हाइलाइट्स
राजस्थान में भारत आदिवासी पार्टी का गठन
डूंगरपुर.
विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में एक और नई पार्टी का गठन हो गया है. यह पार्टी आदिवासी समुदाय के नेताओं ने मिलकर बनाई है. इस पार्टी का नाम भारत आदिवासी पार्टी (BAP) रखा गया है. राजस्थान के डूंगरपुर जिले में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में इस नई क्षेत्रीय पार्टी का गठन किया गया. इसके लिए राजस्थान समेत चार राज्यों के आदिवासी जुटे. उन्होंने एकजुटता दिखाते हुए ऐलान किया वे बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य दलों का विधानसभा चुनावों में डटकर मुकाबला करेंगे. चुनाव से पहले आदिवासी इलाके में नई क्षेत्रीय पार्टी की लॉन्चिंग से बीजेपी और कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है.
दरअसल विधानसभा चुनाव 2018 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरने और डूंगरपुर जिले में 2 विधायक जीताकर सबको चौंका देने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) अगला चुनाव आने से पहले ही टूटकर बिखर गई. बीटीपी से जीते दोनों विधायकों राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने पिछले दिनों पार्टी छोड़ने का ऐलान कर ही दिया था. उसके साथ ही उन्होंने नई पार्टी के गठन की घोषणा कर दी थी.
सभा में हजारों आदिवासी कार्यकर्ता शामिल हुए
उसी घोषणा को अमली जामा पहनाने के लिए आज नई पार्टी का गठन कर दिया गया. डूंगरपुर के गैंजी खेल मैदान पर पार्टी का लॉन्चिंग कार्यक्रम हुआ. इसमें 4 राज्यों से आए हजारों आदिवासी कार्यकर्ता शामिल हुए. इस मौके पर आयोजित सभा में डूंगरपुर की चोरासी विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजकुमार और सागवाड़ा विधायक रामप्रसाद सहित राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ समेत कई जगहों से आए आदिवासी एकजुट हुए.
दूसरी पार्टियों ने हमेशा आदिवासियों का शोषण किया
सभा को संबोधित करते हुए चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने कहा की देश की आजादी के बाद से आदिवासियों को उनके हक और अधिकार नहीं मिले. कांग्रेस, बीजेपी और दूसरी पार्टियों ने हमेशा आदिवासियों का शोषण किया है. इसलिए हम गुजरात से बीटीपी लेकर आए. लेकिन आज जरूरत आदिवासियों की अपनी पार्टी बनाने की है. इसलिए बीएपी का गठन किया गया है. बीएपी इस साल राजस्थान और मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी. इसके अलावा आने वाले समय में गुजरात, महाराष्ट्र में चुनाव लड़ेंगे.
आदिवासियों के हक और अधिकार दिलाना प्रमुख उद्देश्य
राजकुमार रोत ने कहा की बीएपी का गठन करने का उद्देश्य राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों को मिलाकर एक अलग भील प्रदेश बनाना है. इसके अलावा क्षेत्र में आदिवासियों के हक और अधिकार दिलाना प्रमुख उद्देश्य है. उन्होंने बीटीपी से अलग होने के सवाल पर कहा की गुजरात में बीटीपी नेता के परिवार के लोग आज इस सभा में मौजूद हैं. उनसे कोई अलग नहीं हैं. हमारे यहां जनता अपने उम्मीदवार का चयन करती है. जनता चाहे एक बार चुने या 2, 3 या 4 बार. जनता जिसे चुनेगी वही दावेदार होगा.