डेली की दौड़-भाग भरी जिंदगी में लोग खुद के लिए बहुत कम समय निकाल पाते हैं। इस वजह से कहीं न कहीं हेल्थ को लेकर कई लापरवाही होने लगती हैं।
बिजी लाइफस्टाइल में व्यक्ति न तो ढंग से सो पाता है, न ही समय से खा पाता है और न ही रेगुलर एक्सरसाइज करता है। जो कि हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है। यही वजह है कि आजकल लोग ज्यादा बीमार होते हैं।
शरीर में कहीं भी दर्द, सूजन होती है तो नॉर्मली पेनकिलर या बाम लगाकर उसे कुछ समय के लिए ठीक कर लेते हैं। ये जानने की कोशिश नहीं करते कि आखिर ये दर्द क्यों हो रहा है।
कई दिन बाद या प्रॉब्लम बढ़ने पर जब टेस्ट कराते हैं तो पता चलता है कि शरीर में विटामिन डी की कमी है। विटामिन डी, जो कि शरीर के लिए एक बहुत जरूरी विटामिन है।
ऐसे में आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि विटामिन डी की कमी होने पर क्या लक्षण दिखाई देते हैं, किन वजहों से शरीर में विटामिन की कमी होती है, शरीर में विटामिन की कमी न हो, इसके लिए क्या करना चाहिए।
एक्सपर्ट:
डॉ. साईं प्रवीण हरनाथ, सीनियर कंसलटेंट, अपोलो हॉस्पिटल, हैदराबाद
डॉ. जीपी गुप्ता, वरिष्ठ चिकित्सक, बलरामपुर अस्पताल, लखनऊ
सवाल: शरीर के लिए विटामिन डी क्यों जरूरी है?
जवाब: विटामिन डी हमारे शरीर को हेल्दी रखता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने में यह मदद करता है।
सवाल: विटामिन डी क्या होता है?
जवाब: विटामिन डी एक ऐसा विटामिन है, जो शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। विटामिन डी फैट में घुल जाने वाले विटामिन के ग्रुप में आता है। यह शरीर में कैल्शियम और फास्फेट को एब्जॉर्ब करने की क्षमता को बढ़ाता है।
अगर शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाए, तो शरीर सूखा रोग से ग्रस्त हो जाता है। इसे रिकेट्स के नाम से भी जानते हैं।
सूरज की रोशनी में शरीर कोलेस्ट्राल से विटामिन डी को प्रोड्यूस करता है। इसलिए इसे सनशाइन विटामिन कहते हैं।
विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में लेने से बच्चों के साथ-साथ आपको भी अपने डेली के कामों के लिए एनर्जी मिलती है।
एक्सपर्टस के अनुसार पर्याप्त धूप के साथ रोजाना 400 IU (10 ग्राम ) विटामिन डी लेने से आपकी सेहत बनी रहती है।
विटामिन डी दो तरह के होते हैं-
विटामिन D2: इसे एग्रो कैल्सी फेरोल कहते हैं। विटामिन D2 व्यक्ति के शरीर में नहीं होता है। यह विटामिन पौधों से प्राप्त किया जा सकता है। इस विटामिन को पौधे सूरज की पराबैंगनी किरणों की उपस्थिति में बनाते हैं।
विटामिन D3: इसे कोलेकैल्सिफेरॉल कहते हैं। इस विटामिन का निर्माण व्यक्ति के शरीर में ही होता है। यह मनुष्य द्वारा सूरज की किरणों से रिएक्ट होने बनता है।
सवाल: शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर कैसे लक्षण दिखाई देते हैं?
जवाब: इसकी कमी होने पर डेली लाइफ में कई लक्षण दिखाई देते हैं, जिन्हें हम इग्नोर कर देते हैं। इन्हें नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं।
ग्राफिक को पढ़ें और दूसरों के साथ शेयर भी करें।

सवाल: विटामिन डी की कमी किन लोगों में ज्यादा होती है?
जवाब: विटामिन डी की कमी आमतौर पर न्यूट्रीशन की कमी है। जो हर तीसरे इंसान में देखी जा सकती हैं। इन लोगों में विटामिन डी की कमी ज्यादा देखी गई है जैसे-
- जो ज्यादातर बंद जगहों में रहते हैं। जिन्हें खुली हवा और धूप नहीं मिल पाती है।
- जो लोग डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, दही, मक्खन, घी बिल्कुल नहीं खाते हैं।
- जो लोग बीमारी की वजह से बाहर नहीं निकल पाते या नाइट शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं।
- बुजुर्गों और प्रेग्नेंट महिलाओं के शरीर में भी विटामिन डी की कमी पाई जाती है।
- बाईपास सर्जरी करवाने वाले लोगों में विटामिन डी की कमी होती है।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों में विटामिन डी की कमी रहती है।
- मोटापे से ग्रसित लोगों को खतरा अधिक रहता है।
- स्मोकिंग करने वाले लोगों में इसकी कमी ज्यादा होती है।
- टीबी पेशेंट्स को खतरा रहता है।
- कैंसर के मरीजों को विटामिन डी की कमी ज्यादा होती है।
सवाल: विटामिन डी से हड्डियां मजबूत होने के अलावा शरीर को क्या फायदा होता है?
