नरेश पारीक/चूरू. सावन को भोले की भक्ति का विशेष महीना कहा जाता है, जिसमें भोले को रिझाना बड़ा ही आसान है. जी हां, भगवान शंकर को भोला इसलिए कहा जाता है कि भक्त की थोड़ी सी पूजा अर्चना पर भगवान उसके बिगड़े काम बना देते हैं. ज्योतिषाचार्य हरिशंकर दाधीच का कहना है कि सावन एक ऐसा महीना है जिसमें कोई भी इंसान वर्षों से रुके काम और शादी, ब्याह में अड़चन, बाधा आ रही हो या फिर ग्रह क्लेश या कर्ज से परेशान है तो भगवान भोले की आराधना से इन सब से छुटकारा पा सकते हैं.
दिनों के अनुसार भगवान शिव को करें प्रसन्न…
ज्योतिषाचार्य हरिशंकर दाधीच का कहना है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का दिन बहुत विशेष माना गया है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है. इस दिन शिवलिंग पर मात्र एक लोटा जल चढ़ाने से ही भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं.
> भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सबसे अच्छा उपाय माना गया है. कई गंभीर बीमारियों, संकटों और रूकावटों को दूर करने के लिए इस मंत्र का जाप बहुत ही असरदार माना गया है.
> मंगलवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से व्यक्ति को सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.
> धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बुधवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विवाह में आने वाली अड़चने दूर होती हैं. वहीं, वैवाहिक जीवन जीने वाले लोगों का जीवन सुख और शांति से बीतता है.
> गुरुवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पित करने पर घर में मौजूद बच्चों की एकाग्रता में तेजी आती है.
> व्यक्ति नियमित रूप से शुक्रवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाता है तो उसको वैवाहिक जीवन में खुशियां प्राप्ति होती हैं और घर में होने वाले क्लेश से छुटकारा मिलता है.
> शिव पुराण के अनुसार शनिवार के दिन जो भक्त भगवान शिव को एक लोटा जल चढ़ाता है उसे अकाल मृत्यु के भय से छुटकारा मिल जाता है.
> रविवार के दिन जो शिवभक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाता है, भगवान शिव उसके ऊपर बहुत ही प्रसन्न होते हैं और इसके अलावा माता लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती और घर में धन की कोई कमी नहीं रहती है.
जल की धीमी धार
भोले का जलाभिषेक करते समय शांत मन से धीरे-धीरे जल अर्पित करना चाहिए. मान्यता है कि जब हम धीमी धार से महादेव का अभिषेक करते हैं तो महादेव विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं. भोलेनाथ को कभी भी बहुत तेज या बड़ी धारा में जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
इन बातों का रखें ध्यान
महादेव को जल चढ़ाते समय इस बात का विशेष ख्याल रखें कि कभी भी पूर्व दिशा की और मुंह करके जल न चढ़ाएं. पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है. मान्यता के अनुसार इस दिशा में मुख करने से शिवजी के द्वार में बाधा उत्पन्न होती हैं और वह रुष्ट भी हो सकते हैं. इसलिए इस दिशा में कभी भी जल ना चढ़ाएं.
शिव पार्वती दोनों का मिलेगा आशीर्वाद
ज्योतिषाचार्य हरिशंकर दाधीच बताते हैं कि उत्तर दिशा की ओर मुख करके शिवजी को जल अर्पित करें. ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से शिव और पार्वती दोनों का आशीर्वाद मिलता है.