इस शिव मंदिर में हैं 108 लाल शिवलिंग, 12 साल की अग्नि और 12 साल की जल तपस्या के बाद हुई इसकी स्थापना

इस शिव मंदिर में हैं 108 लाल शिवलिंग, 12 साल की अग्नि और 12 साल की जल तपस्या के बाद हुई इसकी स्थापना

मोहित शर्मा/ करौली. पूर्वी राजस्थान के करौली में वैसे तो देवों के देव महादेव के कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिर स्थित हैं. जो अपनी अनेक मान्यताओं के चलते अपनी अलग-अलग पहचान रखते हैं. लेकिन यहां पर एक इकलौता से शिव मंदिर ऐसा है. जिसमें नर्मदेश्वर महादेव के साथ 108 शिवलिंग विराजमान हैं. इतना ही नहीं, इस अद्भुत शिव मंदिर की महिमा इतनी अपरंपार है कि यहां ना केवल सावन मास में बल्कि वर्षभर आसपास के भक्तों सहित भारत के अनेक प्रांतों के श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहता है.

करौली के अतेवा नामक गांव में स्थित इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसका निर्माण एक संत की 24 साल की तपस्या के बाद हुआ हैं. जो यहां के स्थानीय लाल पत्थर से लंबाई में बना हुआ है. इसके अलावा मंदिर में विराजमान 108 शिवलिंग भी यहां पर बहुतायात में निकलने वाले इमरती लाल पत्थर से बने हुए हैं.

मंदिर में प्रवेश लेने से हो जाते हैं 108 जाप

आगरा से अपने परिवार के साथ इस शिव मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालु जितेंद्र कुमार बताते हैं कि हमने इस मंदिर के बारे में लोगों से सुना कि माता केला के दरबार को जाने वाले रास्ते में मोनी बाबा आश्रम के पास एक शिवालय बना हुआ है. जब हम यहां आए तो हमने देखा कि ऐसा शिव मंदिर तो हमारे आगरा में भी नहीं है. वह बताते हैं कि इसकी सबसे बड़ी खासियत इस मंदिर में प्रवेश लेने मात्र से 108 शिवलिंग को गिनने से ही ओम नमः शिवाय के 108 जाप हो जाते हैं.

24 साल की कठोर तपस्या के बाद हुआ निर्माण

गांव की स्थानीय निवासी और वरिष्ठ अध्यापक अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि इस शिवमंदिर का निर्माण संत मोनी बाबा ने 12 साल की अग्नि, 12 साल की जल तपस्या और करीब 29 साल बिना अन्न ग्रहण किए केवल फल खाकर एक कठोर तपस्या के बाद किया था. वर्ष 2017 में बनकर तैयार हुआ यह मंदिर अपने आप में एक ख्याति प्राप्त है. उन्होंने बताया कि करौली जिले और इसके आसपास के क्षेत्रों में यह केवल एकमात्र ऐसा मंदिर है. जहां 108 शिवलिंग विराजमान है.

माला के आधार पर हुआ इसका निर्माण

वहीं, इस मंदिर का निर्माण कराने वाले तपस्वी संत मौनी बाबा ने सलेट पर लिखकर कहा कि जैसे माला में 108 मोती होते हैं. उसी की तर्ज पर उन्होंने 108 शिवलिंग वाला शिवालय बनाया है. जानकारी के अनुसार मोनी बाबा करौली के एक जाने-माने तपस्वी संत है. जिनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है.जो कई सालों से मौन धारण किए हुए हैं. वह लोगों से अपनी बात सलेट पर लिखकर करते हैं. मौनी बाबा ने बताया कि इस मंदिर में 108 शिवलिंगों के साथ एक मुख्य शिवलिंग नर्मदेश्वर महादेव की है.

दूरदराज के भक्तों का रहता है वर्षभर तांता

अतेवा गांव के निवासी गोपाल लाल शर्मा का कहना है कि यह अद्भुत मंदिर संत मोनी बाबा की देन है. इस शिव मंदिर की दोनों दिशाओं में 54 -54 शिवलिंग विराजमान है. यह शिवलिंग भी महाराज जी की इच्छा से करौली – धौलपुर स्टोन से बनवाए गए हैं. उनका कहना है कि सावन माह में यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है. इस मंदिर में दिल्ली, मुंबई,आगरा से लेकर भारत के अनेक प्रांतों के लोग दर्शन करने वर्षभर आते हैं

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