लोकसभा चुनाव 2024 : कांग्रेस के योद्धा राजस्थान में कल से संभालेंगे मोर्चा

लोकसभा चुनाव 2024 : कांग्रेस के योद्धा राजस्थान में कल से संभालेंगे मोर्चा

जयपुर.

में इंडिया बनाम एनडीए में कौन किस पर भारी पड़ेगा ये सवाल तो भविष्य के गर्भ में है. लेकिन चुनावी तैयारियों में बीजेपी पर बढ़त बनाने के मकसद से कांग्रेस चुनाव मैदान में कूद पड़ी है. वर्ष 2024 के घमासान के लिए कांग्रेस के योद्धा मोर्चा संभालने के लिए तैयार हैं. कांग्रेस की ओर से हाल ही में हर लोकसभा क्षेत्रों के लिए नियुक्त किये गये पर्यवेक्षक गुरुवार से वहां जायेंगे और पार्टी की जीत की राहें तलाशेंगे.

राहुल गांधी के बेहद करीबी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री को राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के लिए पार्टी ने सीनियर ऑब्जर्वर बनाया है. वहीं आईएएस से राजनेता बने शशिकांत सैंथिल को ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन दोनों की देखरेख में राजस्थान के पड़ोसी राज्यों के उन नेताओं को एक एक लोकसभा सीट का जिम्मा सौंपा गया है जो वहां के राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को समझकर पार्टी को धरातल पर मिल रही चुनौतियों का आकलन करेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे. वे विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार चयन और चुनाव अभियान से लेकर पूरे चुनाव पर निगरानी रखेंगे.

ये 25 ऑब्जर्वर संभालेंगे कमान

अमित चावड़ा को अजमेर, हिम्मत सिंह पटेल को अलवर, आनंद पटेल को बांसवाड़ा, बलदेव ठाकुर को बाड़मेर, गीता भुक्कल को भरतपुर, शैलेश परमार को बीकानेर, नीरज शर्मा को भीलवाड़ा, प्रदीप भाई दूदावत को चित्तौड़गढ़, राजपाल खारोला को चूरू और किशन पटेल को दौसा लोकसभा क्षेत्र के ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी दी है गई है. नौशाद सोलंकी को श्रीगंगानगर, मोना तिवारी को जयपुर, राव दान सिंह को जयपुर ग्रामीण, रघु देसाई को जालोर, जैनी बेन तुम्मर को झालावाड़ बारां, अमर ठाकुर को झुंझुनूं, सीजी चावड़ा को जोधपुर, शकुंतला खटक को करौली-धौलपुर, इंद्रविजय गोयल को कोटा, अमित सिहाग को नागौर, अमरीश देर को पाली, प्रभु ठोकिया को राजसमंद, अमित मलिक को सीकर, मिर्जा जावेद अली को टोंक-सवाई माधोपुर और कांति कराड़ी को उदयपुर लोकसभा सीट का ऑब्जर्वर बनाया है.

ऑब्जर्वर को कई तरह के आकलन करने हैं

इन सबको केन्द्र सरकार के प्रति जनता के बीच किन मुद्दों पर नाराजगी है उसका भी पता लगाना है. वहीं कौन सा चेहरा लोकसभा चुनाव में पार्टी की नैया को पार लगा सकता है इसका आकलन करना है. इनके सामने चुनौती बड़ी है क्योंकि नौ साल से सूबे में कांग्रेस के सांसदों का सूखा चल रहा है. इस समय प्रदेश में बीजेपी के पास 24 तो एक सीट आरएलपी के पास है. कांग्रेस सभी सांसदों को आये दिन आड़े हाथ लेती है और यह तक कहती है कि किसी भी सांसद ने राजस्थान के लिए मोदी सरकार से कोई काम नहीं कराया. अब चुनावी तैयारियों में बढ़त लेने और पूरी रणनीति के साथ चुनाव लड़ने की कार्ययोजना के साथ कांग्रेस के पर्यवेक्षक मैदान में बीजेपी की कमियां ढूंढते नजर आयेंगे

hindi.news18.com

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