स्कूल ने स्टूडेंट्स से भरवाए फॉर्म, पूछा कमर-हिप्स का साइज, भड़के पेरेंट्स

स्कूल ने स्टूडेंट्स से भरवाए फॉर्म, पूछा कमर-हिप्स का साइज, भड़के पेरेंट्स

Ashok Singh Bhati

अजमेर.

राजस्थान के अजमेर की फेमस सोफिया कॉलेज द्वारा मांगी गई जानकारियां एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है. आरोप है कि सोफिया स्कूल द्वारा एचकेजी क्लास से लेकर 12th क्लास तक के बच्चों से कुछ प्राइवेट जानकारी मांगी गई है. इस जानकारी का एक फॉर्म वायरल होने के बाद अलग-अलग सामाजिक संगठनों और अभिभावकों की ओर से भी आवाज बुलंद की गई है. इसे लेकर स्कूल प्रबंधन ने भी अपना जवाब दिया और बताया कि सीबीएसई की गाइडलाइन के तहत इस फॉर्म में जानकारी मांगी गई है. इसमें किसी तरह का रिकॉर्ड कहीं शेयर नहीं किया जा रहा.

अजमेर की जयपुर रोड स्थित सोफिया स्कूल की ओर से जारी किया गया एक फॉर्म लगातार वायरल हो रहा है. इस फॉर्म में हेल्थ एंड गेम्स की एक्टिविटीज को ध्यान में रखते हुए जानकारियां मांगी गई है, लेकिन कई ऐसी जानकारियां हैं जो प्राइवेट पार्ट से जुड़ी है. स्कूल में 2500 के करीब लड़कियां अध्यनरत है, जिसे यह जानकारियां मांगी गई है. इस दौरान फॉर्म में वेट, हाइट के साथ ही अन्य जानकारी के अलावा हिप्स और वेस्ट की जानकारी भी मांगी गई है.

बच्चों के परिजनों ने उठाए सवाल

स्कूल द्वारा ऐसी जानकारी को लेकर अभिभावक भी अचंभित में है और अन्य संस्थाओं ने भी सवाल खड़ी किए हैं. उनका कहना है कि इस तरह की जानकारियां फार्म में नहीं लेनी जानी चाहिए. साथ ही इस मेडिकल फार्म के लिए अभिभावकों को अस्पताल के चक्कर भी काटने को मजबूर होना पड़ रहा है. इस मामले को लेकर जब स्कूल की प्राचार्य से बातचीत की तो स्कूल के प्रतिनिधि के रूप में सीनियर टीचर सुधीर तोमर ने बताया कि यह तमाम जानकारियां सीबीएसई की गाइडलाइन के तहत ही ली जा रही है. इसमें किसी तरह की गलत जानकारियां नहीं ली गई है. सारा रिकॉर्ड अभिभावकों के द्वारा ही मंगवाया जा रहा है.

उन्होंने कहा की बच्चों की हेल्थ और उनकी स्केल के साथ ही भारत में किस तरह से उन्हें पार्टिसिपेट किया जा सके, इस उद्देश्य से यह जानकारियां सीबीएसई की ओर सिली जा रही है. उन्होंने बताया कि जनरल इनफार्मेशन के साथ ही हेल्थ चेकअप फॉर्म लिए जा रहे है जिसमें यह तमाम जानकारियां मांगी गई है. इसमें किसी तरह की गलत जानकारियां नहीं डाली गई है. यह जानकारी अभिभावक देना चाहे या नहीं देना चाहे, यह भी उन पर ही निर्भर है. इसमें किसी तरह का दबाव नहीं डाला जा रहा है. बच्चों के स्वास्थ्य और विकास को ध्यान में रखते हुए यह मेजरमेंट लिया जा रहा है.

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स्कूल का फॉर्म वायरल

वहीं इस फॉर्म के लगातार वायरल होने के बाद सामाजिक संगठनों की ओर से इसे गलत बताया गया है. उन्होंने कहा कि किसी भी लड़की की प्राइवेट जानकारियां

स्कूल

द्वारा नहीं मांगी जा सकती और ऐसा दूसरी स्कूलों में नहीं हो रहा है. हाईकोर्ट के भी आदेश है कि इस तरह की जानकारियां नहीं मांगी जानी चाहिए. इसके बावजूद भी अगर स्कूल इस तरह की जानकारियां मांग रहा है तो यह गलत है. इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए. इसे लेकर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की गई है.

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