वहीं, अगर पन्नों में दर्ज बातें सच है तो फिर यह साबित हो गया है कि इस सरकार में बिना लेन देन के कोई काम नहीं होता है.

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