धीरज सांखला/ सिरोही.
राजस्थान के सिरोही से जालौर जाने वाले मार्ग पर वराडा हनुमान जी का मंदिर स्थित है. यह मंदिर हनुमान जी का एक चमत्कारी व ऐतिहासिक मंदिर है. इस मंदिर से संबंधित कई चमत्कारी घटनाएं आज भी लोगों में प्रचलित है. इस मंदिर के कुल दो प्रवेश द्वार है एक जालौर जिले की तरफ से और एक सिरोही जिले की तरफ से हम आपको ले चलते हैं सिरोही जालौर मार्ग पर सिरोही जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर दूर स्थित बालाजी सरकार के पावन धाम श्री वराडा हनुमान जी के मंदिर में.कहा जाता है कि महाभारत काल के दौरान महाराज पांडु के पांचो पुत्र पांडवों का इस मंदिर में आना हुआ है.
श्री वराडा हनुमान जी मंदिर की सबसे प्रभावित करने वाली विशेषता यह है कि श्री हनुमान जी की मूर्ति यहां प्राकृतिक रूप से पाई गई थी. इस मूर्ति की यह विशेषता है कि श्री हनुमान जी ने अपने एक पैर के नीचे शनि महाराज को स्थान दिया है. इस विशालकाय मंदिर के आसपास हर वक्त वानर सेना के दर्शन किए जा सकते हैं. इस मंदिर की एक यह भी विशेषता है कि मंदिर के अंदर ही श्री सुंधा माता जी श्री राम दरबार श्री शनि देव श्री वीर भगवान एवं मंदिर के पार्क के समीप ही कुंवारी कन्या का भी मंदिर है. परिसर में ही यज्ञ शाला भोजन शाला एवं गौशाला भी स्थित है.
मंदिर के अंदर होता है बसों का संचालन
इस मंदिर की दीवारों पर श्री रामचरित्र मानस के समस्त कांड को उद्धत किया गया है. जिससे कि वहां आने वाले श्रद्धालुओं को श्री रामचरितमानस की समस्त जानकारी प्राप्त हो सके. मंदिर की यह खासियत है कि जालौर सिरोही मार्ग पर चलने वाले समस्त वाहन इस मंदिर परिसर के भीतर होकर चलते हैं. यहां तक की रोडवेज बसों का संचालन भी इस मंदिर परिसर के अंदर से होता है. यहां पर चलने वाले समस्त वाहन मंदिर परिसर के भीतर प्रवेश करके वहां पर श्री हनुमान जी के दर्शन कर ही आगे बढ़ते हैं.
स्थानीय लोगों के अनुसार एक घटना भी प्रचलित है, एक समय जालौर से सिरोही की ओर जा रही एक रोडवेज बस जो कि अपने समय से कुछ देरी से चल रही थी. उसमें बैठे यात्री ने बस के कंडक्टर व ड्राइवर से कहा कि बस को वराडा हनुमान जी परिसर के अंदर से ही लेकर चले और 2 मिनट रोक दे. जिससे कि वह बस में बैठे-बैठे ही हनुमान जी के दर्शन कर सके परंतु बस को देरी से चलने के कारण उसके ड्राइवर ने बस को मंदिर परिसर के अंदर से ले जाने के बजाए मंदिर परिसर के बाहर से ही बाईपास कर लिया. मंदिर परिसर निकल जाने के तुरंत बाद ही उसे बस के साथ एक ऐसी चमत्कारी घटना घटित हो गई जिसके साक्षी उस बस के सभी यात्री भी बने.
साक्षात हनुमान जी के सेवक ने दिए थे दर्शन
जैसे ही वह बस मंदिर परिसर से आगे चली वहां पर स्थित पेड़ पर से एक वानर बस का कांच तोड़ के ड्राइवर की सीट के पास आकर बैठ गया और ड्राइवर को चार थप्पड़ जड़ दिए. कुछ देर तक ड्राइवर इस घटना से चकित हो गया तत्पश्चात उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने उसे रोडवेज बस को पुनः मंदिर परिसर में ले जाकर हनुमान जी से समय याचना मांगी और दर्शन कर सिरोही की ओर प्रस्थान किया. इस घटना से यह स्थानीय लोगों का कहना है कि जो वानर कांच तोड़कर बस में प्रवेश हुआ था वह साक्षात हनुमान जी का ही सेवक था. उस घटना से आज दिन तक यहां की सभी रोडवेज बस इस परिसर के अंदर से गुजरती है. यह धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा मुद्दा है न्यूज 18 इसकी पुष्टि नहीं करता है, यह सब जानकारी स्थानीय लोगों से ली गई है.