चूल्हा चौका…पत्नी और मां का फर्ज निभाते हुए रामकली बनी शिक्षिका, जानें कैसे

चूल्हा चौका…पत्नी और मां का फर्ज निभाते हुए रामकली बनी शिक्षिका, जानें कैसे

मोहित शर्मा/करौली.

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शादी के बाद दोहरी जिम्मेदारियां का भार, पूरे दिनभर का कामकाज व चूल्हा चौका और अपने दो बच्चों को गोद में संभालने की जिम्मेदारी. इन तमाम बातों को बखूबी निभाते हुए पिछड़े क्षेत्र में रहने वाली रामकली मीणा शिक्षिका बन गई हैं. उनके लिए यह सफर तय करना आसान नहीं था. आइए जानते हैं कैसे रामकली ने सभी फर्ज को निभाते हुए यह खूबसूरत सफर तय किया.

वैसे तो अधिकांश लोगों का ऐसा मानना और कहना होता है कि आपकी शादी के बाद पढ़ना मुश्किल होता है. लेकिन रामकली ने महिला होते हुए भी इन सभी जिम्मेदारियां को निभाते हुए और उसके बाद घर पर ही किताबों के जरिए पढ़कर शिक्षिका बनने वाली रामकली की सफलता की कहानी शादी के बाद हार मानने वाले लोगों के लिए वाकई में प्रेरणादायक है.

इस फोटो में आपको रामकली अपने बच्चे के साथ दिखाई दे रही हैं, आप देख पा रहे होंगे उनके पड़ोस में स्टडी टेबल भी रखी हुई. मां का फर्ज निभाते हुए वह साथ-साथ तैयारी भी करती रहीं.

2016 में हुई थी रामकली की शादी

पिछड़े क्षेत्र करणपुर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टोडा गांव की रामकली की शादी 2016 में हुई लेकिन रामकली ने शादी से पहले सजोया शिक्षक बनने का सपना शादी के बाद भी जारी रखा. रामकली के मुताबिक शादी के बाद उन्होंने रीट का एग्जाम 2018 में गर्भवती रहकर दिया था लेकिन उस समय पढ़ाई ठीक से नहीं होने के कारण मेरिट में 6 नंबर कम रहने के चलते वह शिक्षक नहीं बन पाई. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी.

चूल्हा चौका...पत्नी और मां का फर्ज निभाते हुए रामकली बनी शिक्षिका, जानें कैसे
इस फोटो में रामकली अपने परिवार के साथ हैं. यहां पर वह शिक्षक बनने के बाद सभी के साथ खड़े होकर अपनी खुशी जाहिर कर रही हैं.

इसके बाद रामकली ने 2021 में एक बार फिर जमकर तैयारी करके एग्जाम दिया लेकिन उम्र का चक्कर पड़ने के कारण एक बार फिर रामकली को असफलता हाथ लगी. जिसके बाद आज रामकली ने घर का चूल्हा चौखा और दो बच्चों को गोद में संभालते हुए हाल ही में आए रीट 2023 लेवल फर्स्ट के परिणाम में सफलता पाई है.

7 से 8 घंटे की घर पर रहकर की पढ़ाई

रामकली ने बताया कि शिक्षक बनने का यह सपना मैंने घर पर ही किताबों से पढ़कर और अपने दोनों बच्चों को गोद में संभालते हुए पूरा किया है. उन्होंने बताया कि मैं रोज 7 से 8 घंटे की नियमित पढ़ाई करती थी और उसमें भी बीच-बीच में अपने दोनों बच्चों को भी संभालती थी.

चूल्हा चौका...पत्नी और मां का फर्ज निभाते हुए रामकली बनी शिक्षिका, जानें कैसे
रामकली अपने बेटे औऱ बेटी के साथ घर के बाहर खड़ी हुईं.

पति-पत्नी दोनों थे बेरोजगार

रामकली का कहना है कि मुझे शादी के बाद सबसे बड़ी चिंता हम दोनों पति-पत्नियों का बेरोजगार होना लगता था. इसी बात को ध्यान रखते हुए मैं बच्चों को संभालकर और घर के कामकाज को भी करते हुए दिन रात पढ़ाई किया करती थी. तब जाकर आज मुझे सफलता मिल पाई है. उनका कहना है कि उनके पति गांव की खेती-बाड़ी को संभालते हुए, वे भी रेलवे में कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं. रामकली का कहना है कि आगे भी उनका शिक्षक बनने का यह सफर जारी रहेगा. आगे चलकर वह फर्स्ट ग्रेड की अध्यापिका बनना चाहती है.

चूल्हा चौका...पत्नी और मां का फर्ज निभाते हुए रामकली बनी शिक्षिका, जानें कैसे
आप इस तस्वीर के माध्यम से अंदाजा लगा सकते हैं कि रामकली ने कितने मुश्किल दौर में रहकर यह मुकाम हासिल किया, उनकी गोद में बच्चा बैठा हुआ है लेकिन वह बच्चे के साथ-साथ अपनी पढ़ाई कर रही हैं.

दिन-रात मेहनत ने दिलाई सफलता

ऐसे लोग जिनका यह कहना रहता है कि शादी के बाद पढ़ाई नहीं हो पाती, उनके लिए रामकली का कहना है कि शादी की जिम्मेदारी के बाद भी पढ़ाई को कभी नहीं छोड़ना चाहिए. क्योंकि शादी के बाद भी अपने पैरों पर खड़े होने के लिए शिक्षा ही सबसे सर्वप्रिय है. वहीं, रामकली के पति धनराज मीणा का कहना है कि मेरे से पहले पत्नी की इस सफलता से आज मुझे काफी ज्यादा खुशी है. मुझसे ज्यादा जिम्मेदारी निभाने के बावजूद भी इन्होंने दिन-रात मेहनत करके अपना मुकाम हासिल किया है.

hindi.news18.com

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