जवाब: विटामिन डी से शरीर को कई फायदे होते हैं, इसलिए शरीर में विटामिन डी कमी न होने दें। जैसे-
- इससे शरीर को एनर्जी मिलती है और हार्मोन लेवल मेंटेन रहता है।
- कई तरह के कैंसर से बचाव होता है।
- हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
- शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सही बनी रहती है।
- इम्यूनिटी बूस्ट कर कई बीमारियों से बचाता है।
- डिप्रेशन और स्ट्रेस लेवल कम होता है।
- बालों का झड़ना कम और दांत मजबूत होते हैं।
- ब्लड शुगर और ग्लूकोज कंट्रोल होता है।
सवाल: ऐसा कहते हैं कि विटामिन डी सिर्फ सूरज की रोशनी से ही मिल सकता है। क्या यह बात सही है?
जवाब: शरीर को 90% विटामिन डी सूरज की रोशनी से ही मिलता है। कुछ खाने की चीजों से भी शरीर को विटामिन डी मिलता है, मगर वह बहुत कम होता है।
सवाल: बहुत लोग इस डर से धूप में नहीं जाते हैं कि स्किन कलर डार्क हो जाएगा, टैनिंग हो जाएगी। ये बात कितनी सही है?
जवाब: असल में धूल और पॉल्यूशन से स्किन पर बुरा असर पड़ता है। इससे स्किन डल और डैमेज हो जाती है। लेकिन जब आप 10 से 20 मिनट तक सुबह की पहली धूप में बैठते हैं तो इससे विटामिन डी शरीर में बनता है और ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता है। इससे स्किन पर ग्लो बना रहता है।
जब आप दिन के समय तेज धूप में रहते हैं तो इससे आपकी स्किन, बालों और हेल्थ को नुकसान हो सकता है।
सवाल: विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए धूप में किस समय और कितनी देर के लिए बैठना चाहिए?
जवाब: धूप में बैठने के लिए इन बातों का रखें ख्याल…
- सुबह 8 बजे के आसपास धूप में बैठना सबसे अच्छा होता है। इस समय प्रदूषण भी कम होता है।
- 30 से 45 मिनट धूप में बैठना चाहिए।
- धूप में बैठते हुए ध्यान रहे कि स्किन का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा खुला रहे। खुली बांह के कपड़े पहन सकते हैं। बिना सॉक्स और कैप के धूप में बैठे।
- सूरज की तरफ पीठ करके बैठना चाहिए।
- सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
सूरज की धूप के अलावा विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए अगर ओवर वेट हैं, तो उसे कंट्रोल करना चाहिए। डाइट में कुछ चीजों को शामिल करना चाहिए।
इससे अगर आप जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं, तो ये परेशानी दूर हो जाएगी और आपका शरीर कई बीमारियों से भी बचा रहेगा।

डाइट अच्छी करने के साथ ही विटामिन डी की कमी से बचने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना भी जरूरी है।
सवाल: किसी को विटामिन डी की कमी है, ये कैसे पता चलेगा?
जवाब: विटामिन डी की कमी का ट्रीटमेंट उसके लक्षणों पर निर्भर करता है। मेडिकल डायग्नोसिस के बाद इस बात का पता चलता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन डी का लेवल कितना है। इसी बेसिस पर डॉक्टर ट्रीटमेंट का प्रोसेस शुरू करते हैं।
यह डायग्नोसिस ब्लड टेस्ट से किया जाता है।
सवाल: विटामिन डी के सप्लीमेंट लेना कितना जरूरी है?
जवाब: यदि ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट कह रही है कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो सप्लीमेंट लेना अनिवार्य है। अकसर हमारे देश में लोग धूप में उतना नहीं बैठते, जितना शरीर की विटामिन डी की जरूरत को पूरा करने के लिए जरूरी है। ऐसे में इस कमी को सप्लीमेंट के जरिए पूरा किया जाना जरूरी है।
Post Credit : – www.bhaskar.com